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Azul Song Controversy: सिर्फ 3 हफ्तों में वायरल हुआ ‘Azul’, Guru Randhawa पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

Azul Song Controversy, म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने गायक गुरु रंधावा (Guru Randhawa) अपने नए गाने ‘अजुल’ (Azul) को लेकर इन दिनों खूब चर्चा में हैं।

Azul Song Controversy : 43 मिलियन Views का जादू, मगर विवाद में घिरा Guru Randhawa का ‘Azul’

Azul Song Controversy, म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने गायक गुरु रंधावा (Guru Randhawa) अपने नए गाने ‘अजुल’ (Azul) को लेकर इन दिनों खूब चर्चा में हैं। गाना रिलीज़ होते ही दर्शकों के बीच तेजी से वायरल हो गया और महज तीन हफ्तों में ही यूट्यूब पर ट्रेंडिंग चार्ट में 12वें स्थान पर पहुँच गया। फैंस लगातार इस गाने पर रील्स और शॉर्ट वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

43 मिलियन से ज्यादा व्यूज

लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज़ के तीन हफ्तों में ही इस गाने को 43 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। यह आंकड़ा गुरु रंधावा की पॉपुलैरिटी को दिखाता है और उनके फैनबेस की मजबूती भी बताता है। लेकिन जहाँ एक तरफ गाना हिट हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस पर विवादों के बादल भी छा गए हैं।

विवाद की असली वजह

‘अजुल’ गाने का म्यूजिक वीडियो ही इस समय आलोचनाओं के घेरे में है। दरअसल, वीडियो में स्कूली लड़कियों के किरदार दिखाए गए हैं और इसके साथ ही शराब का जिक्र भी किया गया है। कई दर्शकों का मानना है कि यह विज़ुअल्स और बोल बच्चों और किशोरों के लिए गलत संदेश देते हैं। आरोप यह है कि गाना हिंसक व्यवहार और यौन शोषण जैसे गंभीर मुद्दों को हल्के में लेकर उन्हें सामान्य बना रहा है।

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ

जैसे ही गाने के कुछ हिस्सों पर लोगों की नज़र पड़ी, सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना शुरू हो गई। ट्विटर (अब एक्स) से लेकर इंस्टाग्राम तक कई यूज़र्स ने इस गाने के खिलाफ अपनी नाराज़गी जताई। एक यूजर ने लिखा – “मुझे हमेशा से गुरु रंधावा पसंद नहीं आए और अब उनके इस नए वीडियो ने मुझे उनसे नफरत करने की और वजह दे दी है। महिलाओं को वस्तु की तरह दिखाना संगीत नहीं है। पेडोफीलिया को ग्लैमराइज करना गलत है।”

स्कूली लड़कियों को लेकर उठे सवाल

कई आलोचकों का कहना है कि गुरु रंधावा जैसे बड़े कलाकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। खासतौर पर तब, जब वह लाखों युवाओं को प्रभावित करते हैं। एक महिला यूजर ने एक्स पर लिखा – “गुरु रंधावा को अपने पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रभाव को समझना चाहिए। किसी वीडियो में स्कूली लड़कियों को वस्तु की तरह पेश करना कला नहीं है, बल्कि यह बेहद नुकसानदेह है। बचपन में शोषण झेल चुकी होने के नाते मैं जानती हूँ कि यह व्यवहार समाज में कितना सामान्य हो चुका है। इसे और ग्लैमराइज नहीं करना चाहिए।”

म्यूजिक वीडियो की आलोचना क्यों गंभीर है?

आजकल म्यूजिक वीडियो सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं रह गए हैं, बल्कि युवाओं की सोच और व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं। जब वीडियो में नाबालिग या स्कूली बच्चों जैसे किरदार दिखाए जाते हैं और उनके साथ शराब या हिंसा जैसी चीजों को जोड़ा जाता है, तो यह सीधे तौर पर गलत संदेश देता है। आलोचकों का कहना है कि ऐसे गाने सोशल नॉर्म्स को डिस्टर्ब करते हैं और किशोरों के बीच गलत आदतों को सामान्य बनाने का काम करते हैं।

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फैंस और आलोचकों की राय में बड़ा अंतर

जहाँ एक तरफ आलोचना हो रही है, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में फैंस इस गाने को पसंद भी कर रहे हैं। उनके लिए गुरु रंधावा का हर गाना एंटरटेनमेंट और म्यूजिक का नया तड़का होता है। फैंस का कहना है कि म्यूजिक को सिर्फ एंटरटेनमेंट की नजर से देखा जाना चाहिए और हर बार इसमें छिपे संदेश को नेगेटिव तरीके से लेना सही नहीं है।

गुरु रंधावा की चुप्पी

अब तक गुरु रंधावा ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। आमतौर पर किसी भी गाने पर विवाद होने पर कलाकार या उनकी टीम सफाई देती है, लेकिन इस बार अभी तक चुप्पी बरकरार है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में सिंगर इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं या नहीं।

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म्यूजिक इंडस्ट्री में जिम्मेदारी का सवाल

यह विवाद सिर्फ गुरु रंधावा तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा सबक है। जब म्यूजिक वीडियो में ऐसे सीन दिखाए जाते हैं जो समाज के एक बड़े वर्ग को असंवेदनशील लगते हैं, तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि कलाकारों और प्रोड्यूसर्स की जिम्मेदारी कहाँ तक जाती है? क्या पॉपुलैरिटी और व्यूज के लिए विवादित कंटेंट बनाना सही है? गुरु रंधावा का गाना ‘अजुल’ हिट तो हो चुका है, लेकिन इसके साथ-साथ आलोचना का सामना भी कर रहा है। यह मामला दिखाता है कि आज के दौर में संगीत केवल धुन और शब्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज पर उसके असर पर भी पैनी नजर रखी जाती है। ऐसे में कलाकारों को चाहिए कि वे अपने गानों में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का ध्यान रखें।

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