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Income Tax Rule: ITAT ने दिय आदेश : टैक्स रिफंड के ब्याज की जानकारी नहीं दी तो देनी पड़ेगी पेनल्टी!
बिज़नस

Income Tax Rule: ITAT ने दिय आदेश : टैक्स रिफंड के ब्याज की जानकारी नहीं दी तो देनी पड़ेगी पेनल्टी!

टैक्स ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में हाल ही में टैक्स रिफंड को लेकर एक मामला सामने आया है।जिसमें आयकर विभाग द्वारा टैक्स रिफंड पर मिल रहे ब्याज की जानकारी न देने पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारी जुर्मान लगाया है।

Income Tax Rule: गलत जानकारी देने पर आयकर विभाग करेगा कड़ी कार्रवाई


Income Tax Rule:  सही जानकारी न देने पर  या फिर कम इनकम बताने पर आयकर विभाग कर सकती है कड़ी कार्रवाई। बता दें कि टैक्स ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में हाल ही में  टैक्स रिफंड को लेकर एक मामला सामने आया है।जिसमें आयकर विभाग द्वारा टैक्स रिफंड पर मिल रहे ब्याज की जानकारी न देने पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारी जुर्मान लगाया है।

इन्टरेस्ट की जानकारी न देने पर लगा जुर्माना

खबर है कि टैक्स ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में, एक सीनियर सिटीजन और इनक टैक्स डिपार्टमेंट के बीच टैक्स रिफंड की जानकारी को लेकर एक मामला सामने आया है।जिसमें सीनियर सिटीजन का कहना है कि टैक्स रिफंड पर मिल रहे इन्टरेस्ट की जानकारी न देने पर लगाया गया जुर्माना अवैध है। फिलहाल मामले में आईटीएटी पीठ में अकाउंटेंट सदस्य ‘अमरजीत सिंह’ व न्यायिक सदस्य में शामिल ‘संदीप सिंह करहेल’  द्वारा जारी किये गए आदेश कहा गया है कि जब तक टैक्स रिफंड नहीं हो जाता तब तक ब्याज पर टैक्स लगेगा या नहीं इसका निर्णय नहीं  किया जा सकता है।
साथ ही उनका कहना है कि आयकर रिटर्न में इनकम की रिपोर्टिंग का मामला नहीं बनता है।

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आयकर अधिनियम “270 ए” के अनुसार

आयकर अधिनियम की 270ए के तहत यदि कोई करदाता इनकम से जुडी कोई भी गलत जानकारी देता है अथवा अपनीओ इनकम वास्तविक इनकम से कम बताता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
फिलहाल आयकर अधिकारी द्वारा जारी किये गए नोटिस के बाद सिंह ने,आईटी रिफंड पर मिल रहे ब्याज की जानकारी दे दी। जिसकी वजह से अब सिंह पर इनकम की झूठी जानकारी मामला नहीं बनाएगा।

सिंह ने की थी धोखाधड़ी

सुचना के मुताबिक टैक्सपेयर के सिंह द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में इनकम टैक्स को  रिटर्न फाइल किया गया। जिसमे उसने अपनी इनकम 1.9 करोड़ रुपये के करीब बताई थी। लेकिन जांच के दौरान सिंह की आय लगभग 2 करोड़ रुपये निकली। जिसमें कि 9.7 लाख रुपये का अंतर है, जो कि टैक्स रिफंड पर मिल रहे इंटरेस्ट का बताया जा रहा है। दावा है कि ये जानकारी आईटीआर फाइल करते समय नहीं दी गई थी।

टैक्स रिफंड पर 0.5 फीसदी का ब्याज

आईटी अधिनियम की धारा 244ए के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को हर महीने  टैक्स रिफंड पर 0.5 फीसदी का ब्याज देना होगा। अगर किसी और सोर्स से ब्याज आता है तो उस पर टैक्स लागू होता है।

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