National Film Awards: नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में गूंजा मोहनलाल का नाम, स्पीच ने बनाया पल यादगार
National Film Awards, 23 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर फिल्म इंडस्ट्री की तमाम दिग्गज हस्तियां एक छत के नीचे नजर आईं।
National Film Awards : नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2025, मोहनलाल की भावुक स्पीच पर दर्शक खड़े होकर बजाने लगे तालियां
National Film Awards, 23 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर फिल्म इंडस्ट्री की तमाम दिग्गज हस्तियां एक छत के नीचे नजर आईं। शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, विक्रांत मैसी, करण जौहर और एकता कपूर जैसे सितारों की मौजूदगी ने इस शाम को और भी खास बना दिया। पूरे कार्यक्रम में ग्लैमर और इमोशन्स का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने इसे अविस्मरणीय बना दिया।
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित हुए मोहनलाल
इस बार का सबसे बड़ा आकर्षण साउथ सिनेमा के दिग्गज और मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहनलाल रहे। 65 वर्षीय इस अभिनेता को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। जैसे ही मोहनलाल मंच की ओर बढ़े, वहां मौजूद हर कोई खड़ा हो गया और जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया।
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स्टैंडिंग ओवेशन बना गर्व का पल
किसी भी अभिनेता के लिए सबसे बड़ा सम्मान तब होता है जब दर्शक और इंडस्ट्री के साथी कलाकार उसके लिए खड़े होकर तालियां बजाएं। मोहनलाल के लिए यह पल हमेशा यादगार रहेगा, जब उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन मिला। विज्ञान भवन का पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और हर किसी ने उनके करियर और मेहनत को सलाम किया।
मोहनलाल की भावुक स्पीच ने छू लिया दिल
अवार्ड ग्रहण करने के बाद मोहनलाल ने मंच से जो शब्द कहे, उन्होंने हर किसी के दिल को छू लिया। उन्होंने बड़ी विनम्रता के साथ कहा:
“मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिनिधि के तौर पर, मैं अपने राज्य का दूसरा और सबसे युवा व्यक्ति हूं जिसे यह राष्ट्रीय सम्मान मिला है। यह पल मेरा अकेले का नहीं है, बल्कि पूरी मलयालम इंडस्ट्री का है। यह पुरस्कार हमारी इंडस्ट्री, हमारी विरासत और हमारी क्रिएटिविटी के लिए सामूहिक श्रद्धांजलि है।”
खुशी से झूम उठे सुपरस्टार
मोहनलाल ने यह भी साझा किया कि जब उन्हें इस पुरस्कार की सूचना मिली, तो वे खुशी से फूले नहीं समाए। लेकिन उनकी खुशी का कारण सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान नहीं था, बल्कि यह गर्व भी था कि उन्हें अपनी इंडस्ट्री की आवाज़ को आगे ले जाने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा”मेरे लिए यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह हमारी पूरी इंडस्ट्री की मेहनत और विजन का नतीजा है। सच कहूं तो मैंने कभी इस पल का सपना भी नहीं देखा था। किस्मत ने मुझे यह अवसर दिया है कि मैं यह अवॉर्ड उन सभी कलाकारों और तकनीशियनों की ओर से स्वीकार करूं, जिन्होंने मलयालम सिनेमा को आकार दिया है।”
मलयालम इंडस्ट्री को समर्पित सम्मान
अपने संबोधन में मोहनलाल ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं बल्कि पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का है। उन्होंने इसे उन सभी कलाकारों, निर्देशकों और लेखकों को समर्पित किया जिन्होंने दशकों से अपनी कला और जुनून के जरिए इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी यह विनम्रता और टीम स्पिरिट ने हर किसी का दिल जीत लिया।
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सिनेमा की विरासत और भविष्य पर संदेश
मोहनलाल ने अपने भाषण में भारतीय सिनेमा की समृद्ध विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि यह पुरस्कार आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय सिनेमा की विविधता, भाषा और संस्कृति को आगे भी वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलती रहेगी।
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अविस्मरणीय रात बनी नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स
71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की यह शाम कई मायनों में यादगार रही। जहां एक ओर बॉलीवुड सितारों ने मंच की रौनक बढ़ाई, वहीं मोहनलाल जैसे महान कलाकार की मौजूदगी और उनकी विनम्रता ने इस अवॉर्ड नाइट को ऐतिहासिक बना दिया। मोहनलाल की स्पीच और उनका विनम्र स्वभाव यह साबित करता है कि सच्चे कलाकार की पहचान सिर्फ उसके काम से नहीं, बल्कि उसकी सोच और व्यवहार से भी होती है। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाना किसी भी कलाकार के लिए सबसे बड़ा सम्मान है, और मोहनलाल ने इसे न सिर्फ गर्व बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया। यही कारण है कि उन्हें यह स्टैंडिंग ओवेशन मिला और यह पल भारतीय सिनेमा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।
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