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Bhai Dooj 2024: जानिए इस बार कब मनाई जाएगी भाई दूज? क्या होगा इसका शुभ मुहूर्त?
धार्मिक

Bhai Dooj 2024: जानिए इस बार कब मनाई जाएगी भाई दूज? क्या होगा इसका शुभ मुहूर्त?

धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। भाई दूज भी रक्षाबंधन की तरह भाई बहन का त्योहार है। इसे उनके प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

Bhai Dooj 2024: जानिए भाई दूज से जुड़े कुछ नियम और इसके महत्व के बारे में…


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Bhai Dooj 2024: हिंदू धर्म का पवित्र त्योहार भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। पांच दिवसीय दीपोत्सव का ये अंतिम दिन है। भाई दूज गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है। ये त्योहार भाई बहन का त्योहार है। इसमें बहन अपने भाई को तिलक लगाती है, उसकी आरती उतारती है और मुंह मीठा कराती है। कुछ स्थानों पर ये भी मान्यता है कि इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर पर भोजन करते हैं, उनकी उम्र लंबी होती है। भाई दूज का त्योहार लगभग पूरे देश में मनाया जाता है। इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। बंगाल में भाई दूज के पर्व को भाई फूटा, महाराष्ट्र और गोवा में भाऊ व्रत और नेपाल में इसको भाई तिहाड़ के नाम से जाना जाता है।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त

भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भाई दूज के दिन तिलक लगाने के लिए कुल 2 घंटे 12 मिनट तक का समय मिलेगा

क्यों मनाते हैं भाई दूज?

हिंदू धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। भाई दूज भी रक्षाबंधन की तरह भाई बहन का त्योहार है। इसे उनके प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी आयु की कामना के साथ सुख शांति के लिए पूजा करती हैं। पूजन के बाद भाई के माथे पर तिलक लगाकर बहन भाई दूज मनाती हैं। वहीं भाई भी बहन को उपहार या शगुन देते हैं।

कब मनाया जाता है भाई दूज?

भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है। साल का पहला भाई दूज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यानी होली के बाद मनाया जाता है। दूसरा भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो कि दिवाली के बाद आती है। इस बार भाई दूज का पर्व 3 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज के दिन भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी-देवताओं से भाई की सुख-समृद्धि और दिर्घायु की कामना करती है। उसके बाद भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं।

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भाई दूज से जुड़े कुछ नियम

इस दिन बहनें अपने भाई को श्री फल यानी कि नारियल का गोल देती हैं। कहा जाता है कि बहन,भाई को नारियल का गोला देकर उसकी सुख -शांति और समृद्धि की कामना करती है। नारियल के गोले को भाई की रक्षा का प्रतीक माना जाता है। श्री फल के साथ बहन अपने भाई को आशीर्वाद भी देती है। इसके लिए पूजा की थाली में रोली, मौली, चंदन, फूल, मिठाई, आरती और सुपारी के साथ तिलक की थाली तैयार करनी चाहिए। दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके दीपक जलाया जाता है। तिलक लगा कर आरती की जाती है। इसके बाद श्रीफल दिया जाता है। पूजा पूरी होने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।

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