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Snake Blood: चाय की तरह सांप का खून पीते हैं इस देश के सैनिक, जानें क्यों नहीं होती है मौत

Snake Blood: दुनिया के सबसे जहरीले जानवरों में सांप शामिल हैं। किंग कोबरा, करैत या धरती पर कई ऐसे जहरीले सांप हैं, जिनके काटने से इंसान की कुछ मिनट में ही मौत हो सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के कई इलांकों में लोग सांप का खून पीते हैं।

Snake Blood: ग्राहकों की मांग पर तुरंत मारे जाते हैं साप, ट्रेंड लोग निकालते हैं खून

दुनिया के सबसे जहरीले जानवरों में सांप शामिल हैं। किंग कोबरा, करैत या धरती पर कई ऐसे जहरीले सांप हैं, जिनके काटने से इंसान की कुछ मिनट में ही मौत हो सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के कई इलांकों में लोग सांप का खून पीते हैं। इसके साथ ही नशे के लिए सांप से शरीर पर कटवाते हैं। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि कई दवाओं में भी सांप के जहर का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया के कई देशों में लोग सांप का खून क्यों पीते हैं। चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया में स्नेक वाइन काफी प्रसिद्ध है। चीनी मानते हैं कि सांप के खून में ऐसी चीज होती है, जिससे यौन क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही त्वचा के लिए भी अच्छी होती है और जवान रखती है। सदियों से सांप से त्वचा रोग का इलाज होता रहा है जिसका इतिहास पुराना है।

इंडोनेशिया में सैनिक मानते हैं कि ये कुदरत का इंसानों को दिया तोहफा है, जिसका भरपूर इस्तेमाल होना चाहिए। यही वजह है कि इस देश में खाने-पीने के बाजार में जिंदा सांप भी घने पिंजरों में दिख जाते हैं। इंडोनेशिया में हजारों सालों से परंपरागत चिकित्सा पर यकीन किया जाता रहा है। इस चिकित्सा के तहत जंगली जानवरों और पेड़-पौधों से किसी भी बीमारी के इलाज का दावा किया जाता है। सांप से स्किन डिसीज के इलाज का सबसे पहला जिक्र 100 A.D. में मिलता है। इंडोनेशिया में स्किन की गंभीर समस्या में मरीजों का इलाज सांप की त्वचा की लुगदी बनाकर उसे लगाकर किया जाता था।

किन बीमारियों में दवा के तौर पर इस्तेमाल

स्किन की बीमारियों से बढ़ते-बढ़ते सांप को गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर में भी इस्तेमाल किया जाने लगा। ऐसे ही सांप का जहर दिल के मरीज को दिया जाता है। माना जाता है कि सांप से तैयार दवा शराब पीने से पहले ली जाए तो लिवर पर शराब का असर नहीं होता है और पीने वाला हरदम स्वस्थ रहता है। इतना ही नहीं, परंपरागत चिकित्सा के तहत इसे पुरुषों में यौन ताकत बढ़ाने वाला और महिलाओं को चमकदार त्वचा और सेहत देने वाला माना जाता है। इन्हीं कारणों से इंडोनेशियाई राजधानी जर्काता में सुबह 5 बजे से लेकर देर रात तक दुकानों में कई तरह के सांपों का खून बेचा जाता है।

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ग्राहकों की मांग पर तुरंत मारे जाते हैं साप

आमतौर पर ग्राहक की मांग पर सांपों को तुरंत मारकर उनका खून लिया जाता है। आम लोगों के अलावा सेना की रेगुलर डायट में भी कोबरा का खून और मांस शामिल होता है। खासकर इसका खून, जिसे स्टेमिना बढ़ाने वाला माना जाता है। इसे अल्कोहल में मिलाकर पिया जाता है। मुख्य बाजार में ही किंग कोबरा रेस्त्रां है। ये केवल नाम का ही ऐसा रेस्त्रां नहीं, बल्कि यहां पीछे के गोदाम में काफी सारे किंग कोबरा और अलग-अलग प्रजातियों के सांप होते हैं।

ट्रेंड लोग निकालते हैं खून

ग्राहक के आने पर उसे मेन्यु में पसंद करना होता है और तुरंत ही सांप के मांस से बनी कोई डिश हाजिर हो जाती है। साथ में कोबरा ब्लड भी परोसा जाता है। सांपों को मारकर उनका खून निकालने और शरीर के अलग-अलग हिस्सों से अलग डिश बनाने के लिए प्रशिक्षित लोग होते हैं। ये खतरनाक पायथन से लेकर जहरीले सांपों को बड़ी ही सावधानी से मारते हैं और उनका गालब्लैडर बाहर निकाल देते हैं। मीडिया समूह CNN के मुताबिक एक खास तरह का मिश्रित ड्रिंक लगभग 250,00 में मिलता है।

