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Budget : नहीं मिली एंटरटेनमेंट टैक्स में कोई छूट, पहलाज निहलानी ने GST हटाने की मांग की

बॉलीवुड और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति इस समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। हाल के Budget में एंटरटेनमेंट टैक्स में राहत न मिलने से इंडस्ट्री के कई सदस्य निराश हैं। पहलाज निहलानी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि GST को टिकटों से हटाया जाना चाहिए था।

Budget : बजट में बॉलीवुड को नहीं मिली राहत, पहलाज निहलानी ने कहा फिल्म इंडस्ट्री को बुरे दौर से निकालने के लिए GST हटाना जरूरी


Budget : बॉलीवुड और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री लंबे समय से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है, और इन कठिनाइयों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा हमेशा सुर्खियों में रहा है ,Entertainment Tax और GST। हाल ही में केंद्रीय Budget में एंटरटेनमेंट टैक्स में कोई राहत न मिलने से बॉलीवुड के कई प्रमुख सदस्य निराश हैं। फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी ने भी इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर की है, और उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को इस कठिन दौर से उबारने के लिए GST को टिकटों से हटाया जाना चाहिए था।

बॉलीवुड का वर्तमान स्थिति

फिल्म इंडस्ट्री को लेकर चल रही आर्थिक सुगबुगाहट एक लंबी परंपरा का हिस्सा है। COVID-19 महामारी ने इस इंडस्ट्री को गहरा धक्का पहुंचाया है।सिनेमाहॉल की बंदी, फिल्म रिलीज की लगातार देरी, और दर्शकों की कमी ने इस क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। इस कठिन समय में, उद्योग की आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए कई उपायों की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसमें एंटरटेनमेंट टैक्स और GST पर भी चर्चा हो रही थी।

बजट में एंटरटेनमेंट टैक्स की स्थिति

हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट में एंटरटेनमेंट टैक्स को लेकर कोई महत्वपूर्ण राहत नहीं दी गई। बॉलीवुड और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के कई सदस्यों ने इस पर चिंता जताई है। एंटरटेनमेंट टैक्स, जो कि सिनेमाहॉल में फिल्म देखने पर लगाया जाता है, फिल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बोझ है। बजट में इसकी छूट की मांग की जा रही थी ताकि फिल्म इंडस्ट्री को आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके।

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पहलाज निहलानी का बयान

फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी ने हाल ही में इस मुद्दे पर अपनी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि एंटरटेनमेंट टैक्स के स्थान पर GST को टिकटों से हटाया जाना चाहिए था। निहलानी का मानना है कि वर्तमान में इंडस्ट्री को बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है, और टैक्स के बोझ को कम करने से इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण राहत मिल सकती थी। उन्होंने यह भी कहा कि GST लागू करने से फिल्म निर्माताओं और वितरकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ा है, जो पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।

 फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति

फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। नई फिल्मों की निर्माण लागत बढ़ रही है, जबकि दर्शकों की संख्या स्थिर या कम हो रही है। सिनेमाघरों के पुनः खुलने के बाद भी, फिल्मों की व्यावसायिक सफलता सुनिश्चित करना कठिन हो गया है। इस कठिनाई का सामना करने के लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। एंटरटेनमेंट टैक्स की राहत, टैक्स प्रोत्साहन, और वित्तीय सहायता के अन्य उपायों की आवश्यकता है ताकि फिल्म इंडस्ट्री की मौजूदा समस्याओं का समाधान किया जा सके।

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GST का प्रभाव

GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के लागू होने से कई उद्योगों में सुधार हुआ है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री को इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ा है। टिकटों पर GST लगाने से सिनेमाघरों में फिल्म देखने की लागत बढ़ गई है, जो दर्शकों के लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ है। इसके अतिरिक्त, फिल्म निर्माण और वितरण में भी GST के प्रभाव के कारण लागत बढ़ गई है। निहलानी का सुझाव है कि इस टैक्स को हटाने से फिल्म उद्योग को राहत मिलेगी और यह क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से पुनर्जीवित हो सकेगा।

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आर्थिक सुधार की दिशा में संभावनाएँ

फिल्म इंडस्ट्री को आर्थिक रूप से पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को विभिन्न पहलुओं पर विचार करना होगा। एंटरटेनमेंट टैक्स में छूट, GST में राहत, और वित्तीय सहायता के अन्य उपाय इस क्षेत्र को सहारा देने में सहायक हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, फिल्म निर्माण और वितरण में आसानी, दर्शकों के लिए सुलभ और किफायती टिकटों की व्यवस्था, और सरकारी प्रोत्साहन इस क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।

बॉलीवुड और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की स्थिति इस समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। हाल के बजट में एंटरटेनमेंट टैक्स में राहत न मिलने से इंडस्ट्री के कई सदस्य निराश हैं। पहलाज निहलानी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि GST को टिकटों से हटाया जाना चाहिए था। इस समय, फिल्म इंडस्ट्री को सुधार की आवश्यकता है, और सरकार को इस क्षेत्र को सहारा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। आर्थिक सुधार के उपाय, जैसे कि टैक्स में राहत और वित्तीय सहायता, इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और इसे आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकते हैं |

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