PAK-China: नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से टेंशन में पाकिस्तान और चीन, भारत पर रख रहे पैनी नजर
PAK-China: तीसरी बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से चीन और पाक को भारत के और अधिक मजबूत होने का खौफ सताने लगा है। इसलिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की।
PAK-China: पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं शामिल होगा पाक-चीन
नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें बीजेपी और एनडीए ने अपने संसदीय दल का नेता चुन लिया है। इसके साथ ही वह लोकसभा के भी नेता चुन लिए गए हैं। अब 9 जून को उनका शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। मगर इस खबर से पाकिस्तान और चीन में हलचल मच गई है। तीसरी बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से चीन और पाक को भारत के और अधिक मजबूत होने का खौफ सताने लगा है। PAK-China इसलिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की। दोनों देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वो भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति की बात करना चाहता है। साथ ही सहयोगात्मक संबंध रखना चाहता है और शांति के साथ बातचीत की मदद से हर तरह के विवाद को दूर करना चाहता है। PAK-China आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान हमेशा से भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंध और शांति बनाए रखना चाहता रहा है।
पाक-चीन नहीं होगा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल PAK-China
उन्होंने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर जैसे प्रमुख विवाद समेत भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान लगातार बातचीत और शांति की बात करता है। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है। पाकिस्तान और चीन ऐसे देश होंगे, जिसके नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे कई नेता PAK-China
समारोह में सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के अन्य सभी नेता शामिल होंगे। इसके साथ ही समारोह में नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, भूटान, सेशेल्स और मॉरीशस के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। संयोग से, भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार के समर्थक माने जाने वाले शहबाज शरीफ के बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 2014 में मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर हुए शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चाइना में PAK-China
आपको बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चाइना में हैं। शरीफ ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की, जिसके बाद दोनों देशों ने 23 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, समझौतों में सीपीईसी के दूसरे चरण और कराची को पेशावर से जोड़ने वाली आठ अरब अमेरिकी डॉलर की हाई-स्पीड रेलवे परियोजना नहीं थी। शरीफ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हमने बहुआयामी पाकिस्तान-चीन संबंधों के विभिन्न आयामों पर बातचीत की। अपनी दीर्घकालिक व दृढ़ मित्रता, सदाबहार रणनीतिक सहयोग, आर्थिक व व्यापार संबंधों और सीपीईसी को लेकर चर्चा हुई।
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पाकिस्तान के साथ रिश्ते में था तनाव PAK-China
गौरतलब हो कि भारत सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। भारत सरकार ने जम्म-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बीच काफी तनाव पैदा हो गया था। अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों को कम कर दिया था।
आतंकवाद का रास्ता छोड़े PAK
हालांकि भारत लगातार शांति की ही बात करता रहा है। न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि भारत अपने हर पड़ोसी देश के साथ शांति और बातचीत की स्थिति ही बनाए रखना चाहता है। लेकिन साथ ही जब बात पाकिस्तान की आती है तो भारत इस बात को भी कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शांति का रिश्ता तब ही कायम हो सकता है जब पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता छोड़ दें और अपनी ना पाक हरकतों से बाज आ जाए।
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