Saroj Khan ने 2000 से ज़्यादा गानों की करी कोरियोग्राफी
Saroj Khan: आज सरोज खान को हमसे बिछड़े 5 साल हो गए हैं, लेकिन उनका नृत्य और उनके बनाए गए हजारों स्टेप्स आज भी हमारे दिलों की धड़कन बने हुए हैं। उन्होंने सिर्फ बॉलीवुड को नहीं, बल्कि भारतीय डांस को एक नया आयाम दिया। Saroj Khan ने भारतीय सिनेमा को एक नई लय और पहचान दी। आज, भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके स्टेप्स, उनका डांस का जादू और उनका जुनून हर मंच, हर स्क्रीन और हर दिल में ज़िंदा है। वे सिर्फ एक कोरियोग्राफर नहीं थीं – वो एक संस्था थीं, जिन्होंने माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी जैसी दिग्गज अदाकाराओं को आइकॉनिक स्टेप्स दिए, जो आज भी क्लासिक्स माने जाते हैं।
Saroj Khan, जिन्हें प्यार से लोग “मास्टरजी” कहते थे, बॉलीवुड की पहली महिला कोरियोग्राफर थीं। एक ऐसे दौर में, जब नृत्य निर्देशन पूरी तरह पुरुषों के हाथ में था, सरोज खान ने अपने हुनर और समर्पण से उस धारा को मोड़ दिया। उन्होंने 2000 से अधिक गानों की कोरियोग्राफी की और यह संख्या अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
नृत्य तक का सफर
Saroj Khan का जिंदगी का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा है। उन्होंने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म ‘नज़राना’ (1952) से अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन धीरे-धीरे उनका रुझान अभिनय से नृत्य की ओर बढ़ने लगा। वे शुरुआती दिनों में बैकग्राउंड डांसर के रूप में फिल्मों में काम करती थीं। वह समय आसान नहीं था,एक महिला डांसर के लिए अपनी पहचान बनाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी।
सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने कोरियोग्राफी सीखनी शुरू कर दी थी। उन्होंने मशहूर डांस डायरेक्टर बी. सोहनलाल के साथ असिस्टेंट के रूप में काम किया। यहीं से उनके असली डांस करियर की शुरुआत हुई। बी. सोहनलाल के निर्देशन में उन्होंने नृत्य की बारीकियों को गहराई से सीखा,स्टेप्स की टायमिंग, एक्सप्रेशन की ताकत, मूवमेंट की ग्रेस और क्लासिकल डांस का संयोजन, सब कुछ।
क्या आप सरोज खान का असली नाम जानतें है
Saroj Khan का असली नाम निर्मला नागपाल था। Saroj Khan की अदाओं मे वह खास बात थी जो की हर गाने मे जान डाल देने का काम कर देती थी। Saroj Khan ने माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, ऐश्वर्या राय जैसे बड़ी अभिनेत्रियों को डांस सिखाया। Saroj Khan की एक और खास बात यह थी, की उनके अंदर गुरु की गंभीरता के साथ साथ मां की ममता भी बसी थी। Saroj Khan जितनी सख्त नजर आती थी अंदर से उनका दिल उतना ही कोमल था।
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एक गाने ने बना दिया ‘हिट मशीन’
सरोज खान का करियर उस वक्त सातवें आसमान पर पहुंच गया, जब उन्होंने 1988 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘तेजाब’ का आइकॉनिक गाना ‘एक दो तीन’ कोरियोग्राफ किया। इस गाने ने न सिर्फ माधुरी दीक्षित को रातोंरात सुपरस्टार बना दिया, बल्कि सरोज खान को भी वो पहचान दिलाई जिसकी वो हकदार थीं। ‘एक दो तीन’ का हर स्टेप, हर एक्सप्रेशन आज भी क्लासिक माना जाता है। ‘फिल्मफेयर अवॉर्ड्स’ में पहली बार ‘बेस्ट कोरियोग्राफी’ की कैटेगरी शुरू की गई। और इस पहले अवॉर्ड की विजेता बनीं सरोज खान – एक ऐसी उपलब्धि, जो उन्हें बॉलीवुड के इतिहास में अमर कर गई। इस गाने के बाद उन्हें इंडस्ट्री में ‘हिट मशीन’ कहा जाने लगा। हर निर्माता-निर्देशक चाहता था कि सरोज खान उनके गाने को कोरियोग्राफ करें।’एक दो तीन’ सिर्फ एक गाना नहीं था – यह एक क्रांति थी जिसने बॉलीवुड डांस की परिभाषा ही बदल दी।
2000 से ज़्यादा गानों की करी कोरियोग्राफी
सरोज खान का नाम सुनते ही आंखों के सामने डांस की वो झलकियां ताज़ा हो जाती हैं, जिन्हें भुला पाना मुमकिन नहीं। ‘ढोली तारो’, ‘हमको आजकल है इंतज़ार’, ‘चोली के पीछे’, ‘धक-धक करने लगा’, ‘डोला रे डोला’, और ‘निंबूड़ा’ जैसे सुपरहिट गाने सिर्फ गाने नहीं थे, वो सरोज खान की कोरियोग्राफी का जादू थे, जिनसे पूरी एक पीढ़ी ने डांस करना सीखा। उन्होंने अपने करियर में लगभग 2,000 से अधिक गानों की कोरियोग्राफी की, और हर गाने में उन्होंने एक नई ऊर्जा, एक नई कहानी और एक नया एक्सप्रेशन दिया।
सरोज खान का प्रभाव सिर्फ एक या दो एक्ट्रेस तक सीमित नहीं था। उन्होंने बॉलीवुड की लगभग हर प्रमुख अभिनेत्री को कोरियोग्राफ किया जैसे गोल्डन एरा की दिग्गजें,साधना, वैजयंतीमाला, हेलन, शर्मिला टैगोर, वहीदा रहमान, जीनत अमान, रेखा और 80s-90s की सुपरस्टार्स – श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर, उर्मिला मातोंडकर, रवीना टंडन इसके साथ ही नई सदी की अभिनेत्रियां – ऐश्वर्या राय, करीना कपूर, इन सभी ने सरोज खान की कोरियोग्राफी में अपनी खूबसूरती और अभिनय से जान फूंकी, लेकिन उन स्टेप्स की आत्मा हमेशा सरोज जी ही रहीं।
तीन बार जीता नेशनल अवॉर्ड
सरोज खान ने अपने जीवन में न सिर्फ हज़ारों गानों को कोरियोग्राफ किया, बल्कि कोरियोग्राफी को एक सम्मानजनक और प्रतिष्ठित कला का दर्जा भी दिलाया। उनकी मेहनत और प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें,3 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 8 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का गौरव भी प्राप्त हुआ, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।सरोज खान ने जो मंच कोरियोग्राफर्स के लिए तैयार किया, उस पर आज कई कलाकार चमक रहे हैं — लेकिन नींव उन्होंने ही रखी थी। उनका जीवन यह सिखाता है कि अगर सच्चा जुनून हो, तो कोई भी कला सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि पहचान बन जाती है।
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