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Income Tax Rules Change: 1 अप्रैल से बदलाव में हैं इनकम टैक्स के कई नियम

1 अप्रैल से शुरू हो चुके नए वित्त वर्ष में इनकम टैक्स में ढ़ेर सारे नियमों में हुआ बदलाव। रिपोर्ट्स के मुताबिक नए रूल्स के तहत सीनियर सिटीजन को फायदे होंगे। इनकम टैक्स स्लैब में भी हुआ बदलाव।

Income Tax Rules Change:  इनकम टैक्स के नए नियमों में, जाने किसको मिला है फायदा 

नये बजट की घोषणा के साथ वित्त वर्ष 23-24 में इनकम टैक्स नियमों में भी ढ़ेर सारे बदलाव दिखेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट पेश किया तभी इसका अनुमान लगाया जाने लगा था। बजट और इनकम टैक्स के नियमों पर सबकी निगाहें रहती है। आम आदमी जिसकी आमदनी औसत है वह हर साल बजट में खुद के लिए राहत चाहता है तो वहीं वह यह भी सोचता है कि इनकम टैक्स के नए नियमों में उसके लिए क्या चेंज हुआ है।

इस बार नए वित्त वर्ष में इनकम टैक्स से संबंधित नियमों में कई सारे बदलाव होने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स की नियमों में होने वाले इस बदलाव से जहां टैक्सपेयर्स और आम आदमी को फायदा होंगे तो वहीं इस बदलाव के कारण इनवेस्टमेंट में मिलने वाली बेनिफिट कम हो जायेगी। 1 अप्रैल 2023 से नए वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत हो चुकी है। इनकम टैक्स के नए नियमों में टैक्स स्लैब, सीनियर सिटीजन और बीमा पॉलिसी आदि क्षेत्रों में बहुत सारे नियम जुड़ गए हैं।

इनकम टैक्स के नियमों में होने वाले कुछ बदलाव इस तरह हैं।

1. इनकम टैक्स रूल्स के तहत नई कर प्रणाली को लागू किया गया है। 1 अप्रैल से रिवाइज नई टैक्स व्यवस्था लागू हो चुकी है। इसमें टैक्सपेयर्स के लिए डिफाल्ट को विकल्प के रूप में चुना गया है। यह भी बताया जा रहा है कि करदाताओं के पास अपनी पुरानी पिछले टैक्स प्रणाली में रिटर्न होने का अॉप्शन रहेगा। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि नई टैक्स रिजीम में ओल्ड टैक्स रिजीम की तुलना में कम फायदा मिलने जा रहा है।

2. बता दें कि बजट 2023 में न्यू टैक्स रिजीम की तहत बेसिक छूट की लिमिट अब 2.5 लाख की जगह 3 लाख रुपए होगी। इसका यही अर्थ है कि 3 लाख रुपए सालाना आमदनी वाले लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

3. रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइनैंस मिनिस्ट्री ने 7 लाख रुपए से कम तक की आमदनी वाले को टैक्स के दबाव से दूर रखा है। जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 7 लाख से कम होगी उन्हें इस वित्त वर्ष 2023-24 में रिवाइज न्यू टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होगा। पहले इसकी लिमिट पांच लाख रुपए तक थी।

4. बता दें कि इनकम टैक्स के नए नियमों के तहत सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के लिए अधिकतम डिपॉजिट लिमिट 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दी गई है। इससे सीनियर सीटीजन को अधिक फायदा होगा। वहीं बात मंथली इनकम की करें तो अधिकतम जमा सीमा एकल खातों के लिए 4.5 लाख से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दी गई है।

5. बता दें कि करदाताओं के लिए नये वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से लागू हो रही न्यू टैक्स व्यवस्था के तहत वेतनभोगी और पेंशनभोगियों के लिए एक स्टैंडर्ड छूट लागू किया गया है जो कि 50,000 रूपए तक का है।

6. न्यू फानैंसियल इयर में टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। यह टैक्स स्लैब के नियम 1 अप्रैल 2023 से प्रभावित होंगे। नई टैक्स प्रणाली के तहत अब टैक्स स्लैब 0-3 लाख पर जीरो, 3-6 लाख तक पर पांच प्रतिशत, 6-9 लाख रुपए तक पर दस प्रतिशत, 9-12 लाख तक पर पंद्रह प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर पर तीस प्रतिशत है।

7. इस बार इनकम टैक्स के नए नियमों के तहत 1 अप्रैल से लीव एनकैशमेंट डिडक्शन लिमिट बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है। इसके पूर्व साल 2002 से ही लीव एनकैशमेंट में छूट की लिमिट 3 लाख रुपए थी। इस बात को लेकर खूब चर्चा हो रही है।

8. इनकम टैक्स के नए नियमों के तहत 5 लाख रुपए के वार्षिक प्रीमियम से अधिक लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम से की गई कमाई पर 1 अप्रैल 2023 से टैक्स लगना शुरू होगा। हालांकि, यह नया रूल आया है।

9. कहा जा रहा है कि नई टैक्स प्रणाली के तहत 1 अप्रैल से ई गोल्ड पर कैपिटल गेन टैक्स लगने की संभावना नहीं है। इसमें यदि इनवेस्टर फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद में चेंज या इसके अपोजिट करना चाहेंगे तो उन्हें कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा।

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