Ayurvedic Tips: अगर आप भी बढ़ाना चाहते है अपने बच्चे का कन्सन्ट्रेशन और फोकस, तो टॉय करें ये आयुर्वेदिक टिप्स
Ayurvedic Tips: 5 आयुर्वेदिक टिप्स जो आपके बच्चे को कन्सन्ट्रेशन और फोकस करने में मदद करेंगे
Ayurvedic Tips: आज के समय पर हम सभी के पास सूचनाओं की भरमार रहती है ऐसे में किसी के लिए भी डिस्ट्रैक्शन होना आम बात है। ये न सिर्फ बच्चों के साथ होता है बल्कि बड़े लोगों के साथ भी होता है। लेकिन यह सबसे ज्यादा बच्चों के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कल्याण के लिए हानिकारक होती हैं। यह समस्या शुरू में तो हमें ज्यादा महसूस नहीं होती लेकिन जब हम अपने बच्चे को किसी भी काम में कन्सन्ट्रेशन करते नहीं देखते या फिर उससे किसी भी चीज को याद रखने के लिए कठिनाई महसूस करते देखते हैं तो हमें महसूस होता है कि कुछ तो गलत हो रहा है। आपको बता दें कि यह एक बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि बचपन एक ऐसा समय होता है जब बच्चों की मानसिक क्षमताएं विकसित हो रही होती हैं। ऐसे में हमारी सालों पुरानी आयुर्वेद पद्धति बच्चों की एकाग्रता शक्तियों को बढ़ाने के लिए हमें कई तरीके बताती हैं। इसमें हमारे लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़े कुछ बदलाव शामिल होते है। तो चलिए आज हम जानते हैं बच्चों में कन्सन्ट्रेशन और फोकस बढ़ाने के लिए कौन से आयुर्वेदिक टिप्स काम आते हैं।
डाइट: आपने देखा होगा कि आयुर्वेद हमेशा से उन खाद्य पदार्थों से दुरी बनाने को कहता है जो हमारे शरीर में वात बढ़ाते हैं, जैसे ठंडे और डेयरी फूड्स, जंक फूड। आप बच्चों को ये चीजें देने की जगह साधारण, साग युक्त आहार और ताजा पका हुआ खाना दें सकते हैं ये आपके बच्चों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं। ये आपके बच्चे को पढ़ाई, खेल और दिन-प्रतिदिन के कामों में ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इतना ही नहीं अगर आप अपने बच्चे में एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं तो आप उसके शरीर और सिर पर तिल के तेल से मालिश कर सकते है।
मेडिटेशन: मेडिटेशन हमारे लिए कितनी फायदेमंद होता है ये तो शायद हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है। हर रोज आपको कम से कम 10-15 मिनट मेडिटेशन करना चाहिए साथ ही बच्चों को भी सिखाना चाहिए। क्योंकि 10 मिनट का मेडिटेशन भी आपके मन की स्पष्टता और शांति के विकास में बेहद फायदेमंद होता है। बता दें कि बच्चों को भीगे और छिलके वाले बादाम खिलाने से भी दिमागी शक्ति में सुधार होता है। आपको बस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा रात को समय पर सोये और कम से कम 8 घंटे की नींद लें।
कुष्मांड: कुष्मांड एक जड़ी बूटी है। इस जड़ी-बूटी की खासियत यह है कि इससे आप सब्जी के रूप में भी खा सकते है। बता दें कि कुष्मांड एक ट्रैंक्विलाइज़र के रूप में काम करती है और सिज़ोफ्रेनिया और मेमोरी लॉस में उपयोगी होती है।
ब्राह्मी: जड़ी बूटी हमेशा से ही हमारे देश में इस्तेमाल की जाती है। अगर हम ब्राह्मी की बात करें तो ब्राह्मी में बहुत ज्यादा पोषण देने वाले गुण होते है। जिसके कारण यह बच्चों और शिक्षाविदों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह हमारे मस्तिष्क की शक्ति में सुधार करती है और हमारे विचारों में स्पष्टता लती है। साथ ही साथ हमारी याददाश्त को भी तेज करती है।
लाइफस्टाइल: ये बात तो हम सभी लोग जानते है कि हमारा लाइफस्टाइल हमारी सेहत पर कितना असर डालता है। आज के समय पर हम सभी लोगों का लाइफस्टाइल काफी ज्यादा बिजी होता है जिसमें हमारे पास अपने लिए और अपने बच्चों के लिए तक समय नहीं होता। जिसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है इसलिए आपको एक अच्छा लाइफस्टाइल फॉलो करना चाहिए और अपने बच्चों को भी वही सीखना चाहिए।