Mithun Chakraborty : बेटे के सपनों के लिए मां ने बेचे गहने, मिथुन चक्रवर्ती को बनाया बॉलीवुड स्टार
Mithun Chakraborty, जिन्हें लोग प्यार से 'डिस्को डांसर' के नाम से जानते हैं, बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय और सफल अभिनेताओं में से एक रहे हैं। लेकिन उनकी सफलता की कहानी इतनी आसान नहीं थी। उनकी सफलता के पीछे संघर्ष और त्याग की ऐसी कहानियां छिपी हैं, जो किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।
Mithun Chakraborty : मिथुन चक्रवर्ती की सफलता के पीछे मां का त्याग, जानिए उनकी संघर्ष भरी कहानी
Mithun Chakraborty, जिन्हें लोग प्यार से ‘डिस्को डांसर’ के नाम से जानते हैं, बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय और सफल अभिनेताओं में से एक रहे हैं। लेकिन उनकी सफलता की कहानी इतनी आसान नहीं थी। उनकी सफलता के पीछे संघर्ष और त्याग की ऐसी कहानियां छिपी हैं, जो किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। खासतौर पर उनकी मां ने अपने बेटे को अभिनेता बनाने के लिए जो कुर्बानियां दीं, वे बहुत बड़ी थीं। उनके इसी संघर्ष और बलिदान की एक महत्वपूर्ण घटना वह थी, जब उनकी मां ने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए अपने सोने के गहने बेच दिए थे।
मिथुन चक्रवर्ती का शुरुआती जीवन
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती था। एक साधारण बंगाली परिवार से आने वाले मिथुन के पास बचपन में अधिक सुविधाएं नहीं थीं। उनका परिवार मध्यमवर्गीय था और आर्थिक स्थिति काफी सामान्य थी। मिथुन को बचपन से ही फिल्मों का शौक था, और वह अभिनेता बनने का सपना देखते थे। हालांकि, एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले मिथुन के लिए यह सफर बेहद कठिन था।
बेटे के सपनों के लिए मां ने बेचे गहने
मिथुन का एक्टिंग कोर्स की मासिक फीस 300 रुपये थे। मां उनके निर्णय में साथ रहीं और बेटे की फीस के लिए अपने सोने के आभूषण बेच दिए। लेकिन मिथुन के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वह उनके सपनों को आर्थिक रूप से सपोर्ट कर सकें। मिथुन के पास भी इतना पैसा नहीं था कि वे मुंबई जाकर अपनी पढ़ाई और जीवनयापन का खर्च उठा सकें।
फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष का दौर
मिथुन चक्रवर्ती जब मुंबई पहुंचे, तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे से एक्टिंग की पढ़ाई की। यह दौर उनके लिए बेहद कठिन था। कई बार उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वह छोटे-मोटे रोल्स के लिए संघर्ष करते रहे।
1976 में, उन्हें अपनी पहली फिल्म ‘मृगया’ में काम करने का मौका मिला, जोकि मृणाल सेन द्वारा निर्देशित थी। इस फिल्म में मिथुन ने अपने बेहतरीन अभिनय के जरिए सबका ध्यान खींचा और उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेकिन उनकी आर्थिक समस्याएं अभी भी समाप्त नहीं हुई थीं। उन्हें एक बड़ी सफलता की जरूरत थी, जो उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जा सके।
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‘डिस्को डांसर’ से मिली बड़ी सफलता
मिथुन चक्रवर्ती के करियर में सबसे बड़ा मोड़ 1982 में आया, जब उन्होंने फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मुख्य भूमिका निभाई। यह फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई और उन्होंने न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। ‘डिस्को डांसर’ के गाने और मिथुन के डांस मूव्स ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मिथुन एक के बाद एक हिट फिल्में देते गए और बॉलीवुड के सुपरस्टार्स की सूची में शामिल हो गए।
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