Ilish Mach Recipe: बंगाली पाककला का आनंद: रिमी दीदी की सरसों इलिश माच रेसिपी
Ilish Mach Recipe: बंगालियों में मछली एक खाने की चीज नहीं, बल्कि एक इमोशन है। बंगाल के लोगों का मछली के प्रति प्रेम इतना गहरा है कि कोई भी खुशी मछली के बिना पूरी नहीं होती है। कोलकाता की रहने वाली रिमी दीदी ने अपने परिवार की पसंदीदा डिश सरसों इलिश माच की रेसिपी शेयर की। जो खाने में वाकई स्वादिष्ट थी।
Ilish Mach Recipe: बंगाली पाककला का आनंद: रिमी दीदी की सरसों इलिश माच रेसिपी
बारिश का मौसम हो तो हमें कुछ न कुछ टेस्टी और चटपटा सा खाने काे मन करता है। बंगालियों की बात करें तो मछली उनकी पसंदीदा व्यंजनों में से एक है। यहां मछली एक खाने की चीज नहीं बल्कि एक इमोशन है। बात जब बारिश के दिनों की हो तो ये और भी ज्यादा स्पेशल हो जाती है। क्योंकि बरसात का मौसम हिल्सा मछली के लिए काफी फेमस है। यही वजह है कि बारिश के दिनों में बंगालियों के घर में हिल्सा मछली की रेसिपी बननी ही है। मैं संजना एक फूड रिपोर्टर हूं। और इस डिश की खासियत जानने और स्वाद लेने के लिए मैं मेरी दोस्त रिमी के घर पहुंच गई। जिन्हें प्यार से उनके पड़ोसी रिमी दीदी के नाम से पुकारते हैं।
रिमी अपने बंगाली स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जानी जाती हैं। जब मैं रिमी से उनके घर पर मिली तो उन्होंने गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया। उनकी बोली में ही इतनी मिठास थी कि मेरा दिल रोमांच से भर गया। उनके चेहरे पर प्यार भरी मुस्कान थी। जो उन्हें बेहद खूबसूरत बना रही थी। अपने बंगाली व्यंजनों के लिए मशहूर रिमी मेरे साथ एक ऐसी रेसिपी शेयर करने वालीं थीं जो न केवल स्वाद में अव्वल थी बल्कि बंगालियों के इतिहास में भी इस व्यंजन का नाम दर्ज है। जैसे ही मैंने उनके बंगाली घर में कदम रखा, तो पूरा वातावरण बंगाली व्यंजनों की सुगंध से भरा हुआ था। जो मुझे एक अलग अनुभव करा रहा था। रिमी दीदी जिस व्यंजन के बारे में बताने वालीं थीं वो एक ऐसा व्यंजन था जो मछली के भावपूर्ण आलिंगन के लिए माना जाता है। आज, मैं इस पाक जुनून काे सामने से अनुभव करने वाली थी।
बंगाली भोजन का आकर्षण
मैं जैसे ही उनके घर में गई, उन्होंने कहा “आपका स्वागत है, संजना! आज, मैं एक ऐसी रेसिपी शेयर करने के लिए काफी ज्यादा एक्साइटेड हूं जो मेरी फेवरेट है। मुझे रिमी दीदी ने बताया कि “यह एक पसंदीदा बंगाली खाना है। गणेश मार्का सरसों के तेल और खास सरसों के मसालों में पकाई गई हिल्सा मछली, जिसे ‘सरसों इलिश माच’ के नाम से जाना जाता है। हिल्सा मछली, या ‘इलिश’ बंगाली व्यंजनों में सर्वोच्च स्थान रखती है। इसकी नाजुक, मक्खन जैसी बनावट और स्वाद इसे बंगाली पाक परंपराओं में खास बनाता है। रिमी दीदी ने खुलासा किया कि पीढ़ियों से चली आ रही यह रेसिपी, उनके परिवार की पाक विरासत का सार समेटे हुए है।
गणेश सरसों के तेल की विरासत
