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Agarbatti Side Effects: अगरबत्ती से निकलता है सिगरेट से 4.5 गुना ज्यादा जहरीला धुआं, घर में रोजाना जलाते हैं तो सेहत को हो सकते हैं गंभीर नुकसान

Agarbatti Side Effects: अगरबत्ती की सुगंध सदियों से भारतीय घरों में बसती रही है। पूजा-पाठ के वक्त उठता धुआं और मन को सुख देने वाली खुशबू, भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगरबत्ती सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों से ही जुड़ी नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी हैं? वहीं, इसकी खुशबू के साथ-साथ कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी होती हैं।

Agarbatti Side Effects: कैसे बनती हैं ये खुशबूदार अगरबत्ती? एक क्लिक में जानें सब कुछ

अगरबत्ती की सुगंध सदियों से भारतीय घरों में बसती रही है। पूजा-पाठ के वक्त उठता धुआं और मन को सुख देने वाली खुशबू, भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगरबत्ती सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों से ही जुड़ी नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी हैं? वहीं, इसकी खुशबू के साथ-साथ कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी होती हैं। आइए, आज इस लेख में अगरबत्ती के विभिन्न पहलुओं पर गौर करें, जानें इसके फायदे और रखें सेहत का ख्याल…

कैसे बनती हैं ये खुशबूदार अगरबत्ती? Agarbatti Side Effects

प्राकृतिक या सिंथेटिक सुगंधित पदार्थों को ज्वलनशील पदार्थों (जैसे लकड़ी का पाउडर) के साथ मिलाकर एक चिकना मिश्रण तैयार किया जाता है। फिर इस मिश्रण को बेलनाकार या छड़ीनुमा आकार दिया जाता है। अंत में, पूरी तरह सूखने के बाद इन्हें पैक कर दिया जाता है। अगरबत्ती बनाने में इस्तेमाल होने वाली सुगंधित सामग्री के अलावा, इनमें ज्वलनशील पदार्थ भी होते हैं, जो जलने पर फॉर्मल्डिहाइड, बेंजीन, टॉल्यूइन और जाइलिन जैसी जहरीली गैसों को छोड़ते हैं।

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया की होती समस्या Agarbatti Side Effects

2008 के एक शोध के अनुसार, अगरबत्ती के धुएं में पाए जाने वाले पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा सिगरेट के धुएं से 4.5 गुना अधिक हो सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि अगरबत्ती सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि यह सिर्फ मात्रा पर आधारित तुलना है। असल खतरा इन पार्टिकुलेट मैटर के आकार में है। ये कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि आसानी से सांस की नली में घुसपैठ कर लेते हैं और वहां जम जाते हैं। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी सांस की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

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सिगरेट के धुएं से ज्यादा नुकसानदेह है अगरबत्ती का धुआं Agarbatti Side Effects

इसके अलावा धार्मिक पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल होने वाली अगरबत्ती को लेकर 2013 में भी एक शोध किया गया था और यह दावा किया गया था कि अंगरबत्ती या धूपबत्ती से निकलने वाला धुआं सिगरेट से निकलने वाले धुएं से ज्यादा नुकसानदेह होता है। अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल लोगों के घरों, मजारों और मंदिरों में बहुतायत मात्रा में किया जाता है। सुगंधित धुओं वाले अगरबत्ती को आस्थामय माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सबको इस बात का पता नहीं है कि इससे उठने वाला धुआं आपके लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर सकता है।

इन बीमारियों का हो सकता है खतरा Agarbatti Side Effects

अगरबत्ती और धूपबत्ती से उठने वाला धुआं आपको श्वसन संबंधी दिक्कतों के अलावा सर दर्द, दिल की बीमारी या फिर कैंसर तक का शिकार बना सकता है। नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है। शोध में कहा गया है कि अगरबत्ती से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड किसी के भी फेफड़ों को खराब कर सकती हैं। इसका प्रभाव बिल्कुल सिगरेट के धुएं जैसा होता है।

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फेफड़ों को खराब करने की है क्षमता Agarbatti Side Effects

शोध में ऐसे दो तरह की अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया गया था जो तकरीबन 96 प्रतिशत घरों में इस्तेमाल की जाती थीं। इन अगरबत्तियों को तीन घंटे तक जलाकर एक कमरे में मानवीय फेफड़ा-कोशिकाओं के साथ रखा गया था। तकरीबन 24 घंटे बाद जब ह्यूमन लंग्स सेल्स की जांच की गई तो पाया गया कि इससे निकलने वाली गैसें फेफड़ों को खराब करने की क्षमता रखती हैं।

ऐसे करें अगरबत्ती का इस्तेमाल Agarbatti Side Effects

अगर आपके घर में पहले से ही कोई सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहा है, अस्थमा या कैंसर जैसी समस्या है, तो ऐसे में अगरबत्ती के इस्तेमाल से पूरी तरह बचना ही बेहतर है। अगर आप फिर भी अगरबत्ती जलाना चाहते हैं, तो हमेशा खिड़कियां खोलकर ऐसा ही करें ताकि धुआं बाहर निकल जाए। प्राकृतिक सुगंधों का इस्तेमाल करना, जैसे कि खिड़की के पास तुलसी या गेंदे का गमला रखना, अगरबत्ती की खुशबू का एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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