Jr NTR : विरासत का बोझ बच्चों पर नहीं डालेंगे जूनियर एनटीआर, “ज्यादा इतिहास खतरनाक होता है”
Jr NTR (एनंदामूरी तारक रामा राव जूनियर), तेलुगु सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता हैं, जिनकी अदाकारी और विरासत का भारतीय फिल्म उद्योग पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। वह अपने दादा, एनटी रामाराव, जो एक महान अभिनेता, राजनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे, की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
Jr NTR : जूनियर एनटीआर, बच्चों को विरासत का बोझ नहीं देना चाहते, जानिए क्यों?
Jr NTR (एनंदामूरी तारक रामा राव जूनियर), तेलुगु सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता हैं, जिनकी अदाकारी और विरासत का भारतीय फिल्म उद्योग पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। वह अपने दादा, एनटी रामाराव, जो एक महान अभिनेता, राजनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे, की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। जूनियर एनटीआर के पिता नंदामूरी हरिकृष्णा भी फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति में सक्रिय रहे हैं। इस प्रकार, जूनियर एनटीआर एक ऐसी परिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं, जिसमें कला, सिनेमा और राजनीति की एक गहरी छाप है।
परिवार की विरासत का प्रभाव
जूनियर एनटीआर के परिवार की विरासत का उनके जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जो तेलुगु सिनेमा और राजनीति में गहरी जड़ें रखता है। उनके दादा एनटी रामाराव एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न सिर्फ फिल्मों में महान योगदान दिया, बल्कि राजनीतिक दुनिया में भी एक बड़ा नाम कमाया। एनटीआर के पिता हरिकृष्णा भी इसी विरासत का हिस्सा रहे हैं।
जूनियर एनटीआर पर नहीं था फिल्मों में आने का प्रेशर
जूनियर एनटीआर के पिता नंदामूरी हरिकृष्णा भी फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति में जुड़े रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक इंटरव्यू में जूनिर एनटीआर ने कहा कि उनपर कभी एक्टिंग के लिए जोर नहीं डाला गया बल्कि ये उनकी अपनी चॉइस थी। लीड रोल में बतौर हीरो डेब्यू करने से पहले जूनियर एनटीआर ने , 90s की शुरुआत में ‘रामायणम’ में बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम किया था।
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अभय और भार्गव नहीं करेंगे फिल्म ?
जूनियर एनटीआर ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके बच्चे उनके परिवार की विरासत के बोझ तले दब जाएं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी राह खुद चुननी चाहिए और खुद की पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वो अपने बेटों अभय और भार्गव के लिए ऐसा व्यक्ति नहीं बनना चाहते जिसे उन्हें फॉलो करना ही पड़ेगा, चाहे जो हो जाए बल्कि वो अपने बच्चों के लिए एक उदाहरण बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘बहुत ज्यादा इतिहास भी बच्चों के लिए अचकचा नहीं होता, मैं उनके लिए अपना सफर खुद तय करने का उदाहरण बनना चाहता हूं। मैं उनपर कोई फैसला थोपने की बजाय, उन्हें एक्सप्लोर करने का मौका देना चाहता हूं, उन्हें अपने लिए खुद फैसला करना होगा।
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