हम रसोई की ओर बढ़े। रिमी दीदी ने अपने परिवार के खाना पकाने की परंपराओं के बारे में दिलचस्प बातें शेयर कीं। रिमी दीदी ने मुझसे ने बताया “हमारे घर में हमेशा से गणेश मार्का सरसों का तेल इस्तेमाल हो रहा है। इसकी खुशबू और स्वाद बचपन से ही हमारे साथ है। यह सरसों का तेल हमारे व्यंजनों को एक अनोखा स्वाद देता है।” आपको बता दें कि गणेश मार्का सरसों का तेल, जो अपने हाई क्वालिटी के लिए जाना जाता है, बंगाली रसोईयों में मुख्य है। अब खाना पकाना शुरू करने से पहले मैंने और रिमी दीदी ने सामग्री एकत्र की।
सरसों इलिश माच बनाने के लिए सामग्रियों की लिस्ट
- हिल्सा मछली: 500 ग्राम
- काल जीरा: ½ चम्मच
- हरी मिर्च: 5-7
- गणेश मार्का सरसों का तेल: आवश्यकतानुसार
- मसाले: हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, सरसों पाउडर, नमक
- हिल्सा मछली तैयार करना
- मछली को साफ करना और मैरीनेट करना
मैं देखते ही दंग हो जा रही थी कि रिमी दीदी ने चुटकियों में खाने की तैयारी पूरी कर ली थी। रिमी ने हिल्सा मछली को लगभग तीन बार अच्छी तरह से धुल लिया। इसके बाद उन्होंने मछली को हल्दी पाउडर, नमक और गणेश मार्का सरसों के तेल के साथ मैरिनेट किया। तभी मैंने रिमी से सवाल किया कि क्या मैरिनेशन जरूरी है? इस पर रिमी ने बताया कि स्वाद बढ़ाने के लिए मछली को मैरिनेट करना बहुत जरूरी होता है। ये पार्ट स्किप नहीं किया जा सकता है। रिमी ने लगभग 10 मिनट तक मछली को ऐसे ही मैरिनेट रहने दिया।”
पैन को गर्म करना
इसके बाद रिमी ने एक पैन को गर्म किया। इस दौरान रिमी दीदी ने इस बात पर जोर दिया कि अभी ज्यादा तेल की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमें अभी सिर्फ मैरिनेट मछली को रोस्ट करना है। ये कहते हुए रिमी दीदी ने पैन में दो चम्मच तेल डाला। और मैरिनेट की हुई मछली को सीधे पैन में डाल दिया। और उसे कुरकुरा होने तक पका लिया। उन्होंने कहा कि मछली को भूनते समय लगातार करछी चलाते रहना है। वरना मछली जल भी सकती है। वाह! मछली भूनते समय गजब की खुशबू आ रही थी। मन कर रहा था कि मैं इसे ऐसे ही खा जाऊं। मेरी इसी बात पर रिमी ने प्यार भरी मुस्कान दी। रिमी ने बताया कि “कुछ लोग मछली को सीधे मसालों के साथ भूनना पसंद करते हैं, लेकिन हमारे बड़े बुजुर्ग बताते थे कि हिल्सा मछली को पहले भूनने से इसकी तेज गंध को कम करने में मदद मिलती है।”
सरसों का तेल तैयार करना
मछली भूनने के बाद रिमी दीदी ने उसे अलग बर्तन में रख दिया। फिर उसी पैन में बचे हुए तेल के साथ गणेश मार्का सरसों का तेल जरूरत के अनुसार और डाल दिया। इस दाैरान उन्होंने बताया कि “इस तरह, तली हुई मछली का स्वाद तेल में मिल जाता है, जिससे पकवान का स्वाद और बढ़ जाता है। रेसिपी तैयार करने में ये एक जरूरी प्रक्रिया है। अब मसालों को भूनने का समय आ गया था। रिमी दीदी ने गर्म तेल में काला जीरा और हरी मिर्च डाल दी। जैसे ही जीरा चटकना शुरू हुआ, पूरा किचन सुगंध से भर गया। उन्होंने फ्लेम को धीमा किया। फिर हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और हिल्सा मछली का स्पेशल सरसों मसाला उसमें ऐड किया। अब इसे ढक कर पकने के लिए रख दिया। इस दौरान उन्होंने समझाया कि “अच्छी सरसों मछली करी की कुंजी मसाले और तेल में ही है।”
ग्रेवी बनाना
पानी मिलाना और पकाना
