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The Trial Season 2 Review: ‘द ट्रायल 2’ रिव्यू, क्या मजबूत कहानी पर मेकर्स का फेल फॉर्मूला?

The Trial Season 2 Review, 2023 में रिलीज़ हुई द ट्रायल का पहला सीजन काजोल की शानदार परफॉर्मेंस के लिए याद किया जाता है। एक मां, पत्नी और प्रोफेशनल वकील के रूप में उनकी एक्टिंग ने दर्शकों का दिल जीत लिया था।

The Trial Season 2 Review : ‘द ट्रायल 2’ रिव्यू, कहानी में खोट, क्या करें इसे देखें या छोड़ें?

The Trial Season 2 Review, 2023 में रिलीज़ हुई द ट्रायल का पहला सीजन काजोल की शानदार परफॉर्मेंस के लिए याद किया जाता है। एक मां, पत्नी और प्रोफेशनल वकील के रूप में उनकी एक्टिंग ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। काजोल के इमोशनल सीन उनकी ताकत हैं, वहीं एक प्रोफेशनल वकील के रूप में उनका अभिनय भी पूरी तरह सटीक है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या काजोल के अलावा सीरीज में और कुछ देखने लायक है या नहीं। आइए जानते हैं विस्तार से।

द ट्रायल सीजन 2 की कहानी

द ट्रायल सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पहला सीजन खत्म हुआ था। नोयोनिका (काजोल) की मर्जी के बिना ही उनके पति राजीव राजनीति में उतर जाते हैं। राजीव के पुराने अफेयर को माफ करते हुए नोयोनिका बच्चों के लिए आगे बढ़ती हैं। सीजन में दिखाया गया है कि नोयोनिका के साथ काम करने वाला विशाल उससे अभी भी प्यार करता है। वहीं प्रोफेशनल फ्रंट पर नोयोनिका अपने काम से कोई समझौता नहीं करती और पर्सनली भी रिश्तों को बिखरने से रोकने की कोशिश करती है। लेकिन उसकी खुद की अंदरूनी लड़ाई को वह नजरअंदाज करती है।

सीजन 2 में दर्शकों को यह देखने को मिलता है कि:

-क्या राजीव चुनाव में सफल हो पाते हैं?

-क्या नोयोनिका बच्चों के खातिर अपने पति के साथ रहती हैं या उन्हें छोड़ देती हैं?

कहानी के इन ट्विस्ट्स और ड्रामेटिक पहलुओं ने सीरीज को रोमांचक बनाना चाहिए था, लेकिन मेकिंग में कुछ कमजोरियां नजर आती हैं।

काजोल की एक्टिंग: दिल को छू लेने वाली

सीरीज की सबसे बड़ी ताकत काजोल ही हैं। उन्होंने न केवल इमोशनल सीन बल्कि कोर्ट रूम ड्रामा में भी अपनी एक्टिंग का लोह मनवाया है। उनके किरदार नोयोनिका में दिखाई गई संवेदनशीलता और प्रोफेशनलिज़्म दर्शकों को बांधे रखता है। काजोल का स्क्रीन प्रेजेंस हर सीन में जीवंत दिखाई देता है। चाहे वह कोर्ट में बहस कर रही हों या परिवारिक ड्रामा सुलझाने की कोशिश कर रही हों, उनकी एक्टिंग हर पल प्राकृतिक और भरोसेमंद लगती है।

अन्य कलाकारों की परफॉर्मेंस

काजोल के अलावा सीरीज में अन्य कलाकार भी अपने रोल में प्रभावशाली हैं।

-जीशु सेनगुप्ता (राजीव) – पति के रोल में अच्छी एक्टिंग करते हैं, लेकिन पहले सीजन की तरह पर्दे पर गहराई नहीं छोड़ पाते।

-शीबा चड्ढा – हर सीन में लाइमलाइट चुरा लेती हैं। उनका स्क्रीन प्रेजेंस और एक्टिंग काफी प्रभावशाली है।

-कुब्रा सैनी – स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी कमाल की है।

-अली खान – उन्होंने भी अपने रोल में बेहतरीन काम किया है।

इन कलाकारों की मेहनत से सीरीज का ड्रामा और किरदारों का गहरापन बढ़ता है। लेकिन कहानी की कमजोरियों के कारण उनका टैलेंट पूरी तरह से चमक नहीं पाता।

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कहानी और मेकिंग की कमजोरियां

हालांकि सीजन 2 की कहानी दिलचस्प थी, लेकिन मेकर्स ने इसे उतनी मजबूती से पेश नहीं किया। कई सीन में ड्रामा और ट्विस्ट्स को ज्यादा खींचा गया है, जिससे कहानी का फ्लो कभी-कभी धीमा महसूस होता है। कोर्ट रूम सीन और पर्सनल ड्रामा के बीच संतुलन ठीक से नहीं बैठता। इसके अलावा, कुछ पात्रों के किरदार और उनकी इमोशंस को पर्याप्त गहराई नहीं दी गई।

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क्या देखें या छोड़ें?

अगर आप काजोल के फैंस हैं, तो सीजन 2 उनके अभिनय के लिए जरूर देखें। उनका स्क्रीन प्रेजेंस और एक्टिंग हर सीन को देखने लायक बनाती है। लेकिन अगर आप कहानी और मेकिंग की कसौटी पर इसे देखें, तो यह सीजन उतना मजबूत नहीं लगता। कुछ कमजोरियों के बावजूद, यह सीरीज मनोरंजन के लिए ठीक-ठाक विकल्प है। द ट्रायल सीजन 2 एक मिश्रित अनुभव देता है। काजोल की शानदार एक्टिंग और अन्य कलाकारों की प्रभावशाली परफॉर्मेंस सीरीज की सबसे बड़ी ताकत हैं। कहानी में ट्विस्ट और ड्रामा का प्रयास है, लेकिन मेकिंग की कमजोरियों के कारण यह सीजन उतना प्रभावशाली नहीं बन पाता।

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