Bal gangadhar tilak birth anniversary 2023: कौन थे बाल गंगाधर तिलक और उनकी प्रसिद्ध रचनाएं
बाल गंगाधर तिलक की जयंती 23 जुलाई को मनाई जाती है। बाल गंगाधर तिलक स्वराज या स्वशासन के प्रबल समर्थक थे, जिनका राजनीतिक करियर लंबा था।
Bal gangadhar tilak birth anniversary 2023: जाने बाल गंगाधर तिलक से जुड़ी कुछ रोचक बातें तथा उनके प्रसिद्ध उद्धरण
Bal gangadhar tilak birth anniversary 2023: बाल गंगाधर तिलक की जयंती 23 जुलाई को मनाई जाती है। बाल गंगाधर तिलक स्वराज या स्वशासन के प्रबल समर्थक थे, जिनका राजनीतिक करियर लंबा था।
बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, विद्वान, और समाजसेवी थे। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उन्हें “लोकमान्य” या “लोकमान्य तिलक” के नाम से भी जाना जाता है। अपने करियर के दौरान उन्होंने भारतीय स्वायत्तता और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की आवश्यकता पर जोर दिया। अपने सशक्त विचारों के कारण बाल गंगाधर तिलक को उग्र राष्ट्रवादी माना जाता था।
बाल गंगाधर तिलक ने बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय, वीओ चिदंबरम पिल्लई, मुहम्मद अली जिन्ना और अरबिंदो घोष सहित कई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेताओं के साथ घनिष्ठ गठबंधन भी बनाया।
बाल गंगाधर तिलक को कई मौकों पर जेल में डाला गया, जिसमें मांडले में उनका लंबा कार्यकाल भी शामिल था। उनके राजनीतिक जीवन के एक चरण में ब्रिटिश लेखक सर वैलेंटाइन चिरोल ने उन्हें ‘भारतीय अशांति का जनक‘ भी कहा था।
बाल गंगाधर तिलक का जन्म
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 13 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था। तिलक के पिता का नाम गंगाधर रामचंद्र तिलक था। वह संस्कृत के विद्वान और प्रख्यात शिक्षक थे। वहीं उनकी माता का नाम पार्वती बाई गंगाधर था। तिलक का विवाह तपिबाई नाम की कन्या से 1871 में हुआ था, जिनका नाम शादी के बाद सत्यभामा हो गया।
बाल गंगाधर तिलक की शिक्षा
बाल गंगाधर तिलक की पढ़ाई में बहुत निपुण और ज्ञानी थे। पिता का रत्नागिरि से पुणे स्थानांतरण हुआ तो तिलक का दाखिला भी पुणे के एंग्लो वर्नाक्यूलर स्कूल में करा दिया गया। 16 साल में ही माता और फिर पिता के देहांत के बाद तिलक ने अपने संघर्षपूर्ण करियर की शुरुआत की। 1877 में तिलक ने पुणे के डेक्कन कॉलेज से संस्कृत और गणित विषय की डिग्री हासिल की। उसके बाद मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी पास किया। आधुनिक शिक्षा हासिल करने वाली पहली पीढ़ी के भारतीय युवाओं में तिलक को प्रथम माना जा सकता है।
बाल गंगाधर तिलक की रचनाएँ
बाल गंगाधर तिलक ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी। वे एक प्रख्यात लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों में से कुछ नाम है:-
“गीता रहस्य”– यह पुस्तक गीता के तात्विक भाष्य के रूप में मशहूर है। तिलक ने भगवत गीता के श्लोकों को विशेष तात्विक अर्थ में व्याख्यान किया था।
“केशव सूत्र”– यह पुस्तक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विचारधारा और लक्ष्यों को समझाने वाली थी।
“श्रीमद्भगवद गीता रहस्य” – इस पुस्तक में भगवत गीता के श्लोकों के अर्थ और तात्विक भाव की व्याख्या की गई थी।
“ओरिएंटल परिषद”– यह अंग्रेजी मासिक पत्रिका थी, जिसमें तिलक ने स्वतंत्रता संग्राम के मुद्दों पर लेख लिखा था।
“मराठ्यांचा इतिहास”– यह पुस्तक मराठा साम्राज्य के इतिहास पर आधारित थी।
“आर्यावर्त”– यह पुस्तक भारतीय इतिहास और संस्कृति पर आधारित थी।
बाल गंगाधर तिलक के प्रसिद्ध उद्धरण:-
“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा”।
“हमारा देश एक वृक्ष की तरह है जिसका मूल तना स्वराज्य और शाखाएँ स्वदेशी और बहिष्कार हैं”।
“यह प्रोविडेंस की इच्छा हो सकती है कि जिस उद्देश्य का मैं प्रतिनिधित्व करता हूं वह मेरे स्वतंत्र रहने की तुलना में मेरे कष्टों से अधिक समृद्ध हो”।
“यह ईश्वर की इच्छा हो सकती है कि जिस उद्देश्य का मैं प्रतिनिधित्व करता हूं वह मेरे स्वतंत्र रहने की तुलना में मेरे कष्टों से अधिक समृद्ध हो”
“जीवन एक ताश के खेल के समान है। सही कार्ड चुनना हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन हाथ में ताश लेकर अच्छा खेलना हमारी सफलता तय करता है”।
बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु
भारत माता की स्वतंत्रता पाने की लड़ाई में बाल गंगाधर तिलक अपने जीवन भर कार्यरत रहे, 1 अगस्त 1920 को उनकी मुंबई में अचानक मृत्यु हो गई।
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