Bageshwar Baba Controversy : क्या है बागेश्वर बाबा की कहानी? लगे हैं अंधविश्वास फैलाने के आरोप
Bageshwar Baba Controversy : नेता से लेकर राजनेता तक जिनके दरबार में टेकते हैं माथा आज वो बाबा हैं सुर्खियों में
- Highlights –
- पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर धाम सरकार ये नाम आजकल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है।
- जानकारी के अनुसार बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धर्मेन्द्र कृष्ण शास्त्री लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं।
- अंधविश्वास के खिलाफ काम करने वाली एक संस्था के संस्थापक श्याम मोहन ने बागेश्वर महाराज पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है।
Bageshwar Baba Controversy : पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर धाम सरकार ये नाम आजकल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। पंडित शास्त्री भागवद कथा कहते हैं। इनकी कथा लाखों – करोड़ों की संख्या में लोग सुनते हैं। जानकारी के अनुसार बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धर्मेन्द्र कृष्ण शास्त्री लोगों के मन की बात पढ़ लेते हैं।
भक्त उनके दरबार में अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं। जिन लोगों की अर्जी महाराज के दरबार में मंजूर होती है। उनको बाबा के सामने आकर अपनी समस्या बतानी होती है। लेकिन समस्या सुनने से पहले ही बागेश्वर महाराज एक कागज पर उसकी समस्या लिखकर बता देते हैं। यही कारण है कि लोग बागेश्वर धाम सरकार को चमत्कारी कहते हैं।
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कौन हैं बागेश्वर धाम सरकार
धीरेंद्र सिंह शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुआ। धीरेंद्र शास्त्री का बचपन काफी गरीबी में बीता लेकिन अच्छी बोलचाल और धर्म शास्त्रों के ज्ञान होने की वजह से वह कथावाचक बन गए और धीरे धीरे आस – पास के गांवों में कथा कहने लग गए। मध्यप्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम का मुख्य आश्रम है।
इन पर आरोप लग रहे हैं कि ये नागपुर से इसलिए कथा छोड़कर आ गए क्योंकि नागपुर के अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने आरोप लगाया कि दिव्य दरबार की आड़ में कृष्ण शास्त्री जादू टोना करते हैं और जब इन्हें अपनी सिद्धी को साबित करने के लिए कहा तो वो वहां से भाग आये।
बागेश्वर महाराज क्यों हैं सुर्खियों में
हाल ही में बागेश्वर महाराज की कथा का आयोजन नागपुर में किया गया था। इस दौरान अंधविश्वास के खिलाफ काम करने वाली एक संस्था के संस्थापक श्याम मोहन ने बागेश्वर महाराज पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है।इन पर आरोप लग रहे हैं कि ये नागपुर से इसलिए कथा छोड़कर आ गए क्योंकि नागपुर के अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने आरोप लगाया कि दिव्य दरबार की आड़ में कृष्ण शास्त्री जादू टोना करते हैं और जब इन्हें अपनी सिद्धी को साबित करने के लिए कहा तो वो वहां से भाग आये।
कैसे पढ़ लेते हैं मन की बात
एक्सपर्ट का दावा है कि यह एक आर्ट है जिसे मेन्टलिस्ट कहा जाता है।मेन्टलिस्ट आर्ट में लोगों के चेहरे पढ़ने का हुनर डेवलप किया जाता है। इस आर्ट के जरिए आप किसी के भी चेहरे का भाव पढ़कर उसे बता सकते हैं कि सामने वाला क्या सोच रहा है। देश और दुनिया में कई ऐसे मेन्टलिस्ट हैं जो इस तरह की आर्ट जानते हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास से जोड़ लेते हैं तो कुछ लोग इसे ईश्वरीय शक्ति मानते हैं।लेकिन ऐसा कुछ नहीं है इस आर्ट के जरिए आप दूसरों के चेहरों के भाव पढ़ना सीख सकते हैं।
धीरे-धीरे प्रैक्टिस करते-करते आपको अनुभव हो जाता है और फिर आपका प्रिडिक्शन सटीक बैठने लगता है।योग के सहारे भी इस तरह की क्रिया सीखने का उल्लेख है। अगर आप योग करते हैं तो योग के सहारे मन को पढ़ने की क्रिया सीख सकते हैं। योग में मन शक्ति योग के बारे में बताया गया है। इस योग के सहारे आप साधना करके दूसरों के मन को भी पढ़ सकते हैं।
https://twitter.com/Nationalist1101/status/1615487425316552706?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1615487425316552706%7Ctwgr%5Ef0e1d2d4b0b2d5bf00c93c451171dd4942eff9f8%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fhindi.newsroompost.com%2Findia%2Fknow-who-is-baba-bageshwar-alias-dhirendra-shastri-who-has-been-accused-of-spreading-superstition%2F840794.html
तीन धाराओं में हो सकती है कार्रवाई
इस मामले में वकील कहते हैं कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री जो भी कुछ बोलते हैं उस पर अंधविश्वास के खिलाफ बने कानून लागू होते हैं। बाबा के बयान को लेकर आईपीसी की धारा 416 के तहत भी बाबा के बयान को लेकर कार्रवाई हो सकती है।
इसके अलावा बाबा पर 416 के तहत केस बनता है। इसके अंतर्गत आप किसी का नाम लेकर कहते हैं कि मेरे पास ये शक्ति है और मैं यह कर सकता हूं। यदि कोई कहता है कि भगवान या इष्ट देव की नाराजगी से किसी को कुछ हो जाएगा तो यह गुनाह बनता है। साथ ही सेक्शन 508 के तहत केस बनता है।
पूरे मामले पर बाबा का क्या कहना है?
धीरेंद्र शास्त्री इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं। उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियादी बताया है। उन्होंने कहा कि “हम कोई अंधविश्वास नहीं फैलाते हैं, हम सिर्फ लोगों की समस्याओं का निदान करते हैं और यह सब कुछ हम कर पाते हैं, क्योंकि हमारे ऊपर हनुमान जी की अनुकंपा है”। उन्होंने स्पष्ट किया है कि “अगर इन आरोपों में सत्यता नहीं निकली, तो मैं मानहानि का केस दर्ज करूंगा।‘’
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