Teen mental health: बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य क्यों है जरूरी और पेरेंट्स क्या करें?
Teen mental health, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में टीनेजर्स (Teenagers) का मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
Teen mental health : किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य, माता-पिता को क्या करना चाहिए?
Teen mental health, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में टीनेजर्स (Teenagers) का मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया का असर, भविष्य की चिंता और बदलती जीवनशैली बच्चों के मन पर गहरा असर डाल सकती है। ऐसे में पेरेंट्स का रोल सबसे अहम होता है। अगर माता-पिता सही तरीके से बच्चों को समझें और उनका साथ दें, तो उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है।
टीनेजर्स में मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियाँ
-पढ़ाई और करियर का दबाव – अच्छे मार्क्स और भविष्य की चिंता बच्चों पर मानसिक बोझ डालते हैं।
-सोशल मीडिया और तुलना – सोशल मीडिया पर दिखने वाली “परफेक्ट लाइफ” से बच्चे खुद की तुलना कर तनाव में आ जाते हैं।
-हार्मोनल बदलाव – किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक और भावनात्मक बदलाव मानसिक उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं।
-सामाजिक दबाव – दोस्तों का प्रभाव और फैशन/ट्रेंड्स को फॉलो करने की चाह भी मानसिक तनाव को बढ़ाती है।
पेरेंट्स को ध्यान रखने योग्य बातें
-खुला संवाद (Open Communication)
बच्चों से खुलकर बात करें। उन्हें यह महसूस कराएं कि वे अपनी परेशानियां बिना झिझक आपसे साझा कर सकते हैं।
सुनना सीखें (Active Listening)
सिर्फ सलाह देने के बजाय बच्चों की बात ध्यान से सुनें। उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
-पढ़ाई का संतुलित दबाव (Balanced Expectations)
बच्चों से अपेक्षाएं रखना जरूरी है, लेकिन उन पर अत्यधिक पढ़ाई का दबाव डालना मानसिक तनाव को बढ़ाता है। उनकी क्षमता और रुचि को ध्यान में रखकर गाइड करें।
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-सोशल मीडिया की निगरानी (Monitor Screen Time)
बच्चों को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के उपयोग के सही तरीके बताएं। स्क्रीन टाइम को सीमित करने में मदद करें।
-मानसिक स्वास्थ्य पर बात करें (Normalize Mental Health)
बच्चों को समझाएं कि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है। अगर वे उदास या तनावग्रस्त हैं, तो इसमें शर्म की कोई बात नहीं है।
-सकारात्मक माहौल दें (Provide Positive Environment)
घर का माहौल प्यार, सहयोग और प्रोत्साहन से भरा होना चाहिए। गुस्से और झगड़े से बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है। खेल-कूद, योग और एक्सरसाइज न केवल शरीर बल्कि दिमाग को भी स्वस्थ रखते हैं। बच्चों को आउटडोर गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।
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-सफलता और असफलता को सही तरीके से समझाएं (Teach Resilience)
बच्चों को यह सिखाएं कि असफलता जीवन का हिस्सा है और इससे सीखकर आगे बढ़ना ही सफलता का असली रास्ता है। टीनेजर्स का मानसिक स्वास्थ्य उनके भविष्य को सीधा प्रभावित करता है। अगर पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ समय बिताएं, उनकी भावनाओं को समझें और उन्हें प्रोत्साहित करें, तो वे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से आसानी से उबर सकते हैं। याद रखें, खुश और मानसिक रूप से स्वस्थ बच्चा ही आत्मविश्वासी और सफल इंसान बनता है।
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