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IC 814: The Kandahar Hijack: खौफ भरे वो आठ दिन, 3 आतंकियों की रिहाई और विमान में सहमे हुए 176 यात्री, वेब सीरीज में देखें कंधार हाईजैक की पूरी कहानी

IC 814: The Kandahar Hijack: कंधार हाइजैक की घटना से पूरा देश तनाव में था। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। यात्रियों के बदले 3 आतंकियों को रिहा किया और खौफभरे 8 दिनों के बाद यात्री वापस भारत लाए गए। वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' में इस घटना को दिखाया गया है।

IC 814: The Kandahar Hijack: काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी भारतीय फ्लाइट, जानें कहानी

Kandahar Plane Hijack: 24 दिसंबर, 1999 को प्लेन हाईजैक कर लिया गया था। नेपाल का त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, यहीं ये इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर अफगानिस्‍तान ले जाया गया था। ये विमान काठमांडू से दिल्‍ली आ रहा था। फ्लाइट संख्‍या IC-814 में 176 यात्री सवार थे। हाईजैकर्स इस विमान में यात्रियों के वेश में चढ़े थे। विमान को काठमांडू से हाईजैक कर कंधार ले जाया गया था। इस बीच विमान को ईंधन भरने के लिए दुबई एयरपोर्ट पर रोका गया, जहां 28 यात्रियों को उतारा गया। इसमें ज्‍यादातर बच्‍चे और महिलाएं शामिल थीं। जबकि एक घायल भी था जिसकी बाद में मौत हो गई थी। इस घटना को आज फिर इसलिए याद किया जा रहा है, क्‍योंकि हाल ही में एक वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। वेब सीरीज में हाईजैक की इस घटना को लेकर कई ऐसी बातें भी सामने आई हैं, जिनसे अभी तक आम लोगों अंजान थे। तो चलिए उन बातों को विस्तार से जानते हैं-

सच्ची घटना पर आधारित IC 814: The Kandahar Hijack के बारे में इस वक्त पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। हर कोई इस सीरीज के बारे में बात कर रहा है। एक यूजर ने इस सीरीज का रिव्यू देते हुए लिखा कि आईसी814: द कंधार हाईजैक, नेटफ्लिक्स पर है और हर किसी को जरूर देखनी चाहिए। दूसरे यूजर ने लिखा कि इस सीरीज में विजय वर्मा का अंदाज बेहद कमाल का है। तीसरे यूजर ने लिखा कि बेहद कमाल की सीरीज है, जो सच्ची कहानी दिखा रही है। चौथे यूजर ने लिखा कि ये सच्ची कहानी पर आधारित है, जो बेहद कमाल की है। इस तरह ज्यादातर यूजर्स इस सीरीज को पॉजिटिव रिव्यू ही दे रहे हैं।

क्या है Kandahar Plane Hijack सीरीज की कहानी? IC 814: The Kandahar Hijack

इस सीरीज की कहानी की बात करें तो ये 25 साल पुरानी उस सच्ची घटना पर आधारित है, जिसने पूरे देश की नींद छीन ली थी। दरअसल, बात है साल 1999, दिसंबर 24 की, जब भारतीय विमान IC 814 अपने देश लौटने यानी भारत आने के लिए उड़ान भरता है। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान एटीसी की रडार से गायब हो गया और ना सिर्फ विमान में सफर कर रहे यात्रियों बल्कि इस खबर ने पूरे देश को हिला दिया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि शाम साढ़े चार बजे IC 814 विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी लेकिन पांच बजते ही वो एटीसी की रडार से गायब हो गया। आईसी 814 के साथ क्या हुआ और क्या है कंधार हाईजैक की पूरी कहानी? इसके लिए आप इस सीरीज को देख सकते हैं। लेकिन हम आपको सारी बातें यहां भी बताने जा रहे हैं।

काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी फ्लाइट IC 814: The Kandahar Hijack

दरअसल भारतीय विमान ने जब काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तो सबकुछ सामान्‍य नजर आ रहा था। विमान में ज्‍यादा यात्री भारतीय थे, जो दिल्‍ली आ रहे थे। लेकिन जैसे ही विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुआ, हाईजैकर्स खड़े हो गए और पूरे विमान को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने पायलट और यात्रियों पर बंदूकें तान दीं। उनके साथ मारपीट की और विमान को दिल्ली से पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया। विमान में इतना ईंधन नहीं था कि उसे सीधे अफगानिस्‍तान ले जाया जा सके। इसलिए हाईजैक विमान कुछ देर अमृतसर में रुका था और फिर लाहौर के लिए रवाना हो गया था।

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बिना पाक सरकार की इजाजत के लाहौर में लैंड हुई फ्लाइट IC 814: The Kandahar Hijack

