Sheikh Hasina: शेख हसीना के जीवन की कहानी: इन फिल्मों से मिलेगा पूरा सच
बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा हैं , छात्रों के आंदोनल ने एक भयानक रुप ले लिया हैं जिसके चलते वह की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया हैं और वह अपना देश छोड़ भारत आ गई हैं , लेकिन यह कोई पहली बार नहीं है जब शेख हसीना के जीवन में इस तरह का तुफान आया हैं ।शेख हसीना के इन संघर्षों और उनके जीवन पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं । आइए जानते है शेख हसीना के जीवन से जुड़ी वो खास फिल्में जो उनके जीवन की कठिनाइनों को बाखूबी दर्शाती हैं ।
इन फिल्मों से जानें Sheikh Hasina की ज़िंदगी की कहानी
“हसीना: अ डॉटर्स टेल”
पिपलु खान के निर्देशन में बनी डॉक्यू-ड्रामा फिल्म “हसीना: अ डॉटर्स टेल” 16 नवंबर 2018 को रिलीज हुई। इस 70 मिनट की फिल्म में शेख हसीना की जिंदगियों के महत्वपूर्ण पहलुओं को बड़े प्रभावशाली ढंग से पेश किया गया है, विशेष रूप से 1975 में उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की घटना को बारीकी से दिखाया गया है। फिल्म में शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना ने अपनी व्यक्तिगत और दर्दनाक कहानी साझा की है, जिसमें उनके परिवार पर आई कठिनाइयों और संघर्षों को गहराई से उजागर किया गया है। 1.8 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म न केवल बांग्लादेश में बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी रिलीज हो चुकी है, जिससे इसकी विषयवस्तु और कहानी का वैश्विक दर्शकों पर भी प्रभाव पड़ा है।
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“मुजीब: द मेकिंग ऑफ अ नेशन”
यह फिल्म शेख हसीना और उनके परिवार की कहानी पर आधारित है, इस फिल्म को प्रसिद्ध बंगाली डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया। इसमें आरिफिन शुवू, नुसरत इमरोज तिशा, और फजलुर रहमान बाबू जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। 13 अक्टूबर 2023 को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने 178 मिनटों में शेख हसीना और परिवार के संघर्ष को दिखाया था कैसे उनके पिता ने जेल में रह कर भूख हड़ताल की वो कैसे एक नेता से राष्ट्रपति बने यह सब इस फिल्म में दिखाया गया हैं, 83 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 41मिलियन रुपये की कमाई की थी ।
2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद पर रहीं शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को हुआ था. उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में मुख्या भूमिका निभाई थी । शेख हसीना ने ईडन महिला कॉलेज में एडमिशन हुआ यहां से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया । वक्त बदला और शेख हसीना राजनीति में उतरी साल 1996 में, शेख हसीना ने बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्राहण किया , 2001 में चुनाव हारने के बाद वह सात वर्षों तक विपक्ष में रहीं इसके बाद साल 2009 में शेख हसीना ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद जीत लिया तब से वे लगातार चौथी बार इस पद पर बनी रहीं और कुल मिलाकर वे बांग्लादेश की पांच बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
फिर मुसीबत में पड़ी शेख हसीना
जन्म से ही शेख हसीना का जीवन में कई उतार चढ़ाव आए हैं । उनपर बनीं इन दोनों फिल्में शेख हसीना के परिवार के संघर्ष को दर्शाती हैं । वहीं अब एक बार फिर बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हुए शुरु हुए एक बवाल नें हिंसात्मक रुप ले लिया हैं जिसके चलते शेख हसीना को फिर से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा हैं । प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब शेख हसीना अपना देश छोड़ भारत आ गई हैं । रिपोर्ट के मुताबिक वह भारत से लंदन जाने की तैयारी कर रही हैं । भारत सरकार से भी बांग्लादेश के हालातों पर करीब से नजर रखी जा रही हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा और बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक की। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से सत्ता के बदलाव की आवश्यकता की बात की है।
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