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Air Pollution: वायु प्रदूषण से बढ़ता है Alzheimer का खतरा? जानें क्या कहती है स्टडी

Air Pollution: एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग प्रदूषित वातावरण में अधिक समय व्यतीत करते हैं, उनके मस्तिष्क में अल्जाइमर रोग से संबंधित अमाइलॉइड प्लाक की उच्च मात्रा होने की संभावना अधिक होती है। न्यूरोलॉजी के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित अध्ययन यह साबित नहीं करता है कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क में अधिक अमाइलॉइड प्लाक (हानिकारक परत) का कारण बनता है। यह केवल एक जुड़ाव दर्शाता है।

Air Pollution: रिसर्च! वायु प्रदूषण से मस्तिष्क में अल्जाइमर प्लाक होने की संभावना

वायु प्रदूषण सेहत के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। इस वजह से सेहत से जुड़ी कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसका आपको कुछ हद तक अंदाजा होगा। वायु प्रदूषण की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले अंग फेफड़े हैं। हवा के जरिए शरीर में प्रवेश करने वाले प्रदूषक सबसे पहले फेफड़ों में पहुंचते हैं, जिस कारण से उन्हें सबसे पहले नुकसान होता है, लेकिन फेफड़ों के जरिए प्रदूषक ब्लड वेसल्स में भी प्रवेश कर सकते हैं, जिनमें PM 2.5 सबसे छोटा प्रदूषक होता है, जो आसानी से बल्ड में जा सकता है और ब्लड में मिलकर शरीर के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकते हैं।

अभी तक आपने सुना होगा कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल की बीमारियां, रेस्पिरेटरी डिजीज, डायबिटीज और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स प्रभावित होते हैं, लेकिन इसकी वजह से आपके दिमाग पर भी काफी गंभीर नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। अमेरिका के जॉर्जिया की एमोरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ट्रैफिक प्रदूषण (Traffic pollution) के संपर्क में रहने वाले लोगों के दिमाग में अल्जाइमर (Alzheimer) रोग से जुड़े एमिलॉयड धब्बे अधिक मात्रा में पाए जा सकते हैं। हालांकि, यह शोध अभी तक यह साबित नहीं करता है कि प्रदूषण ही इन धब्बों को बढ़ाता है, लेकिन यह एक संभावना जरूर दिखाता है।

न्यूरोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध

अमेरिका के जॉर्जिया के एमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, ट्रैफिक व वायु प्रदूषण के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों के दिमाग में अल्जाइमर (Alzheimer) रोग से जुड़े एमिलॉइड प्लाक (Amyloid plaque) अधिक मात्रा में पाए जा सकते हैं। यह शोध न्यूरोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने 224 लोगों के मस्तिष्क के ऊतकों की जांच की, जिन्होंने मृत्यु के बाद अपने दिमाग को मनोभ्रंश पर शोध को आगे बढ़ाने के लिए दान करने की सहमति दी थी। इन लोगों की औसत आयु 76 वर्ष थी।

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शोधकर्ताओं ने ऐसे किया रिसर्च

शोधकर्ताओं ने मृत्यु के समय अटलांटा क्षेत्र में लोगों के घर के पते के आधार पर ट्रैफिक-संबंधी वायु प्रदूषण (Traffic pollution) के संपर्क को देखा। मृत्यु से एक साल पहले औसत प्रदूषण स्तर 1.32 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और मृत्यु से तीन साल पहले 1.35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। फिर शोधकर्ताओं ने प्रदूषण के संपर्क की तुलना अल्जाइमर रोग के दिमाग में संकेतों के माप से की: एमिलॉइड प्लाक और ताऊ टंगल्स।

लोगों के दिमाग में एमिलॉइड प्लाक का स्तर अधिक

इस दौरान उन्होंने पाया कि मृत्यु से एक और तीन साल पहले वायु प्रदूषण (Air pollution) के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों के दिमाग में एमिलॉइड प्लाक का स्तर अधिक होने की संभावना थी। मृत्यु से एक साल पहले 1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर अधिक PM 2.5 संपर्क वाले लोगों में प्लेक का स्तर अधिक होने की संभावना लगभग दोगुनी थी, जबकि तीन साल पहले अधिक संपर्क वाले लोगों में प्लेक का स्तर अधिक होने की संभावना 87 प्रतिशत अधिक थी।

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अधिक शोध की आवश्यकता

एमोरी विश्वविद्यालय की अंके ह्युल्स कहती हैं, “ये परिणाम इस बात के प्रमाण को बढ़ाते हैं कि ट्रैफिक-संबंधी वायु (Traffic pollution) प्रदूषण से निकलने वाला महीन कण पदार्थ दिमाग में एमिलॉइड प्लाक की मात्रा को प्रभावित करता है। “इस लिंक के पीछे के तंत्रों की जांच के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।” इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि क्या अल्जाइमर (Alzheimer’s disease) रोग से जुड़े मुख्य जीन वेरिएंट, APOE e4, का वायु प्रदूषण और मस्तिष्क में अल्जाइमर के संकेतों के बीच संबंध पर कोई प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने पाया कि वायु प्रदूषण और अल्जाइमर के संकेतों के बीच सबसे मजबूत संबंध उन लोगों में पाए गए जिनमें जीन वेरिएंट नहीं था। ह्युल्स ने कहा, “इससे पता चलता है कि पर्यावरणीय कारक जैसे वायु प्रदूषण अल्जाइमर (Alzheimer) के उन रोगियों में एक योगदान कारक हो सकता है, जिनमें बीमारी को आनुवंशिकी से समझाया नहीं जा सकता है।”

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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