Prayagraj News: प्रयागराज में डॉक्टरों ने आठ महीने के बच्चे से निकाला आठ माह का भ्रूण
प्रयागराज में डॉक्टरों ने 8 महीने के बच्चे के पेट में सूजन की वजह से जानने के लिए उसका सीटी स्कैन किया, जब रिपोर्ट उनके सामने आई तो डॉक्टरों की टीम के होश उड़ गए।
Prayagraj News: डॉक्टरों ने बताई ये वजह, 4 घंटे तक चला बच्चे का ऑपरेशन
Prayagraj News: प्रयागराज में डॉक्टरों ने 8 महीने के बच्चे के पेट में सूजन की वजह से जानने के लिए उसका सीटी स्कैन किया, जब रिपोर्ट उनके सामने आई तो डॉक्टरों की टीम के होश उड़ गए।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला सरोजिनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय अस्पताल का है, जहां 8 महीने के बच्चे (लड़का) के पेट में 8 माह का भ्रूण निकला है। डॉक्टरों ने बताया जब बच्चे को अस्पताल लाया गया, तब उसके पेट में काफी सूजन थी और बच्चे का पेट सूजा हुआ था। डॉक्टरों ने जब बच्चे का सीटी स्कैन कराया तो डॉक्टरों की टीम भी हैरान रह गई।
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4 घंटे चला बच्चे का ऑपरेशन
बच्चे के पेट एक दूसरा भ्रूण था, जिसका सिर, बाल और दोनों हाथ-पैर भी बन चुके थे। करीब 4 घंटे तक बच्चे का ऑपरेशन किया गया और इस भ्रूण को पेट से निकाला गया। डॉक्टरों ने मृत भ्रूण को पैथोलॉजी विभाग भेज दिया था। ऑपरेशन के बाद बच्चा एकदम सुरक्षित है। उसे अस्पताल के पीकू वार्ड में रखा गया है जहां डॉक्टरों की टीम लगातार उस पर नजर रखे हुए है।
डॉक्टर का बयान
ऑपरेशन करने वाले प्रो.डी कुमार ने इसे दुर्लभ केस बताया है। उनका कहना है कि संभवत पूरी दुनिया में ऐसे 200 मामले हो चुके हैं। चिकित्सक के अनुसार चिकित्सालय में उनकी ओपीडी में पांच दिन पहले कुंडा (प्रतापगढ़) से एक व्यक्ति अपने आठ माह के बच्चे को लेकर आया था। जन्म के समय बच्चे की मां की मौत हो गई थी।
जाने क्यों होता है ऐसा
डॉक्टर ने बताया शुक्राणु और अंडाणु मिलकर दो जाइगोट बनने से ऐसी परिस्थिति बनती है। पहले जाइगोट से बच्चा बनता है और दूसरा बच्चे के पेट में चला जाता है। पेट में यह भ्रूण ट्यूमर की तरह बढ़ने लगता है। इस स्थिति को ही फीटस इन फीटू कहते हैं। अगर दूसरा जाइगोट बच्चे के शरीर से बाहर यानी मां के पेट में बनता-पलता है तो वह जुड़वां बच्चे का रूप हो जाता है।
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