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Sant Tukaram फिल्म से मिला भाषा विवाद को करारा जवाब;हिंदी में बनी मराठी संत की कहानी

Sant Tukaram सिर्फ एक बायोपिक नहीं, बल्कि यह फिल्म आज के समय में समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनकर उभर रही है।

Sant Tukaram: प्रेम और एकता का संदेश बनी फिल्म ‘संत तुकाराम’

Sant Tukaram: महाराष्ट्र सहित जब पूरे देश मे भाषा को लेकर विवाद और बहस तेज होते जा रहे है। तब ऐसे समय मे महान मराठी संत कवि और समाज सुधारक संत Sant Tukaram पर आधारित फिल्म का केवल हिन्दी भाषा  मे रिलीज़ अपने आप मे  विशेष है। फिल्म Sant Tukaram 18 जुलाई को देशभर के  सिनेमाघरों मे रिलीज़ होगी है। दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म को महाराष्ट्र के सभी शहरों में भी केवल हिंदी में रिलीज़ किया जा रहा है।

संघर्ष और जुनून की कहानी

फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक आदित्य ओम ने नई दिल्ली के बिग ओडियन मल्टीप्लेक्स में हुए प्रमोशनल इवेंट में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने इस फिल्म पर कई वर्षों तक रिसर्च की। संत तुकाराम के जीवन, उनके विचारों और उनसे जुड़ी साहित्यिक कृतियों को समझने में उन्होंने गहराई से काम किया। आदित्य ने बताया कि फिल्म की घोषणा के बाद उन्हें धमकियां भी मिलीं, क्योंकि यह फिल्म मराठी की जगह हिंदी में बनाई जा रही थी। लेकिन जब मराठी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता सुबोध भावे इस प्रोजेक्ट से जुड़े, तो उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया।

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भाषा प्रेम की होती है राजनीति की नहीं

   90 से अधिक मराठी फिल्मों में काम कर चुके सुपरस्टार सुबोध भावे ने बताया कि उन्होंने इस किरदार को निभाने के लिए संत तुकाराम पर आधारित ग्रंथ पढ़े और उनके अनुयायियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की , उन्होंने आगे कहा की “यह फिल्म भाषा की राजनीति करने वालों को करारा जवाब है। कोई भी भाषा हमें तोड़ती नहीं, बल्कि जोड़ती है। संतों की भाषा प्रेम की होती है, विवाद की नहीं।

यह फिल्म मेरे करियर का मील का पत्थर

फिल्म की लीड एक्ट्रेस शीना चौहान, जो अब तक 9 फिल्मों में नजर आ चुकी हैं, ने बताया कि यह फिल्म उनके करियर के सबसे यादगार प्रोजेक्ट्स में से एक है और यह फिल्म मेरे करियर का मील का पत्थर साबित होगा । सुबोध भावे जैसे अनुभवी अभिनेता के साथ काम करना उनके लिए एक सौभाग्य रहा। उन्होंने कहा कि फिल्म की शूटिंग कोल्हापुर के ग्रामीण इलाकों में हुई और पूरी टीम ने मराठी संस्कृति को नजदीक से जिया। फिल्म में एक खास भूमिका में दिखाई देंगे टीवी सीरियल रामायण के श्रीराम, अरुण गोविल। वे इस फिल्म में प्रभु विठ्ठल के रूप में नजर आएंगे। निर्देशक आदित्य ओम ने बताया कि उनका किरदार फिल्म की कहानी का एक अहम टर्निंग पॉइंट है।

भाषा विवाद का नहीं, प्रेम का माध्यम है 

पुरुषोत्तम फिल्म्स और Curzon Films के बैनर तले बनी यह फिल्म बताती है कि भाषा विवाद का नहीं, प्रेम और सांस्कृतिक एकता का माध्यम हो सकती है। Sant Tukaram सिर्फ एक बायोपिक नहीं, बल्कि वर्तमान समय में समाज को जोड़ने, संवाद बढ़ाने और सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देने की प्रेरणा है।

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