हॉट टॉपिक्स

Northeast incident 2021- इन घटनाओं के कारण पूर्वोत्तर के राज्य रहें सुर्खियों में

Northeast Incident 2021-असम से लेकर नागालैंड तक फायरिंग, चलिए करते है 2021 को रिवाइंड


साल अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है। इस दौरान पूरे देश में कई घटनाएं हुई। कहीं प्राकृतिक आपदा आई तो कहीं कोरोना का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिला। इन सबके बीच इस पूरे साल पूर्वोत्तर राज्य भी लगातार सुर्खियों में बने रहे। साल 2019 में सीएए और एनसीआर के ऐलान बाद ही पूर्वोत्तर के राज्यों में एक क्रांति से शुरु हो गई थी। सरकार और आमजनता आमने-सामने आ गई। पूरा पूर्वोत्तर के एकजुट हो गया था। अब एक फिर पूरे साल पूर्वोत्तर की सातों बहनों में कहीं न कहीं ऐसे घटनाएं हुई जो नेशनल मीडिया में सुर्खियां बनी। तो चलिए जानते है पूर्वोत्तर के राज्यों में घटने वाली घटनाएं जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

नागालैंड में नागरिकों पर फायरिंग

दिसंबर की ठंड में सप्ताह के पहले रविवार को ट्विटर पर नागालैंड़ ट्रेड करने लगा था। दरअसल शनिवार की रात को नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबल के ऑपरेशन के दौरान फायरिंग ओटिंग गांव में 14 नागा युवाओं की फायरिंग की दौरान मौत हो गई। इसके बाद प्रदेश में पूरा तनाव फैल गया। आक्रोशित गांव वालों में गाडियों को आग ली दी। इन सबकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद किसी प्रकार की घटना न हो इसके लिए अधिकारियों ने इंटरनेट को बंद कर दिया।

ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जाए। वही इसके बाद मुख्यमंत्री नेफियु रियो ने ट्वीट कर लोगों को शांति बनाई रखने की अपील की। साथ ही उच्चस्तरीय एसआईटी जांच की भी बात कही है। इसके साथ भारतीय सेना के 21 पैरा एसएफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दे दिया है। हाल ही में पूर्वोत्तर में राजनीतिक रुप से एक्टिव तृणमूल कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी ने घटना की व्यापक जांच कराने की मांग की है। वहीं ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा

इस बार त्रिपुरा राज्य दो बार सुर्खियों में बना रहा। पहला मामला सितंबर महीने में भाजपा और सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं की झड़प के बाद आगजनी का है तो दूसरा मामला अक्टूबर में महीने में सोशल मीडिया द्वारा सामजिक सौहार्द को बिगाने की कोशिश करने पर है। सितंबर के महीने में खबर आई की भाजपा और सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के बीच कई जगह झड़प हो गई। कारण बताया गया कि सीपाआईएम की स्टूडेंट्स विंग डीवीएफआई ने एक रैली निकाली थी।

इसी दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता पर हमला कर दिया गया। हमले में भाजपा कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गया। जिस समय यह रैली हो रही थी भाजपा के अन्य कार्यकर्ता वहां मौजूद थे। जिसके कारण दोनों के बीच हिंसक झड़प शुरु हो गई। खबरों की मानें तो राजधानी अगरतल्ला के अलावा, कैथला, बिशालगढ़ के सीपीआईएम कार्यालय में तोड़फोड कर आग लगा दी गई।

दूसरी घटना अक्टूबर महीने की है। इस दौरान दुर्गापूजा के समय बांग्लादेश में दुर्गा मां की प्रतिमा तोड़ने के बाद हिंसा भड़क गई थी। कहा जा रहा था पूजा पंडाल में कुरान की बेअदबी की गई है। जिस हिंसा की आग भारत में पहुंच गई। जिसक असर बांग्लादेश के बॉर्डर से जुड़े त्रिपुरा राज्य में देखने को मिला।

जहां सोशल मीडिया पर एक वीडियो को वायरल किया गया। जिसमें यह दिखाया जा रहा था मस्जिद को तोड़ा जा रहा है। जिसके कारण राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा का माहौल देखने के मिला था। इसके साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों का यह आरोप था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा था। इन सबको देखते हुए पुलिस विभाग ने एक्शन लेते हुए जिन अकांउट से दंगा भड़काने  की कोशिश की जा रही थी । उन्हें बंद कर लगभग 100 लोगों  एफआईआर दर्ज की गई।

मणिपुर में कर्नल पर हमला

यह घटना भी सिंतबर महीने के आसपास की है। जब पीएलए और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट के विद्रोहियों ने मणिपुर में सेना पर हमला किया था और इस हमले में असम राइफल्स के कर्नल विपल्व त्रिपाठी और उनकी पत्नी व 6 वर्षीय बेटे के साथ 4 अन्य जवानों की मौत हो गई थी। उग्रवादी संगठन नेशलन सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम के 3 लड़ाकों को असम राइफल्स और अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में मार गिराया था। इन विद्रोहियों ने 2 नागरिकों का अपहरण कर लिया था।

https://twitter.com/Alokkumar328/status/1465256570565058560?s=20

असम के दरांग जिले में पुलिस फायरिंग

सिंतबर के महीने में एक वीडियो खूब वायरल हुई थी। जिसमें एक फ़ोटो पत्रकार पुलिस के साथ मिलकर नागरिकों को मार रहा था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग पत्रकारिता पर ही सवाल उठा रहे थे। अब आपको पूरा मामला बताते हैं। असम के दरांग जिले में  सरकार द्वारा कृषि परियोजना के तहत 5000 लोगों को विस्थापित करने का काम चल रहा था।

इसी दौरान बाढ़ की जमीन पर खेती करते हैं। सरकारी परियोजना के तहत उनकी जमीन खाली कराने लिए सुरक्षाबल ने बल का प्रयोग करते हुए फायरिंग की। जिसमें नागरिक की मौत हो गई। जिसके बाद वहां का माहौल बिगड़ गया।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button