विमान पाकिस्तान सरकार से इजाजत लिए बिना रात 8:07 बजे लाहौर में उतरा था, जैसा कि पाक सरकार ने बताया। अगली सुबह विमान लाहौर से दुबई के लिए रवाना हुआ। दुबई एयरपोर्ट पर ईंधन भरा गया। इसके बाद प्लेन वहां से सीधे अफगानिस्तान के कंधार पहुंच गया। फ्लाइट इंजीनियर अनिल द्वारा लिखित पुस्तक आईसी 814 हाईजैक्ड: द इनसाइड स्टोरी में बताया गया है कि शाम 4.39 बजे तक फ्लाइट भारतीय हवाई क्षेत्र में पहुंच गई और कॉकपिट में मौजूद लोग चाय और कॉफी पी रहे थे।

शाम 4.53 बजे तक हाईजैक कर लिया गया था फ्लाइट

इस दौरान एक शख्‍स कॉकपिट में घुस आया। पायलट ने जैसे ही इसे देखा, वे समझ गए कि मुसीबत में हैं। कॉकपिट में दाखिल हुए लोगों के चेहरों ढके हुए थे। उन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था। इस शख्‍स के बाएं हाथ में ग्रेनेड और दाहिने हाथ में रिवॉल्‍वर थी। इसके बाद हाईजैकर्स चिल्‍लाया, “कोई होशियारी नहीं करेगा। कोई हिलेगा नहीं। तय्यारा हमारे कब्‍जे मैं है। किसी ने भी हरकत की या होशियारी दिखाने की कोशिश की, तो अच्‍छा नहीं होगा। हमने विमान को कब्‍जे में ले लिया है। साढ़े चार बजे उड़ान भरा विमान शाम 4.53 बजे हाईजैक कर लिया गया था।

जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई की थी मांग IC 814: The Kandahar Hijack

कुछ घंटों बाद ही हाईजैकर्स ने अपनी कुछ मांगें करनी शुरू कर दीं। इनमें भारतीय जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई की मांग भी शामिल थी। उन्होंने 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती भी मांगी। विमान 8.33 बजे अफगानिस्तान के कंधार हवाई अड्डे पर उतरा और 31 दिसंबर तक वहीं रुका रहा। यहीं से भारतीय सरकार और हाईजैकर्स के बीच बातचीत हुई। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्‍कालीन विदेश मंत्री जसवन्त सिंह छोड़े गए तीन आतंकियों मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर को कंधार लेकर गए थे।

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घटना ने पूरे भारत को हिला दिया था IC 814: The Kandahar Hijack

शुरुआत में अपहर्ताओं ने भारत में बंद 36 आतंकवादियों की रिहाई की मांग की थी, इसमें जिसमें मसूद अज़हर भी शामिल था। ये वही मसूद अजहर है, जिसने बाद में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था। यही संगठन ने 2019 पुलवामा हमलों में भी शामिल था। घटना ने पूरे भारत को हिला दिया था। दुनियाभर में यह सबसे बड़ी खबर थी। भारत में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। सरकार तनाव में थी। मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ऑपरेशन कंधार का हिस्सा थे।

कंधार पर था तालिबान का कब्जा

कंधार पर उस समय तालिबान का कब्‍जा था। हालांकि, भारत सरकार ने कहा नहीं था, लेकिन उन्होंने मामले में खुद हस्तक्षेप किया। हाईजैकर्स ने इसके बाद अपनी कुछ मांगें कम कर दीं। हालांकि, वे आतंकियों की रिहाई की मांग पर अड़े रहे। हाइजैकर्स की सभी मांगे तो नहीं मानी गईं, लेकिन यात्रियों को सुरक्षित सौंपने के बदले भारतीय जेल से तीन आतंकियों को छोड़ने का फैसला लेना पड़ा। सरकार के इस फैसले की आलोचना भी हुई, लेकिन यात्रियों को सुरक्षित लाने की पुरजोर कोशिश चलती रही।

वेब सीरीज में देखें कहानी IC 814: The Kandahar Hijack

कंधार हाईजैक की घटना आज भी वाजपेयी सरकार की दुखद घटना है। लेकिन तब सरकार के सामने कोई विकल्‍प भी नहीं था। 31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर अगवा रखे गए सभी 155 बंधकों को आखिरकार रिहा कर दिया गया। 31 दिसम्बर 1999 की रात ही फ्लाइट 814 के छोड़े गए बंधकों को एक विशेष विमान से भारत वापस लाया गया। खौफ से भरे ये 8 दिन इतिहास में दर्ज हुए और अब वेब सीरीज के जरिए उसे सामने लाया गया है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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