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Shattila Ekadashi 2022: अगर आप भी पाना चाहते है विष्णुजी की कृपा, तो एकादशी को जरूर करें स्तुति और मंत्रों का जाप
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Shattila Ekadashi 2022: अगर आप भी पाना चाहते है विष्णुजी की कृपा, तो एकादशी को जरूर करें स्तुति और मंत्रों का जाप

Shattila Ekadashi 2022: जाने क्या होती है षटतिला एकादशी?

Highlights:

  • क्या होती है षटतिला एकादशी
  • इस साल कब मनाई जाएगी षटतिला एकादशी
  • षटतिला एकादशी के दिन जरूर करें स्तुति और मंत्रों का जाप

Shattila Ekadashi 2022: इस साल षटतिला एकादशी 28 जनवरी को मनाई जाएगी। हर साल षटतिला एकादशी माघ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल षट्तिला एकादशी की तिथि 27 जनवरी को देर रात 2 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 28 जनवरी को रात्रि में 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। अतः व्रती लोग 28 जनवरी के दिन एकादशी का व्रत रखकर भगवान श्री विष्णु की पूजा आराधना कर सकते हैं। षटतिला एकादशी के दिन भगवान श्री हरि यानि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले लोगों के जीवन से व्याप्त सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं इसके साथ ही साथ व्रत करने वाले लोगों के घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार षटतिला एकादशी की रात को जागरण कर भगवान नारायण का खुश करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते है तो षटतिला एकादशी के दिन जरूर करें स्तुति और मंत्रों का जाप।

Shattila Ekadashi 2022
Shattila Ekadashi 2022

विष्णु स्तुति

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।

लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।

सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।

ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।

मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ॐ नारायणाय विद्महे।

वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

ॐ विष्णवे नम:

ॐ हूं विष्णवे नम:

ॐ नमो नारायण।

श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

दन्ताभये चक्र दरो दधानं,

कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया

लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।

भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।

आ नो भजस्व राधसि।

ॐ अं वासुदेवाय नम:

ॐ आं संकर्षणाय नम:

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

ॐ नारायणाय नम:

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।

षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त

इस साल षटतिला एकादशी तिथि 27 जनवरी को देर रात 2 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी 28 जनवरी को रात्रि में 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में षटतिला एकादशी के व्रत की तिथि 28 जनवरी को रखी जाएगी।

व्रत पारण का समय

षटतिला एकादशी का व्रत पारण का शुभ समय 29 जनवरी शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट है।

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जाने षटतिला एकादशी के दिन तिल का खास महत्व

आपको बता दें कि षटतिला एकादशी के दिन तिल के प्रयोग का एक खास महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन तिल का 6 तरह स्नान, उबटन, तर्पण, दान, सेवन और आहुति से पापों का नाश होता है।

Shattila Ekadashi 2022
Shattila Ekadashi 2022

षटतिला एकादशी के व्रत की पूजा विधि

1. इस दिन सबसे पहले व्रत रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करना चाहिए।

2. इसके बाद व्रत रखने वाले लोगों को पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। उसके बाद भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र को स्थापित करना चाहिए।

3. इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को विधि-विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।

4. षटतिला एकादशी के दिन पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और भगवान विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।

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5. षटतिला एकादशी के दिन पूजा के दौरान आपको देवताओं को प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल अर्पित करने चाहिए।

6. षटतिला एकादशी की अगली सुबह यानि द्वादशी पर पूजा के बाद भोजन का सेवन करने के बाद षट्तिला एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए।

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