Chaitra Masik Shivratri 2024: अप्रैल में इस दिन पड़ रही है मासिक शिवरात्रि, शिव पूजन से मिलेगा दोगुना फल, जानें शुभ मुहूर्त
Chaitra Masik Shivratri 2024: हिन्दू धर्म में चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि पर सभी शिवभक्त बड़े ही उसाह से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व है।
Chaitra Masik Shivratri 2024: दुर्लभ संयोग के साथ पड़ रही मासिक शिवरात्रि, ऐसे करें शिव पूजन
Chaitra Masik Shivratri 2024: चतुर्दशी तिथि पर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था, मान्यता है कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात में शिव जी और माता पार्वती एक साथ भ्रमण पर निकलते हैं। इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान भगवान शिव का रुद्राभिषेक और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-पाठ करने से भक्तों को धन-ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है। अभी चैत्र महीना चल रहा है, चैत्र माह में मासिक शिवरात्रि 2024 में कब है, जानें डेट, मुहूर्त और महत्व।
चैत्र मासिक शिवरात्रि 2024 डेट (Masik Shivratri 2024 in april)
इस साल 2024 में मासिक शिवरात्रि 7 अप्रैल को पड़ रही है। इसी दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूरे विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। जो शिवभक्त इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि वह दिन है जब लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक कार्यक्रम करते हैं। इसके अलावा लोग शिव मंदिर जाते हैं और रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं। इस दिन शिव पूजा रात में निशिता काल मुहूर्त और रात्रि के चारों प्रहर में उपसाना की जाती है। महादेव की कृपा से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
मासिक शिवरात्रि 2024 मुहूर्त (Chaitra Masik Shivratri 2024 muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र मासिक शिवरात्रि 7 अप्रैल 2024 को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 8 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा।
पूजा समय – प्रात: 12.00 – प्रात: 12.45, 8 अप्रैल (जब शिव पूजा होगी तब सोमवार लग चुका होगा। ऐसे में शिव पूजन से साधक को दोगुना लाभ मिलेगा)
इस शिवरात्रि बन रहे दुर्लभ संयोग (Chaitra Masik Shivratri 2024)
इस बार की मासिक शिवरात्रि खास मानी जा रही है, क्योंकि इस शिवरात्रि पर बहुत से खास संयोग बन रहे हैं। इस बार शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। चैत्र शिवरात्रि पर भद्रा और पंचक भी है।
निशिता मुहूर्त में पूजन का समय ( Masik Shivratri Puja Time)
बहुत से भक्त गण चैत्र शिवरात्रि की पूजा निशिता मुहूर्त में ही करना पसंद करते हैं। पंचांग के अनुसार, निशिता मुहूर्त में पूजन का शुभ समय 7 अप्रैल की रात 12 बजे से आरंभ होकर 12:45 तक रहेगा। इसलिए इस बार चैत्र शिवरात्रि पर निशिता मुहूर्त में पूजा के लिए कुल 45 मिनट का समय मिल पाएगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का समय
इस बार की शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग 7 अप्रैल को दोपहर के 12 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 8 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म योग सुबह से शुरू होकर रात के 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके बाद इंद्र योग आरंभ होगा।
भद्रा और पंचक का समय
इस चैत्र मासिक शिवरात्रि पर भद्रा और पंचक भी पड़ रहे हैं। भद्रा सुबह 6 बजकर 53 मिनट से शाम के 5 बजकर 7 मिनट तक रहेगी और पंचक पूरे दिन रहेगा।
किन लोगों को करना चाहिए मासिक शिवरात्रि का व्रत
मासिक शिवरात्रि का यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में मनचाहे वर और कन्या प्राप्ति के लिए भी मासिक शिवरात्रि का यह दिन बेहद ही उपयुक्त माना जाता है। इसके अलावा जिन जातकों के विवाह में देरी हो रही हो या किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो उनके लिए भी मासिक शिवरात्रि व्रत बहुत खास है।
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
- मासिक शिवरात्रि के शुभ अवसर पर भक्त प्रात: उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- घर में पूजा के स्थान पर सफाई करके शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद उनका पंचामृत से स्नान कराएं और महादेव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
- पूजा के दौरान देवी पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं और पूजा के लिए गाय के घी का दीपक जलाएं।
- भगवान शिव और माता पार्वती को सफेद फूलों की माला अर्पित करें और बेलपत्र पूजा में अवश्य शामिल करें।
- मासिक शिवरात्रि पर शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा का पाठ करें और आरती से पूजा का समापन करें।
- भगवान से पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और अगले दिन सुबह शिव प्रसाद से अपना व्रत खोलें।
मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व
हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत-उपवास रखने से सभी के मन की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। जो लोग मासिक शिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उन्हें जल्द ही क्रोध, ईर्ष्या और अभिमान से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मन में सभी प्रकार की मोह माया से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत के करने से जीवन में हर समय सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही बिगड़ा हुआ काम भी बनने लगता है। जो लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिल जाती हैं।
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