Smoking Side Effects: सिगरेट नहीं पीते, फिर भी खतरे में हैं आपके फेफड़े, जानिए कैसे?
Smoking Side Effects: सिगरेट न पीने के बावजूद यदि आप सिगरेट पीने वालों के साथ समय बिताते हैं, तो इसका आपके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
Smoking Side Effects: स्मोकिंग नहीं, फिर भी आपके Lungs पर क्यों मंडरा रहा है खतरा?
Smoking Side Effects: सिगरेट न पीने के बावजूद यदि आप सिगरेट पीने वालों के साथ समय बिताते हैं, तो इसका आपके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसे पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग कहा जाता है। यह समस्या उतनी ही खतरनाक है जितनी खुद सिगरेट पीना।
पैसिव स्मोकिंग, क्या है यह समस्या?
जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के पास खड़े होते हैं जो सिगरेट पी रहा है, तो आप दो प्रकार के धुएं के संपर्क में आते हैं, मेनस्ट्रीम स्मोक, यह वह धुआं है जो सिगरेट पीने वाला व्यक्ति खींचकर बाहर छोड़ता है। साइडस्ट्रीम स्मोक, यह धुआं सिगरेट के जलते हुए सिरे से निकलता है। साइडस्ट्रीम स्मोक अधिक खतरनाक होता है क्योंकि इसमें जहरीले रसायनों की मात्रा अधिक होती है। यह हवा में मिलकर दूसरों के फेफड़ों में प्रवेश करता है।
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कैसे होता है फेफड़ों पर असर?
सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से 70 से अधिक कैंसर का कारण बन सकते हैं। जब आप इस धुएं के संपर्क में आते हैं, तो यह आपके फेफड़ों पर प्रभाव डालता है, पैसिव स्मोकिंग से दमा और एलर्जी के मामले बढ़ जाते हैं। यह सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है। लंबे समय तक पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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12 लाख लोगों की मौत का कारण
WHO के अनुसार, पैसिव स्मोकिंग हर साल लगभग 12 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है। इसमें से बड़ी संख्या में गैर-स्मोकर्स शामिल हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि पैसिव स्मोकिंग से फेफड़ों के कैंसर का खतरा 20-30% तक बढ़ जाता है।
बच्चों पर पड़ने वाला असर
पैसिव स्मोकिंग से बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट के धुएं में निकोटीन और अन्य जहरीले तत्व बच्चों के दिमागी विकास को बाधित करते हैं। धुएं के संपर्क में आने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।