इसके बाद रिमी दीदी ने थोड़ा पानी अलग से गर्म किया। उन्होंने चेक किया कि मसाला पूरी तैयार से है। तब एक बढ़िया ग्रेवी बनाने के लिए गर्म पानी को मसालों में मिलाया। उन्होंने बताया, “हम मसालों का स्वाद बढ़ाने के लिए उन्हें पहले तेल में पकाते हैं और फिर ग्रेवी बनाने के लिए पानी मिलाते हैं।” पानी और मसालों में उबाल आने लगा था। रिमी दीदी बीच-बीच में उसे करछी से चलाती रहीं ताकि मसाला और पानी अच्छी तरह से मिक्स हो जाए।
करी को पकाने का प्रॉसेस
ग्रेवी तैयार होने के बाद रिमी दीदी ने तली हुई हिल्सा मछली को वापस पैन में डाल दिया। उन्होंने मुझे बताया कि कम से कम मछली को 10 मिनट तक ग्रेवी में पकने देना है। जब तक मछली मसाले और तेल का स्वाद अपने में न ले ले। उन्होंने करी में थोड़ा और नमक मिलाया। एक बार जब मछली पक गई, तो रिमी दीदी ने ऊपर से थोड़ा और गणेश मार्का सरसों का तेल छिड़क दिया। उन्होंने बताया कि “आखिरी में तेल की कुछ बूंदे डालने से स्वाद और भी बढ़ जाता है।”
बंगाली पाक कला का आनंद
अब सरसों इलिश माच पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी। रिमी दीदी ने सरसों इलिश माच को एक प्लेट में निकाला। उसे सुंदर तरीके से गार्निश किया। चमकीली पीली ग्रेवी और कुरकुरी मछली देखने में काफी टेस्टी लग रही थी। मैंने जैसे ही एक निवाला लिया, स्वाद पूरा मेरे मुंह में घुल गया था। ये वाकई में बहुत ही स्वादिष्ट था। इस टेस्ट की मुझे काफी दिनों से तलाश थी। गणेश मार्का सरसों के तेल और खास सरसों के मसालों ने सरसों इलिश माच को एक स्पेशल टेस्ट दे दिया थ।
बंगाली व्यंजनों के प्रति रिमी दीदी का जुनून तैयारी के हर चरण में स्पष्ट था। जिस तरह से उन्होंने अपनी पारिवारिक परंपराओं और गणेश मार्का सरसों के तेल के उपयोग के महत्व के बारे में बात की, उसने इस रेसिपी को और भी खास बना दिया था। बंगाली संस्कृति में, भोजन केवल पोषण के बारे में नहीं है; यह संबंध, परंपरा और प्रेम के बारे में भी है। रिमी दीदी की हिल्सा मछली रेसिपी इस पाक विरासत का प्रमाण है।
परिवार में पसंदीदा गणेश मार्का सरसों का तेल इस बात को स्पष्ट करता है कि कैसे ये तेल किसी भी व्यंजन को स्वादिष्ट बना सकता है। रिमी दीदी ने कहा कि यह रेसिपी 3-4 लोगों को परोसती हैं, जिससे यह पारिवारिक भोजन या छोटी सभा के लिए सही है। रिमी दीदी ने मुझसे अपना पारंपरिक अनुभव शेयर किया। जो कोई भी बंगाली खाना पकाने में अपना हाथ आज़माना चाहता है, उसके लिए रिमी दीदी की सरसों इलिश माच की रेसिपी एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो परिवार के साथ खाना खाने की खुशी का प्रतीक है।
एक पाककला विरासत
रिमी से मुझे ये जानने को मिला कि बंगालियों में भोजन जीवन जीने से कहीं अधिक है। यह संबंध, परंपरा और प्रेम का उत्सव है। रिमी दीदी की हिल्सा मछली रेसिपी इस पाक विरासत का प्रतीक है। गणेश मार्का सरसों के तेल का उपयोग इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे सही सामग्री किसी व्यंजन को उन्नत बना सकती है और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित कर सकती है।
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