Sukhasana Benefits: क्या है सुखासन के अभ्यास का सही तरीका, इसके फायदे जानकर आप आज से ही शुरू कर देंगे योगा
Sukhasana Benefits: सुखासन एक बेहद आसान योग क्रिया है, जिसका नियमित अभ्यास करने से ब्लड फ्लो और डाइजेशन सही रहता है और शरीर का पोस्चर सुधारने में मदद मिलती है।
Sukhasana Benefits: सुखासन के दौरान बरतें ये सावधानी, जानें अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
सुखासन योग विज्ञान के सबसे सरल आसनों में से एक है। सुखासन को सबसे साधारण और सरल आसनों में से एक माना जाता है। सुखासन का शाब्दिक अर्थ सुख से बैठना है। वैसे ‘सुखासन’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है सुख जिसका अर्थ ‘आराम’ या ‘आनंद’ है। जबकि आसन का अर्थ बैठना होता है। सुखासन को ईजी पोज/ डीसेंट पोज या प्लीजेंट पोज भी कहा जाता है। सुखासन को किसी भी उम्र और लेवल के लोग कर सकते हैं। बैठकर किया जाने वाले सुखासन सरल होने के साथ ही उपयोगी भी है। इस आसन के अभ्यास से घुटनों और टखने में खिंचाव आता है। इसके अलावा ये पीठ को भी मजबूत करने में मदद करता है।
सुखासन कई रोगों को दूर करने में भी मदद करता है। कई मानसिक और शारीरिक बीमारियां भी इसके नियमित अभ्यास से ठीक होती देखी गईं हैं। इसके नियमित अभ्यास से चक्र और कुंडलिनी जागरण में भी मदद मिलती है। सुखासन का अभ्यास दंडासन, वज्रासन, उत्तानासन, बालासन, धनुरासन को पूरा करता है। आइये जानते हैं सुखासन के फायदे, विधि और सावधानियों के बारे में।
सुखासन के अभ्यास का सही तरीका Sukhasana Benefits
- इस आसन को करने के लिए मैट पर पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। इस दौरान पीठ को सीधा रखें।
- अब दोनों पैरों को बारी-बारी से क्रॉस करते हुए घुटनों से भीतर की तरफ मोड़ें। घुटने बाहर की तरफ रखें और पलथी मारकर बैठ जाएं।
- पैरों को आराम देते हुए बैठें। ध्यान रखें कि घुटने जमीन को छूते रहें।
- कमर, गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
- आंखें बंद करके गहरी सांस लें और कुछ मिनट इसी मुद्रा में बैठें रहें।
सुखासन के दौरान सावधानी Sukhasana Benefits
- सुखासन का अभ्यास सुबह किया जाना बेहतर है। इस आसन के अभ्यास के लिए खाली पेट होने की जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर आप इस आसन के बाद किए जाने वाले योगासनों को कर रहे हैं तो भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लिया जाए।
- हिप्स या घुटनों में चोट लगी हो तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें।
- स्लिप डिस्क की समस्या हो तो इस आसन के अभ्यास से पहले कुशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सुखासन के हेल्थ बेनिफिट्स Sukhasana Benefits
- नियमित सुखासन का अभ्यास करने से ब्रेन की कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है। सुखासन स्पाइन को बेहतर करने के साथ-साथ झुके हुए कंधों को ठीक कर बॉडी का पोस्चर सुधारने में सहायक है। सुखासन स्ट्रेस और एंजाइटी की समस्या से दूर करने में कारगर है।
- सुखासन का नियमित अभ्यास करने से मोटापा कम होता है और बॉडी फैट से छुटकारा मिलता है। सुखासन बॉडी की स्टेबिलिटी मजबूत बनाने में सहायक है। फोकस को बेहतर करने के साथ लंबे समय तक अटेंटिव और एक्टिव रहने में मदद करता है।
- सुखासन स्पाइन और बैक मसल्स को मजबूती देने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है। सुखासन का नियमित अभ्यास करने से बच्चों की हाइट बढ़ती है और बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है। सुखासन से ब्लड फ्लो सही रहता है जिससे डाइजेशन बेहतर होता है।
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सुखासन के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स Sukhasana Benefits
- किसी भी प्रकार के योगासन की तरह सुखासन को जबरन नहीं करना चाहिए। जितनी क्षमता हो उतनी देर ही योग करें तो बेहतर होगा क्योंकि तभी आपको इसका पूरा फायदा मिल सकता है।
- इस आसन का अभ्यास किसी शांत जगह पर बैठकर करें ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से इस पर केंद्रित हो सके।
- अगर आप इस आसन को करते समय अपने घुटने मोड़ने में असक्षम हों या आपके घुटनों में अचानक दर्द होने लगे तो यह आसन न करें।
सुखासन से पहले के आसन Sukhasana Benefits
- दंडासन
सुखासन के बाद के आसन Sukhasana Benefits
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- वज्रासन
- उत्तानासन
- धनुरासन
- बालासन
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