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Chitrakoot Shiva Mandir: त्रेता युग से जुड़ी है चित्रकूट के इस शिव मन्दिर की मान्यता, यहां महज दर्शन से ही कट जाते है सारे रोग

ऐसे में शिव भक्त तमाम शिव मंदिरों में जाकर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। साथ ही उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना...

Chitrakoot Shiva Mandir: क्या आप जानते है चित्रकूट के 300 साल पुराने शिव मंदिर के बारे में

Chitrakoot Shiva Mandir: अगर हम अपनी बोल चल की भाषा में बोले तो अभी अगस्त का महीना चल रहा है लेकिन अगर हम हिंदी कैलेंडर के अनुसार देखे तो अभी सावन का महीना चल रहा है। हिन्दू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है सावन का महीना भगवान शिव को अर्पित माना जाता है और अभी सावन का ही महीना चल रहा है यानी भगवान शिव का महीना।

ऐसे में शिव भक्त तमाम शिव मंदिरों में जाकर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। साथ ही उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको चित्रकूट के एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शिव मंदिर आज से लगभग 300 साल पुराना है। अगर हम इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग काफी प्राचीन है, और मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से रोग ग्रसित लोगों के रोग कट जाते हैं और लोगों की मुरादे भी पूरी होती हैं।

Chitrakoot Shiva Mandir
Chitrakoot Shiva Mandir

चित्रकूट का मंदिर है 300 साल पुराना

आज हम आपको बता रहे हैं बुंदेलखंड के चित्रकूट के मानिकपुर तहसील के अगरहुंडा ने बने 300 साल प्राचीन शिव मंदिर के बारे में। सोशल मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, यहां स्थापित मूर्ति लगभग 300 साल पुरानी है। वहीं, इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से रोग ग्रसित लोगों के रोग तो ठीक हो ही जाते हैं इसके साथ ही अल्पायु में लोगों की भी अल्पायु भी कट जाती है।

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मंदिर खंडहर होने लगा ह मंदिर

चित्रकूट का शिव मंदिर अब धीरे-धीरे खंडहर होते जा रहा है। क्योंकि इस ओर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। ये मंदिर इतना पुराना होने के बाद भी, आज भी सावन के दिनों में भक्त इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए पहुंच जाते है और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति भगवान शिव से करवाते हैं।

जाने क्या कहते है चित्रकूट के इतिहासकार इसके बारे में

चित्रकूट के इतिहासकार अनुज हनुमत कहते है कि यह मंदिर आज से लगभग 300 साल पुराना है। उस समय पर इस मंदिर का निर्माण स्थानीय पूर्वजों द्वारा करवाया गया था, लेकिन अब यह धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है। आपको बता दें यहां जो शिवलिंग विराजित है। वह बेहद प्राचीन है, यहां सिर्फ पूजा अर्चना करने से सभी भक्तो की मनोकामनाएं पूरी होती है।

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