CM Arvind Kejriwal: आप विधायकों ने एलजी के खिलाफ निकाला मार्च, सड़क पर उतरे केजरीवाल
CM Arvind Kejriwal: केजरीवाल बोले ‘उपराज्यपाल फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं’
Highlight
. राजनिवास से पहले ही पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कैबिनेट सदस्यों व आप विधायकों को रोक लिया।
. टीचर्स को ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है।
. मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी
CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के टीचर्स की विदेश में ट्रेनिंग के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और एलजी विनय कुमार सक्सेना एक बार फिर आमने सामने हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और उप राज्यपाल विनय सक्सेना पर जमकर निशाना साधा।
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि समय सबसे ज्यादा बलवान होता है। आज केंद्र में बीजेपी की सरकार है, कल बदलेगी। कल भगवान ने चाहा तो केंद्र में हमारी सरकार होगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली में हमारे LG हों और दिल्ली में सरकार BJP या कांग्रेस की हो, लेकिन हमारा एलजी किसी को परेशान नहीं करेगा।
Time is very powerful,nothing is permanent in the world. If one thinks that one will remain in power forever, then that's not going to happen. Today we're in power in Delhi & they're (BJP) in power in Centre, tomorrow it might happen we'll be in power in Centre: Delhi CM Kejriwal pic.twitter.com/FVv1MgdMyB
— ANI (@ANI) January 17, 2023
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, LG दफ्तर का कहना है कि टीचर्स को ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है। इस मामले में दिए जा रहे बयान भ्रमित करने वाले हैं। इसके साथ ही सरकार को प्रस्ताव के मूल्यांकन की सलाह दी गई है और एजुकेशन पर होने वाले असर का कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया है, ताकि शिक्षकों को पहले मिल चुकी विदेशी ट्रेनिंग के असर का पता चल सके।
दिल्ली में सोमवार को विधानसभा से लेकर सड़क तक सियासी हंगामा हुआ। उपराज्यपाल पर दिल्ली सरकार के कामकाज पर दखल देने का आरोप लगाते हुए सत्ता पक्ष के सदस्य भड़के। वहीं, विपक्ष प्रदूषण पर चर्चा न करवाने से नाराज दिखा। दिल्ली सरकार को प्रदूषण के मुद्दे पर घेरने के लिए भाजपा विधायक मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर आए थे। उनके इस कदम पर विधानसभा अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई और सिलिंडर बाहर करने के निर्देश दिए।
केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के विधायकों का दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन का मुद्दा मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। साथ ही केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को अवांछनीय करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश साॉलिसिटर जनरल तुसार मेहता ने AAP के विधायकों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया। बता दें कि चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच-जजों की संविधान पीठ केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सेवाओं के नियंत्रण को लेकर हुए विवाद सुनने के लिए बैठी थी।
They (BJP) don't want teachers to visit Finland. Many MPs of BJP & their children have studied in foreign countries…If we want to provide better education to children of poor, then who're they to stop? It's a feudal mindset & Delhi LG has that mindset: Delhi CM Kejriwal pic.twitter.com/PxMZkVvGog
— ANI (@ANI) January 17, 2023
आलम यह रहा कि एक घंटे में तीन बार सदन की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को स्थगित करनी पड़ी बावजूद इसके सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आप विधायकों ने राजनिवास तक पैदल मार्च निकाला। रास्ते भर आप विधायक नारेबाजी करते रहे।
राजनिवास से पहले ही पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कैबिनेट सदस्यों व आप विधायकों को रोक लिया। उपराज्यपाल इस दौरान मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मुलाकात पर राजी दिखे लेकिन मुख्यमंत्री विधायकों के साथ जाने पर अड़े रहे। नतीजतन दोनों के बीच मुलाकात नहीं हो सकी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी, दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी। उपराज्यपाल को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे। दिल्ली को तानाशाही नहीं, बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए, जनता के हक के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आप विधायकों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि राजधानी में होने वाले प्रदर्शन को दुनिया देखती है। यह शर्मनाक बात है।