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Dharmendra Last Poem: लीजेंड की आखिरी कविता ने किया सबको भावुक, थिएटर में सुनें धुन और शब्दों का जादू

Dharmendra Last Poem, बॉलीवुड के ही-हीरो धर्मेंद्र ने हमेशा अपने अभिनय और व्यक्तित्व से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है।

Dharmendra Last Poem : धर्मेंद्र की अंतिम कविता का थिएटर में लाइव अनुभव, फैंस के लिए यादगार पल

Dharmendra Last Poem, बॉलीवुड के ही-हीरो धर्मेंद्र ने हमेशा अपने अभिनय और व्यक्तित्व से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। अब उनकी आखिरी लिखी कविता और उनकी अंतिम फिल्म ‘इक्कीस’ ने फैंस के लिए भावुक करने वाला अनुभव तैयार कर दिया है। यह फिल्म सिर्फ युद्ध की वीरता की कहानी नहीं है, बल्कि पिता-पुत्र के रिश्ते और भावनाओं की गहराई को भी दर्शाती है।

धर्मेंद्र की आखिरी कविता का जादू

इक्कीस की टीम ने धर्मेंद्र की अंतिम लिखी कविता को साझा किया, जो दिल को छू लेने वाला अनुभव है। इस कविता में जीवन और मिट्टी के प्रति उनके सच्चे जज़्बात झलकते हैं। टीम ने सोशल मीडिया पर लिखा:“आज भी जी करता है, अपने पिंड को जावां।” इसके साथ उन्होंने कहा, “धरम जी सच में मिट्टी के बेटे थे… उनकी बातों में उसी मिट्टी की महक है। यह कविता एक तड़प है- एक महान कलाकार की तरफ से दूसरे के लिए सलाम।” यह कविता दर्शकों के लिए सिर्फ शब्द नहीं बल्कि एक एहसास है, जो उन्हें धर्मेंद्र की सोच, उनका प्यार और उनके जज़्बे की याद दिलाती है।

फिल्म इक्कीस: वीरता की कहानी

फिल्म ‘इक्कीस’ का निर्देशन नेशनल अवॉर्ड विजेता श्रीराम राघवन कर रहे हैं। यह फिल्म भारत के सबसे कम उम्र के परम वीर चक्र विजेता, अरुण खेतरपाल, की गाथा पर आधारित है। 1971 की बसंतर की लड़ाई में केवल 21 साल की उम्र में देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अरुण खेतरपाल की वीरता को बड़े पर्दे पर जीवंत किया गया है। फिल्म में अगस्त्य नंदा सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल के किरदार में नजर आएंगे। उनकी वीरता, साहस और बलिदान को पर्दे पर खूबसूरती से उभारा गया है। धर्मेंद्र इस कहानी में उनके पिता की भूमिका निभाते नजर आएंगे, जिससे कहानी में इमोशनल और पारिवारिक परतें और भी मजबूत हो जाती हैं।

पिता-पुत्र की भूमिका और भावनात्मक गहराई

धर्मेंद्र की भूमिका फिल्म में सिर्फ पिता नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और देशभक्ति के प्रतीक के रूप में है। उनके संवाद और भावनाएं दर्शकों को सीधे दिल से जोड़ती हैं। अगस्त्य नंदा के साथ उनकी केमिस्ट्री भी देखने लायक है। यह पिता-पुत्र का बंधन दर्शकों को इमोशनल रूप से झकझोर देता है। फिल्म की यह भावना ही इसे साधारण युद्ध फिल्म से अलग बनाती है।

फिल्म में अन्य कलाकार और उनकी भूमिका

फिल्म में धर्मेंद्र और अगस्त्य के अलावा जयदीप अहलावत और सिकंदर खेर जैसे कलाकार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आए हैं।

  • जयदीप अहलावत ने फिल्म में कमांडर की भूमिका निभाई है, जो युद्ध के रणनीतिक फैसलों में अहम है।
  • सिकंदर खेर ने भी महत्वपूर्ण किरदार निभाते हुए कहानी को और प्रभावशाली बनाया है।

इन कलाकारों की दमदार एक्टिंग फिल्म को दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाती है।

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धर्मेंद्र का योगदान और फिल्म की खासियत

धर्मेंद्र सिर्फ अभिनेता नहीं हैं, बल्कि बॉलीवुड की एक जिंदा लीजेंड हैं। उनकी आखिरी कविता और फिल्म इक्कीस दोनों ही दर्शकों के लिए उनके योगदान को यादगार बनाते हैं।

  • कविता ने धर्मेंद्र के सच्चे जज़्बात और मिट्टी से जुड़े होने का एहसास दिलाया।
  • फिल्म ने उनके अभिनय और भावनाओं को बड़े पर्दे पर जीवंत किया।

यह फिल्म न केवल युद्ध की वीरता दिखाती है, बल्कि परिवार, देशभक्ति और सम्मान की भावना को भी प्रमुखता देती है।

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फिल्म की रिलीज और दर्शकों की प्रतीक्षा

फिल्म ‘इक्कीस’ 25 दिसंबर 2025 को थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है। यह तारीख सिर्फ एक फिल्म रिलीज नहीं, बल्कि धर्मेंद्र की विरासत और उनकी आखिरी कविता का सम्मान भी है। फैंस इस दिन बड़े उत्साह और भावनाओं के साथ थिएटर्स में धर्मेंद्र को याद करेंगे। फिल्म और कविता दोनों ही धर्मेंद्र के प्रति श्रद्धांजलि का प्रतीक हैं और यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा अमर रहेंगी। धर्मेंद्र की आखिरी कविता और फिल्म ‘इक्कीस’ फैंस के लिए भावुक कर देने वाला अनुभव है। यह सिर्फ युद्ध या वीरता की कहानी नहीं, बल्कि पिता-पुत्र के बंधन, देशभक्ति और महान कलाकार के जज़्बे की गाथा है। फिल्म में धर्मेंद्र की भूमिका, अगस्त्य नंदा का वीर किरदार और अन्य कलाकारों की दमदार एक्टिंग इसे देखने लायक बनाती है। 25 दिसंबर को यह फिल्म और धर्मेंद्र की कविता दोनों ही हमेशा के लिए दर्शकों के दिलों में बस जाएंगी।

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