Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi: तुलसी की घर वापसी से डरी पुरानी दुश्मन, शुरू की नई साजिश!
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi, टीवी की दुनिया के सबसे पॉपुलर शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' ने एक नए सीजन के साथ जबरदस्त वापसी की है।
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi : ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लौट आया ड्रामा, तुलसी के साथ लौटी पुरानी रंजिशें
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi, टीवी की दुनिया के सबसे पॉपुलर शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ ने एक नए सीजन के साथ जबरदस्त वापसी की है। पहले ही एपिसोड की शुरुआत होती है तुलसी यानी स्मृति ईरानी के गायत्री मंत्र के जाप से, जो दर्शकों को तुरंत एक आध्यात्मिक और पारंपरिक माहौल में ले जाता है। तुलसी घर के आंगन में तुलसी और वरांदा के महत्व को समझाते हुए पुरानी पारिवारिक परंपराओं को फिर से याद दिलाती हैं।
टाइटल ट्रैक के साथ पुराने और नए किरदारों की झलक
जैसे ही शो का फेमस टाइटल ट्रैक बजता है, तुलसी दर्शकों को अपने नए और पुराने परिवार से मिलवाती हैं। शो में अमन गांधी, रोहित सुचांती, शगुन शर्मा, अंगद और परिधि जैसे नए चेहरे नज़र आते हैं। सभी को एक-एक करके इंट्रोड्यूस किया जाता है और उनकी भूमिकाओं की झलक मिलती है। यह देखकर साफ हो जाता है कि नया सीजन भी परिवार, रिश्तों और इमोशन्स से भरपूर रहेगा।
बा की यादों में डूबी तुलसी
पहले एपिसोड में तुलसी अपने आंगन में पूजा करती हुई नज़र आती हैं। इस दौरान वह अपनी सास ‘बा’ की 38वीं शादी की सालगिरह को याद करती हैं और भावुक हो जाती हैं। तुलसी यह स्वीकार करती हैं कि बा के बिना जीवन बेहद कठिन हो गया है। यह दृश्य बेहद इमोशनल है और दर्शकों को पहले सीजन की याद दिला देता है।
शांति निकेतन में फिर वही भावनात्मक रिश्ता
जैसे पहले सीजन में दिखाया गया था कि तुलसी पूरे परिवार की रीढ़ हैं, ठीक वैसे ही इस सीजन में भी तुलसी घर के हर सदस्य की मदद करती नजर आती हैं। उनकी देखभाल, संस्कार और प्यार शांति निकेतन को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शो एक बार फिर यह साबित करता है कि तुलसी के बिना शांति निकेतन अधूरा है।
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सास की आत्मा से भावनात्मक संवाद
एक अहम मोड़ तब आता है जब तुलसी अपनी सास सविता (अपारा मेहता) से बातचीत करते हुए अचानक रुक जाती हैं और उन्हें ये एहसास होता है कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। यह आत्मिक बातचीत तुलसी को भावनात्मक रूप से झकझोर देती है, और दर्शकों को भी अंदर तक छू जाती है।
पारिवारिक समर्थन और नए साजिश का आगाज़
इस दौरान करण (हितेन तेजवानी) और नंदिनी (गौरी प्रधान) ये निर्णय लेते हैं कि वे अपनी मां तुलसी के साथ घर के कामों में हाथ बटाएंगे। वह मिहिर से भी यही उम्मीद करते हैं। लेकिन इसी बीच, शो में पहली बार दुश्मन की साजिश की झलक भी देखने को मिलती है। पहले ही दिन शो में ऐसा ट्विस्ट आता है जो दर्शकों को चौंका देता है।
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दमदार वापसी, मिस न करें एक भी एपिसोड
29 जुलाई को टेलीकास्ट हुए पहले एपिसोड ने साफ कर दिया कि शो फिर से दर्शकों को इमोशन, ड्रामा और पारिवारिक मूल्यों से भरपूर कहानी देने वाला है। एकता कपूर की यही खासियत है कि उनका हर एपिसोड दर्शकों को जोड़े रखने में सफल होता है। इस वापसी के साथ ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ फिर से एक बार टेलीविजन पर राज करने को तैयार है।
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