Mahesh Bhatt: महेश भट्ट बर्थडे स्पेशल, आलिया-पूजा के पिता और बॉलीवुड के अनोखे निर्देशक की जर्नी
Mahesh Bhatt, बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसे फिल्मकार हुए हैं जिन्होंने अपनी फिल्मों और अपनी सोच से सिनेमा को नया आयाम दिया।
Mahesh Bhatt : महेश भट्ट लाइफ स्टोरी, जन्मदिन पर जानें परिवार, करियर और निजी जिंदगी के राज़
Mahesh Bhatt, बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसे फिल्मकार हुए हैं जिन्होंने अपनी फिल्मों और अपनी सोच से सिनेमा को नया आयाम दिया। उन्हीं में से एक नाम है महेश भट्ट। निर्माता, निर्देशक, लेखक और कहानीकार महेश भट्ट भारतीय सिनेमा का वह चेहरा हैं, जो अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने बेबाक बयानों और निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहे। उनका जन्मदिन उनके चाहने वालों के लिए एक खास अवसर होता है, जब वे उनके योगदान को याद करते हैं।
शुरुआती जीवन और परिवार
महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1948 को मुंबई में हुआ। उनके पिता नानाभाई भट्ट गुजराती ब्राह्मण थे और मां शिरीन मोहम्मदी मुस्लिम थीं। बचपन से ही महेश भट्ट का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उनके पारिवारिक हालात और रिश्तों की जटिलता ने उनके व्यक्तित्व को गहराई दी। शायद यही वजह है कि उनकी फिल्में हमेशा यथार्थ के करीब और भावनाओं से भरपूर रहीं। महेश भट्ट ने औपचारिक पढ़ाई के दौरान ही कम उम्र में विज्ञापन और प्रोडक्शन से जुड़े काम शुरू कर दिए थे। उनकी मुलाकात कई क्रिएटिव लोगों से हुई और धीरे-धीरे उनका झुकाव फिल्मों की ओर बढ़ा।
फिल्मी करियर की शुरुआत
महेश भट्ट ने 1974 में फिल्म “मंजिलें और भी हैं” से बतौर निर्देशक करियर की शुरुआत की। हालांकि शुरुआती दौर में उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रहीं। असली पहचान उन्हें 1982 में आई फिल्म “अर्थ” से मिली। यह फिल्म उनकी निजी जिंदगी से प्रेरित थी और इसमें उन्होंने रिश्तों की सच्चाई को बड़े परदे पर उतारा। अर्थ को दर्शकों और आलोचकों दोनों से सराहना मिली।
80 और 90 का दौर
1980 और 90 के दशक में महेश भट्ट ने कई यादगार फिल्में दीं। इनमें सारांश (1984), नाम (1986), काश (1987), जुर्म (1990), दिल है कि मानता नहीं (1991), सड़क (1991), गुमराह (1993) जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी फिल्में अक्सर सामाजिक मुद्दों, रिश्तों की उलझनों और यथार्थवादी कहानियों पर आधारित होती थीं। खासकर सारांश और अर्थ को भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है।
निर्माता और लेखक के तौर पर
निर्देशन के अलावा महेश भट्ट ने निर्माता और लेखक के तौर पर भी खूब काम किया। उनकी कंपनी विशेष फिल्म्स (Vishesh Films) से उनके भाई मुकेश भट्ट जुड़े। इस बैनर तले कई हिट फिल्में बनीं जिनमें राज (2002), जहर (2005), मर्डर (2004), जन्नत (2008), आशिकी 2 (2013) जैसी फिल्में शामिल हैं। महेश भट्ट अपनी कहानियों में भावनाओं और म्यूजिक का बेहतरीन मेल बैठाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों के गाने अक्सर सुपरहिट रहे हैं।
निजी जीवन
महेश भट्ट की निजी जिंदगी हमेशा चर्चा में रही। उनकी पहली पत्नी लॉरेन ब्राइट (जिन्हें किरण भट्ट नाम से भी जाना जाता है) से उनके दो बच्चे हुए – पूजा भट्ट और राहुल भट्ट। बाद में उन्होंने सोनी राजदान से शादी की, जिनसे आलिया भट्ट और शाहीन भट्ट हैं। महेश भट्ट और उनकी बेटियां इंडस्ट्री में खास पहचान रखती हैं। पूजा भट्ट सफल अभिनेत्री और निर्देशक हैं, वहीं आलिया भट्ट आज की टॉप एक्ट्रेस में शुमार हैं।
विवादों से गहरा नाता
महेश भट्ट का नाम हमेशा विवादों से जुड़ा रहा है। उनका निजी जीवन, रिश्तों पर उनके बयान और कई मुद्दों पर उनकी बेबाक राय उन्हें सुर्खियों में बनाए रखते हैं। आलिया भट्ट के साथ उनकी एक तस्वीर को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके अलावा, इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज़्म) को लेकर भी उनका नाम बार-बार सामने आता रहा। लेकिन इन सबके बावजूद महेश भट्ट ने कभी भी अपनी सोच और राय छुपाई नहीं। उन्होंने हमेशा अपनी फिल्मों और जीवन के अनुभवों को खुलकर सामने रखा।
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ओटीटी और नया दौर
हाल के वर्षों में महेश भट्ट निर्देशन से थोड़ा दूर हो गए, लेकिन उनकी प्रोडक्शन कंपनी आज भी सक्रिय है। उनकी फिल्म सड़क 2 (2020) रिलीज़ हुई, जिसे दर्शकों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी। हालांकि इस फिल्म ने आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर और संजय दत्त को साथ लाकर चर्चा जरूर बटोरी। महेश भट्ट अब ज्यादातर लेखन और प्रोडक्शन में सक्रिय रहते हैं। साथ ही, वह इंडस्ट्री के नए टैलेंट को आगे लाने में भी विश्वास रखते हैं।
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महेश भट्ट का योगदान
उन्होंने बॉलीवुड को कई यथार्थवादी और यादगार फिल्में दीं। उन्होंने हमेशा सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों पर फिल्में बनाने का साहस दिखाया। उनके बैनर से नई पीढ़ी के कई कलाकारों और संगीतकारों को मौका मिला। उनकी फिल्मों का संगीत अक्सर चार्टबस्टर साबित हुआ। महेश भट्ट भारतीय सिनेमा का ऐसा नाम हैं, जिन्होंने केवल फिल्में ही नहीं बनाईं बल्कि जीवन और समाज की सच्चाई को पर्दे पर उतारा। वह विवादित जरूर रहे, लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उनके जन्मदिन पर यही कहा जा सकता है कि महेश भट्ट का सफर संघर्ष, जुनून और सिनेमा के प्रति समर्पण की मिसाल है। उन्होंने बॉलीवुड को जो कहानियां और किरदार दिए, वे हमेशा याद रखे जाएंगे।
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