Lord Ganesha Temples In The World: भारत समेत दुनिया भर में मौजूद हैं गणपति बप्पा के प्रसिद्ध मंदिर, राेजाना होती है पूजा अर्चना, दर्शन को पहुंचते हैं हजारों भक्त
Lord Ganesha Temples In The World: माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की पूजा से भक्तों की मुराद पूरी होती हैं। दुनियाभर में भगवान गणेश के कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
Lord Ganesha Temples In The World: देश विदेश में मौजूद हैं भगवान गणेश के प्रसिद्ध मंदिर
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, गणपति, एकदंत, गजानन आदि नामों से भी पुकारा जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की पूजा से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं। गणेश उत्सव की भी शुरूआत सात सितंबर से होने जा रही है। ऐसे में लोगों ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। आपको बता दें कि गणेश उत्सव में 10 दिनों के दौरान बप्पा की मूर्ति स्थापना के लिए भव्य पंडाल सजाए जाते हैं और विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 10वें दिन गणेश जी मूर्ति को नदीं या तालाब में विसर्जित किया जाता है। भारत में भगवान गणेश के कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां दर्शन करने मात्र से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। लेकिन भारत ही नहीं, विदेशों में भी भगवान गणेश की पूजा खूब की जाती हैं। जहां गजानन के प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं कि भारत समेत पूरे विश्व में गजानन के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं। तो आइए जानते हैं विस्तार से-
देश विदेश में मौजूद हैं भगवान गणेश के प्रसिद्ध मंदिर
सूर्यविनायक मंदिर, नेपाल
सूर्यविनायक मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो नेपाल के भक्तपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर हिंदू भगवान गणेश को समर्पित है। मंदिर काठमांडू से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर जंगल में स्थित है और यहां पर पैदल जाने का रास्ता है। यहां पर भगवान गणेश के दर्शन को दूर-दूर से लोग आते हैं। काठमांडू घाटी में भगवान गणेश के चार लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को सूरज के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। वहीं नेपाल में जलविनायक गणेश मंदिर भी स्थापित है।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
सिद्धिविनायक मंदिर, भगवान गणेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। ये मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है। सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में हुआ था। भगवान गणेश का यह मंदिर देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है। भगवान गणेश के दर्शन के लिए सिद्धिविनायक मंदिर में विदेशी भक्तों के साथ साथ नामचीन हस्तियों का भी आना जाना लगा रहता है। यह मंदिर भगवान गणेश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।
रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान
ये मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणेश त्रिनेत्र रूप में विराजमान हैं जिसमें तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। देश के कोने कोने से लाखों भक्त यहां भगवान गणेश के त्रिनेत्र रूप के दर्शन करने और मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पूरी दुनिया में भगवान गणेश का यह मंदिर ही एक अकेला ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश अपने सम्पूर्ण परिवार, दो पत्नी ऋद्धि और सिद्धि और दो पुत्र शुभ और लाभ के साथ विराजमान हैं।
खजराना गणेश मंदिर, मध्य प्रदेश
खजराना मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित है। ये मंदिर इंदौर का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में लगभग दस हजार लोग प्रतिदिन भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहां जो कोई भी भक्त अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान गणेश जी की मूर्ति की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाता है उसकी मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद लोग दोबारा गणेश जी की पीठ पर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
चिंतामण गणेश मंदिर, मध्य प्रदेश
