Pankaj Udhas Death: गजल गायक पंकज उधास का निधन, कुछ महीने पहले डिटेक्ट हुआ था कैंसर, चल रहे थे बीमार
Pankaj Udhas Death: एंटरटेनमेंट जगत से बुरी खबर सामने आई है। लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया है। 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।
Pankaj Udhas Death: नहीं रहे पंकज उधास, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
Pankaj Udhas Death: एंटरटेनमेंट जगत से बुरी खबर सामने आई है। लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया है। 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिवंगत पंकज की बेटी नायाब उधास ने सिंगर की मौत की खबर शेयर की है। पोस्ट में उन्होंने लिखा- बहुत दुख के साथ हमें ये आपको बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार थे।
पंकज उधास के पीआर ने बताया कि सिंगर का निधन 26 फरवरी की सुबह करीबन 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। वो लंबे समय से बीमार थे। बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। सिंगर के निधन की खबर मिलने के बाद म्यूजिक जगत में मातम पसरा हुआ है। पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है। हर कोई सोशल मीडिया पर नम आंखों से सिंगर को आखिरी श्रद्धांजलि दे रहा है।
सदमे में म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन
पंकज उधास के निधन से सेलेब्स दुखी हैं। सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन सदमे में हैं। उनके मुताबिक, पंकज का जाना म्यूजित जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है। जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती। आपको बता दें कि गायक सोनू निगम उनकी मौत पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले लोगों में से थे।
सोनू निगम ने किया भावुक पोस्ट
सोनू निगम ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “मेरे बचपन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आज खो गया है। श्री पंकज उधास जी, मैं आपको हमेशा याद करूंगा। यह जानकर मेरा दिल रोता है कि आप नहीं रहे। जीवन का हिस्सा होने के लिए आपका शुक्रिया। शांति।”
गुजरात में हुआ था जन्म
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में ‘आहट’ नाम से एक ग़ज़ल एल्बम जारी करके की। जल्द ही, वह भारत में ग़ज़ल संगीत का पर्याय बन गए। बॉलीवुड में, ग़ज़ल गायक ने संजय दत्त की फिल्म ‘नाम’ के लिए लोकप्रिय ट्रैक ‘चिट्ठी आई है’ गाया था। यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और इसने सभी को रुला दिया था।
जमींदार परिवार से रखते थे ताल्लुक
जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार राजकोट के पास स्थित एक कस्बा चरखाड़ी में रहा करता था। पंकज उधास के दादा गुजरात के भावनगर स्टेट के दीवान के तौर पर सेवाएं दे चुके थे। पंकज के पिता केशुभाई उधास सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे।
मां को था गीत का शौक
वो इसराज बजाने में बेहद दिलचस्पी लिया करते थे। पंकज ने अपनी मां जीतूबेन से प्रेरित होकर गाना सीखा। क्योंकि उनकी मां को गीत गाने का बहुत ही ज्यादा शौक था। इसकी वजह से ही पंकज के साथ ही उनके भाइयों की भी संगीत में काफी ज्यादा रुचि थी। पर्सनल लाइफ की बात करें तो, पंकज ने फारिदा से शादी की थी। उनकी तीन बेटियां हैं।
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51 हजार का मिला था ईनाम
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक एक्टर भी थे। पंकज ने उनके साथ काम किया और अपने पहले रंगमंच पर ऐ मेरे वतन के लोगों गाया और ऑडियंस उनकी आवाज से कायल हो गए। तब एक दर्शक ने इनाम के तौर पर पंकज को 51 रुपए दिए थे। बाद में पंकज उधास ने संगीत नाट्य अकादमी जॉइन की और तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने एक बार में काम किया।
जारी किए कई एल्बम
आपको बता दें कि पंकज उधास ने पिछले कुछ सालों में कई एल्बम जारी किए और कई लाइव कॉन्सर्ट की मेजबानी भी की, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। संगीत की दुनिया में पंकज उधास ने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं।
कुछ महीने पहले डिटेक्ट हुआ था कैंसर
जानकारी के मुताबिक, गजल गायक पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था और वो पिछले कुछ महीने से किसी से मिल भी नहीं रहे थे। आपको बता दें कि उनका अंतिम संस्कार कल यानी मंगलवार को मुंबई में किया जाएगा।
रातोंरात मिली थी शोहरत
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे। उन्हें ‘चिट्ठी आई है’ गजल से शोहरत मिली। यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ में शामिल थी। पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है।
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