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Mpox से बच्चों को कैसे बचाएं? समझें वायरस के फैलने के कारण और प्रमुख लक्षण

Mpox एक गंभीर बीमारी है, जो बच्चों को आसानी से अपना शिकार बना सकती है। इसके फैलने का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्ति या जानवरों के संपर्क में आना है। बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण उन्हें इस बीमारी से ज्यादा खतरा होता है।

बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है Mpox, जानें इसके फैलने के कारण और लक्षण

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Mpox, जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है, एक वायरल बीमारी है जो हाल के वर्षों में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में उभरी है। यह बीमारी वायरस के कारण होती है जो चेचक (स्मॉलपॉक्स) की ही तरह है, लेकिन आमतौर पर इससे संक्रमित होने वाले लोग थोड़े समय में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए यह बीमारी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।

Mpox
Mpox

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार, बच्चों में Mpox का संक्रमण तेजी से फैल सकता है, और इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि माता-पिता और देखभाल करने वाले लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक रहें और इसके फैलने के कारणों और लक्षणों को समझें।

Mpox क्या है?

Mpox एक वायरल ज़ूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह बीमारी पहली बार 1958 में बंदरों में पाई गई थी, इसलिए इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया। हालांकि, यह बीमारी अन्य जानवरों, जैसे चूहे और गिलहरी से भी फैल सकती है। यह बीमारी अफ्रीका के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक पाई जाती थी, लेकिन हाल के समय में इसके केस अन्य देशों में भी देखे जा रहे हैं।

Mpox
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बच्चों में Mpox के फैलने के प्रमुख कारण

1. संपर्क में आना

बच्चों का शारीरिक संपर्क अधिक होता है, जैसे खेलने के दौरान हाथ मिलाना, गले लगना, या एक-दूसरे के साथ खाने-पीने की चीजें साझा करना। यह संपर्क वायरस के फैलने का सबसे सामान्य तरीका है। संक्रमित व्यक्ति के छाले, पपड़ी या त्वचा से संपर्क में आने पर वायरस तेजी से फैलता है।

2. जानवरों से संपर्क

Mpox एक ज़ूनोटिक बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। बच्चे अक्सर पालतू जानवरों या अन्य वन्यजीवों के संपर्क में आते हैं, जो वायरस का स्रोत हो सकते हैं। विशेष रूप से अफ्रीका में, जहां मंकीपॉक्स अधिक प्रचलित है, चूहे, गिलहरी और अन्य जानवरों से बच्चों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

3. कमजोर इम्यून सिस्टम

बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिसके कारण वे आसानी से किसी भी वायरल संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। खासकर 5 साल से छोटे बच्चे या वे बच्चे जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

4. संक्रमित वस्तुओं का उपयोग

बच्चे अक्सर एक-दूसरे की चीज़ें, जैसे खिलौने, बिस्तर, कपड़े आदि साझा करते हैं। अगर ये वस्तुएं किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई हों, तो वायरस बच्चों तक आसानी से पहुँच सकता है।

5. संक्रमित व्यक्ति के पास रहना

बच्चों को अक्सर यह समझ नहीं होती कि उन्हें बीमार व्यक्ति से दूरी बनानी चाहिए। अगर परिवार में कोई सदस्य मंकीपॉक्स से संक्रमित है, तो बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं और वे आसानी से इसका शिकार हो सकते हैं।

बच्चों में Mpox के लक्षण

1. बुखार

यह मंकीपॉक्स का सबसे आम प्रारंभिक लक्षण है। बच्चों में अचानक तेज बुखार हो सकता है, जो संक्रमण के शुरुआती 1-3 दिनों के भीतर दिखाई देता है।

2. सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द

बच्चों में बुखार के साथ-साथ सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है। यह लक्षण वायरस के शरीर में फैलने के कारण होते हैं।

Mpox
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3. थकान और कमजोरी

मंकीपॉक्स से संक्रमित बच्चे जल्दी थकान महसूस कर सकते हैं और उन्हें कमजोरी हो सकती है।

4. रैशेज़ या चकत्ते

वायरस के संपर्क में आने के कुछ दिनों बाद शरीर पर रैशेज़ (चकत्ते) विकसित हो जाते हैं। यह चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं, खासकर हाथों, पैरों और मुंह के अंदर। यह रैशेज़ आगे चलकर छोटे-छोटे छाले या फफोले बन जाते हैं, जिनमें मवाद भर जाता है।

5. गले में खराश और खांसी

बच्चों में गले में खराश, सूजन और खांसी की समस्या हो सकती है। यह लक्षण वायरस के फैलने के कारण होते हैं और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

6. लिम्फ नोड्स में सूजन

मंकीपॉक्स से संक्रमित बच्चों में लिम्फ नोड्स (गर्दन, बगल और जांघ के पास) में सूजन हो सकती है, जो दर्दनाक होती है।

7. आंखों में जलन और सूजन

कुछ बच्चों में आंखों में जलन, खुजली और सूजन हो सकती है।

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Mpox का निदान कैसे किया जाता है?

यदि किसी बच्चे में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले उसकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों की जांच करते हैं। इसके बाद बच्चे के रक्त और त्वचा के नमूनों की जांच की जाती है ताकि वायरस की पुष्टि हो सके। वायरस की पुष्टि के लिए पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।

Mpox का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपाय किए जा सकते हैं जिनसे लक्षणों को कम किया जा सके और संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। बच्चों के लिए विशेष ध्यान देना आवश्यक है, ताकि संक्रमण गंभीर न हो जाए।

1. आराम और हाइड्रेशन

बच्चों को ज्यादा से ज्यादा आराम करने और पानी पीने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे उनकी इम्यूनिटी बेहतर होगी और वे जल्दी ठीक हो सकेंगे।

2. दर्द और बुखार के लिए दवाइयाँ

डॉक्टर बच्चों को बुखार और दर्द से राहत दिलाने के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाइयाँ दे सकते हैं। लेकिन इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।

3. रैशेज़ की देखभाल

अगर बच्चे के शरीर पर रैशेज़ या छाले बन गए हैं, तो उन्हें खरोंचने से रोकना चाहिए। इन छालों पर संक्रमण रोकने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम लगाई जा सकती है।

4. वायरल संक्रमण से बचाव

बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखना चाहिए और उनके खिलौनों, कपड़ों और बिस्तर को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। इसके अलावा, मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग भी जरूरी है।

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Mpox
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बच्चों में Mpox से बचाव के उपाय

1. साफ-सफाई का ध्यान रखें

बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें, खासकर बाहर खेलने के बाद। साफ-सफाई का ध्यान रखने से वायरस का फैलाव कम हो सकता है।

2. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी

यदि किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण हैं, तो बच्चों को उनसे दूर रखें। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं को भी बच्चों से दूर रखना चाहिए।

3. जानवरों से दूरी

जंगली जानवरों, खासकर उन जानवरों से जो वायरस फैला सकते हैं, से बच्चों को दूर रखें। यदि आपके घर में पालतू जानवर हैं, तो उनकी स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें।

4. टीकाकरण

मंकीपॉक्स का टीका कुछ देशों में उपलब्ध है, जो बच्चों को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह टीका सभी देशों में उपलब्ध नहीं है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए।

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