चिंतामण गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान गणेश का सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। पुराने समय में भगवान गणेश को चिंताहरण के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है सभी प्रकार की चिंता को दूर करने वाला। यहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। दूर-दूर से भक्त यहां अपनी चिंता के समाधान के लिए आते हैं।
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डोडा गणपति मंदिर, कर्नाटक
डोडा गणपति मंदिर कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है। यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे अद्भुत मंदिरों में से एक है। डोडा का अर्थ होता है बड़ा। अपने नाम के अनुरूप ही इस मंदिर में गणेश जी की 18 फीट ऊंची और 16 फिट चौड़ी विशाल प्रतिमा है।
श्री सिथी विनयगर मंदिर, मलेशिया
श्री सिथी विनयगर मंदिर मलेशिया के सेलंगोर के पेटलिंग जया में जालान सेलंगोर के पास स्थित है। इसे पीजे पिल्लैयार मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर विराजमान देवता श्री सिथी विनयगर मंदिर के रूप में गणेश जी हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर मलेशिया में भगवान गणेश को समर्पित सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर है। ये मंदिर विदेश में होने के बावजूद इतना मशहूर है कि रोजाना हजारों भक्त गजानन के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां पर रोजाना पूजा और आरती भी की जाती है।
पिल्लयार गणेश मंदिर, श्रीलंका
श्रीलंका में भगवान गणेश को पिल्लयार के नाम से पूजा जाता है। वहां पर गणेश जी के कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं। अरियालाई सिद्धिविनायकर मंदिर और कटारगामा मंदिर गणेश जी से सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं।
सिल्वर टेम्पल, थाईलैंड
हुआई ख्वांग चौराहा थाईलैंड में भगवान गणेश के मंदिरों में से एक है। मंदिर में रोजाना पूजा की जाती है। आपको बता दें कि थाइलाइंड में भगवान गणेश की सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई मंदिर स्थित हैं। इसके अलावा थाईलैंड के चियांग माई में सिल्वर टेम्पल के नाम से मशहूर मंदिर के बाहर भगवान गणेश की सिल्वर प्रतिमा है।
श्री वरथराज सेल्वाविनयगर मंदिर, नीदरलैंड
डेन हेल्डर में स्थित श्री वरथराज सेल्वाविनयगर मंदिर, नीदरलैंड का सबसे पुराना गणेश मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1991 में श्रीलंका से आए तमिल लोगों द्वारा किया गया था। ये मंदिर नीदरलैंड के डेन हेल्डर में स्थापित है।
उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, तमिलनाडु
यह प्रसिद्ध गणेश मंदिर तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली में स्थित है। इस गणेश मंदिर की सबसे खास बात है कि ये 272 फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित है। पैराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान गणेश ने रंगनाथ की मूर्ति स्थिपित की थी। एक अन्य मान्यता के मुताबिक रावण के वध के बाद श्रीराम ने विभीषण को भगवान रंगनाथ की मूर्ति भेंट की थी। मूर्ति भेंट करते हुए श्रीराम ने विभीषण से कहा था कि इस बात का विशेष ध्यान रखना कि इसे जहां रखोगे ये वहीं स्थापित हो जाएगी। कहा जाता है कि विभीषण उस मूर्ति को लंका ले जाने लगे। रास्ते में उनकी इच्छा कावेरी नदी में स्नान करने की हुई, लेकिन वे उस मूर्ति को नीचे नहीं रखना चाहते थे। कहा जाता है कि तभी भगवान गणेश ने चरवाहे का रूप धारण कर विभीषण से कहा कि जब तक वो स्नान करेगा तब तक वे उस मूर्ति को अपने पास रखेंगे। लेकिन कुछ ही देर बाद भगवान गणेश ने उस मूर्ति को वहीं जमीन पर रख दिया।
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कनिपकम विनायक मंदिर, आंध्र प्रदेश
यह गणेश मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कनिपकम में स्थित है। कहा जाता कि इस मंदिर का निर्माण कुलोथुंग चोला ने करवाया था। बाद में 14वीं शताब्दी की शरुआत में विजय नगर साम्राज्य के शासकों ने इस विनायक मंदिर का विस्तार करवाया। इस मंदिर में भगवान गणेश की पूजा के लिए लाखों श्रद्धालु पधारते हैं।
श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर, पुणे
यह गणेश मंदिर महाराष्ट्र का दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो को पुणे में स्थित है। भगवान गणेश का यह मंदिर वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि पुणे के दग्दूसेठ हलवाई के बेटे की प्लेग से मौत हो गई थी। जिसके बाद सेठ ने इस मंदिर को 1893 में बनवाया था। इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन के लिए में देश-विदेश से लोग आते हैं।
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