Ad Guru Piyush Pandey Death: भारतीय विज्ञापन जगत को लगा बड़ा झटका, एड गुरु पीयूष पांडे का हुआ निधन
भारतीय विज्ञापन जगत को बड़ा झटका लगा है। एड गुरु के नाम से मशहूर पीयूष पांडे का निधन हो गया है। उन्होंने 70 साल की उम्र में मुंबई में आखिरी सांस ली।
Ad Guru Piyush Pandey Death: पीयूष पांडे के निधन की जानकारी स्तंभकार सुहेल सेठ ने अपने एक्स एकाउंट पर दिया, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जताया शोक
Ad Guru Piyush Pandey Death: इंडियन एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 साल की उम्र में निधन हो गया। पीयूष भारतीय विज्ञापन जगत की आवाज, मुस्कान और क्रिएटिविटी का चेहरा थे। जिन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक ओगिल्वी इंडिया में काम किया और विज्ञापन जगत को बदल दिया।
ये मशहूर विज्ञापन लिखे थे पीयूष पांडे
भारतीय विज्ञापन जगत को बड़ा झटका लगा है। एड गुरु के नाम से मशहूर पीयूष पांडे का निधन हो गया है। उन्होंने 70 साल की उम्र में मुंबई में आखिरी सांस ली। हालांकि मौत के कारण का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। पीयूष पांडे ने ‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘ठंडा मतलब कोका कोला’ समेत कई मशहूर विज्ञापन लिखे थे।
उनके निधन की जानकारी स्तंभकार सुहेल सेठ ने अपने एक्स एकाउंट पर दिया
दरअसल, पीयूष पांडे के निधन की जानकारी स्तंभकार सुहेल सेठ ने अपने एक्स एकाउंट के माध्यम से देते हुए शोक जताया। उन्होंने लिखा है, ‘मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से मैं बेहद दुखी और स्तब्ध हूं। भारत ने एक महान विज्ञापन जगत की हस्ती नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक बेहतरीन सज्जन को खोया है। अब जन्नत में भी गूंजेगा ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा।’
पीयूष गोयल ने जताया शोक
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस विज्ञापन दिग्गज के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने X पर लिखा, “पद्मश्री पीयूष पांडे के निधन पर दुःख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। विज्ञापन जगत में एक अभूतपूर्व व्यक्तित्व, उनकी रचनात्मक प्रतिभा ने कहानी कहने की कला को नई परिभाषा दी और हमें अविस्मरणीय और कालातीत कहानियां दीं। मेरे लिए, वे एक ऐसे मित्र थे जिनकी प्रतिभा उनकी प्रामाणिकता, गर्मजोशी और बुद्धिमता से झलकती थी। मैं हमारी आकर्षक बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा। वे अपने पीछे एक गहरा शून्य छोड़ गए हैं जिसे भरना मुश्किल होगा। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”
2012 में पद्मश्री से सम्मानित
बता दें कि 2004 में पीयूष पांडे ने कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी में जूरी अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले पहले एशियाई के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। उनके अग्रणी योगदान को बाद में 2012 में क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जिससे वे राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाले भारतीय विज्ञापन जगत के पहले व्यक्ति बन गए।
1982 में की थी करियर की शुरआत
पीयूष पांडे ने 1982 में ओगिल्वी एंड माथर इंडिया (अब ओगिल्वी इंडिया) के साथ अपने विज्ञापन करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने एक प्रशिक्षु खाता कार्यकारी के रूप में शुरुआत की और फिर रचनात्मक क्षेत्र में कदम रखा। अपनी प्रतिभा से उन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत की तस्वीर ही बदल दी।
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फेविकोल का जोड़ टूट गया
वह एशियन पेंट्स के “हर खुशी में रंग लाए”, कैडबरी के “कुछ खास है” और फेविकोल की प्रतिष्ठित “एग” फिल्म जैसे प्रतिष्ठित विज्ञापन अभियानों के जनक हैं। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने अपने विज्ञापन अंदाज में पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। मेहता ने लिखा कि फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया। पीयूष पांडे, आप स्वस्थ रहें।
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