कई लोग नहीं खा पाते हैं मांस

इस ड्रिंक में गालब्लैडर का पित्त, ब्लैक कोबरा और धारीदार कोबरा का खून मिलाया जाता है। बहुत से ऐसे कस्टमर भी होते हैं, जो सांप का मांस या खून सीधे नहीं खा पाते। लेकिन सांपों के फायदे के बारे में जो काफी सुनते हैं और आजमाना भी चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए सांप के खून और मांस से दवाएं बनाकर बेची जाती हैं। ये लोशन के रूप में, तेल की तरह और कैप्सूल के फॉर्म में होती हैं।

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जंगलों में पाले जाते हैं सांप

घने जंगलों से भरपूर इंडोनेशिया के कई हिस्सों में बाकायदा सांप पालन होता है ताकि स्थानीय लोगों से लेकर सैलानियों की भी जरूरत पूरी हो सके। सेमारंग, सेरंग और तेगल नाम के शहरों में भारी संख्या में हर सप्ताहांत सांप बेचे जाते हैं जो आसपास के जंगलों से लाए जाते हैं। एक औसत दुकानदार हर सप्ताह 100 सांप बेच डालता है। इसमें कई तरह के सांप होते हैं लेकिन किंग कोबरा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। हालांकि इसे पाना और पकड़ना आसान नहीं है, इसलिए खाने-पीने की हर इंडोनेशियाई दुकान पर ये नहीं मिलता।

चीन में भी खूब होता है इस्तेमाल

सांप खाने का ये शौक भारी कीमत भी मांगता है। International Society on Toxinology के मुताबिक हर साल इंडोनेशिया, चीन और वियतनाम जैसे देशों में सांपों के लगभग 11,000 शौकीनों की उसके डसने से मौत हो जाती है। इंडोनेशिया की तरह ही मॉडर्न चीन में भी ट्रेडिशनल चिकित्सा के तहत सांपों का खूब उपयोग होता है। यही वजह है कि चीन के जिसिकियाओ गांव में बाकायदा सांपों की पैदावार शुरू हो गई, ठीक उसी तरह जैसे किसान अनाज उगाते हैं। साल 1980 से यहां ये काम शुरू हुआ और जल्द ही पूरी आबादी यही करने लगी।

हर साल 30 लाख से ज्यादा सांपों की पैदावार

इससे पहले यहां के किसान जूट और कपास की खेती किया करते थे लेकिन ये काम उन्हें ज्यादा फायदेमंद लगा। गांव में अभी लगभग 170 परिवार हैं, जो हर साल 30 लाख से ज्यादा सांपों की पैदावार करते हैं। हर साल वसंत में इनका प्रजनन होता है और इन्हें पाल-पोसकर गांव वाले इन्हें सर्दियों की शुरुआत में बेच देते हैं। माना जाता है कि इस गांव से होकर सांप बड़े व्यापारियों के जरिए चीन के कोने-कोने में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, जर्मनी, रूस और साउथ कोरिया भी भेजे जाते हैं। चीन में रेस्त्रां में भी सूखे सांपों की डिश बड़े शौक से बेची जाती है। ये एग्जॉटिक फूड आइटम में आते हैं और बहुत ऊंची कीमत पर केवल पॉश होटलों में ही मिलते हैं।

जानिए क्या कहता है विज्ञान?

न्यू साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांप के खून में फैटी एसिड्स जैसी कई तरह की चीजें पाई जाती है। यह हृदय के लिए अच्छी मानी जाती है। वैज्ञानिकों ने सांप के ब्लड प्लाजमा को चूहे में ट्रांसफर किया, तो पाया कि पहले के मुकाबले उनका हृदय अच्छे तरीके से काम कर रहा था। लेकिन प्लाजमा ट्रांसफर का तरीका इंसानों पर भी कारगर है, यह कहा नहीं जा सकता है।

सांप का खून पीने से क्यों नहीं होती मौत?

सांप का खून पीने से लोगों की मौत नहीं होती है, जिसकी वजह यह है कि सांप के खून में जहर नहीं होता है। शरीर के एक विशेष हिस्से में सांप जहर को इकट्ठा करते हैं, जिसे ग्रंथि कहा जाता है, जो खून को जहर से अलग रखती है। इसीलिए सांप के काटते वक्त उसकी ग्रंथि उसके दांतों के जरिए जहर को बाहर निकाल देती है और काटने वाले के खून में जहर पहुंच जाता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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