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Martin Luther King biography: एक सपना जिसने इतिहास बदल दिया, जानिए एक ऐसे किंग की कहानी जो मरकर भी अमर हो गया

Martin Luther King biography: मार्टिन लूथर किंग जूनियर एक ऐसा नाम है, जिसने अमेरिकी इतिहास में सामाजिक समानता और नस्लीय न्याय की लड़ाई को एक नई दिशा दी।

Martin Luther King biography : न्याय की आवाज, मार्टिन लूथर किंग जूनियर की बायोग्राफी

Martin Luther King biography, मार्टिन लूथर किंग जूनियर एक ऐसा नाम है, जिसने अमेरिकी इतिहास में सामाजिक समानता और नस्लीय न्याय की लड़ाई को एक नई दिशा दी। अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर उन्होंने अमेरिका में रंगभेद के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन चलाया। उनके विचार महात्मा गांधी से प्रेरित थे और उन्होंने अपने भाषणों, आंदोलनों और नेतृत्व से लाखों लोगों को न्याय की ओर अग्रसर किया।

Martin Luther का जन्म

Martin Luther King जूनियर का जन्म 15 जनवरी 1929 को अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के अटलांटा शहर में हुआ था। उनके पिता, मार्टिन लूथर किंग सीनियर, एक बैपटिस्ट पादरी थे और माता, एलेबर्टा विलियम्स किंग, एक पढ़ी-लिखी और धार्मिक महिला थीं। मार्टिन का पालन-पोषण एक ऐसे समाज में हुआ जहाँ अश्वेतों को गोरों से कमतर समझा जाता था। रंगभेद और असमानता का सामना उन्हें बचपन से ही करना पड़ा। बचपन में एक श्वेत मित्र के माता-पिता ने मार्टिन से दोस्ती तोड़ दी थी, क्योंकि वह अश्वेत था। यह घटना उनके मन में गहरी छाप छोड़ गई और उन्होंने तभी से तय किया कि वे समाज में फैले इस अन्याय को खत्म करने के लिए कुछ ज़रूर करेंगे।

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शिक्षा और प्रारंभिक प्रभाव

Martin Luther किंग ने 15 साल की उम्र में ही कॉलेज में दाखिला ले लिया था। उन्होंने 1948 में मोरहाउस कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने क्रोज़र थियोलॉजिकल सेमिनरी से धर्मशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की और फिर 1955 में बोस्टन यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. की डिग्री ली। बोस्टन में पढ़ाई के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन के बारे में पढ़ा और उनसे अत्यधिक प्रेरित हुए। उन्होंने गांधीजी के सिद्धांतों को अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आंदोलन का आधार बनाया।

Martin Luther King biography
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वैवाहिक जीवन

Martin Luther किंग ने 1953 में कोरेटा स्कॉट से विवाह किया। कोरेटा स्वयं एक गायिका और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। उनके चार बच्चे हुए। कोरेटा ने अपने पति के मिशन में हमेशा उनका साथ दिया और उनकी मृत्यु के बाद भी उनके आंदोलन को आगे बढ़ाया।

नागरिक अधिकार आंदोलन में भागीदारी

1955 में मोंटगोमेरी, अलबामा में एक घटना हुई जिसने किंग को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। एक अश्वेत महिला, रोजा पार्क्स को बस में गोरे व्यक्ति के लिए सीट छोड़ने से मना करने पर गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के विरोध में मोंटगोमेरी बस बहिष्कार शुरू हुआ, जिसकी अगुवाई मार्टिन लूथर किंग ने की। यह बहिष्कार एक साल तक चला और सुप्रीम कोर्ट ने बसों में रंगभेद को असंवैधानिक घोषित किया। यह आंदोलन किंग के नेतृत्व की पहली बड़ी सफलता थी और यहीं से वे पूरे अमेरिका में एक सशक्त आवाज बन गए। मार्टिन लूथर किंग गांधीजी के अहिंसा सिद्धांत से अत्यधिक प्रभावित थे। उन्होंने अपने आंदोलनों में कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया, बल्कि सत्य, प्रेम और शांति के मार्ग पर चलकर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा था, “अहिंसा एक शक्तिशाली और न्यायपूर्ण हथियार है, जो किसी भी प्रकार की शक्ति से अधिक प्रभावशाली होता है।”

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‘आई हैव ए ड्रीम’ भाषण

28 अगस्त 1963 को वाशिंगटन डी.सी. में लिंकन मेमोरियल के सामने एक विशाल रैली आयोजित की गई, जिसमें करीब 2 लाख लोग शामिल हुए। इस ऐतिहासिक रैली में मार्टिन लूथर किंग ने अपना सबसे प्रसिद्ध भाषण “I Have a Dream” दिया। इस भाषण में उन्होंने एक ऐसे अमेरिका का सपना देखा जहाँ सभी लोग, चाहे वे किसी भी रंग या जाति के हों, समान रूप से रह सकें। उन्होंने कहा,
“मैं सपना देखता हूं कि एक दिन यह राष्ट्र उठेगा और अपने संविधान की उस वास्तविक भावना को साकार करेगा कि सभी मनुष्य समान हैं।” यह भाषण अमेरिकी इतिहास के सबसे प्रेरणादायक भाषणों में से एक माना जाता है।

गोली मारकर की गयी थी हत्या

मार्टिन लूथर किंग को उनके प्रयासों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। वर्ष 1964 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे उस समय के सबसे युवा व्यक्ति थे जिन्हें यह पुरस्कार मिला था। इसके अलावा उन्हें राष्ट्रपति का स्वतंत्रता पदक और कई अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया। 4 अप्रैल 1968 को टेनेसी राज्य के मेम्फिस शहर में मार्टिन लूथर किंग की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे वहाँ सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में गए थे। उनकी हत्या ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया। उनके निधन से अश्वेतों का एक सशक्त नेता चला गया, लेकिन उनकी विचारधारा और संघर्ष आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

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