जानें महामारी ने कैसे लोगों की सेक्स लाइफ को किया प्रभावित
महामारी और लॉकडाउन के बीच पिसती लोगों की सेक्स लाइफ- शोध
साल 2019 में आई कोरोना महामारी ने धीरे-धीरे करके लोगों की जिदंगी को पूरी तरह से बदल दिया है। पिछले साल मार्च महीने में लगे लॉकडाउन ने लोगों के अंदर कई तरह की डर और इंजाइटी को पैदा कर दिया है। मानसिक तनाव के साथ- साथ अब लोगों की जिदंगी में शारीरिक तनाव भी ला दिया है। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में जो लोग इस बात से बहुत खुश थे कि अब अपनी जिदंगी को थोड़ा टाइम देंगे। वहीं लोग अब धीरे-धीरे महामारी के कारण कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसका असर अब लोगों की सेक्स लाइफ पर भी पड़ा है।
महामारी के कारण कई तरह के बदलाव हुए हैं। एक्सपर्ट की मानें तो महामारी के कारण लोगों में तनाव बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर लोगों की सेक्स लाइफ पर पड़ा है। लोगों में सेक्स की इच्छा कम हो रही है। अब जब पूरी दुनिया महामारी से कारण अपनी जीविकायापन को लेकर परेशान है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या दोबारा से एक बार फिर कपल्स अच्छी सेक्स लाइफ की शुरुआत कर सकते हैं।
इन विषयों पर लगातार शोध किए जा रहे हैं। जिससे महामारी के दौरान लोगों की सेक्स लाइफ के बारे में पता लगाया जा सके। सोशल साइकोलॉजी एंड पर्सनैलिटी साइंस नामक पात्रिका में छपे एक शोध के अनुसार जो कपल्स सप्ताह में एक बार सेक्स करते थे। वो लोग उन लोगों को मुकाबले ज्यादा संतुष्ट है जो कम सेक्स करते थे। रिसर्च के दौरान यह पाया है कि जो कपल्स सप्ताह में में एक बार से ज्यादा सेक्स करते हैं उनके संबंधों में भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ा।
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महामारी के इस दौर में जब लोग बहुत परेशान है ऐसे में एक्सपर्ट के अनुसार रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए कपल्स को आपस में यौन संबंधी बातें करनी चाहिए। जिससे दोनों के बीच एक रोमांटिक माहौल बनें। इतना ही नहीं दोनों के बीच यौन इच्छाएं बरकरार रहें।
लोगों की सेक्स लाइफ पर किए गए रिसर्च में रिसर्चर ने पाया कि इटली, भारत और अमेरिका में साल 2020 में लगाए लॉकडाउन के सीधा असर लोगों की सेक्स लाइफ पर पड़ा है। जिसके अनुसार एक बार भी सेक्स करने वाले पार्टनर में कमी आई है।
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन और सेक्स के बारे में टेक्सस विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर और साइकोलॉजिस्ट रोएंडा बल्जारिनी का कहना है कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में लोग खुश थे। एक दूसरे की मदद भी कर रहे थे। यहां तक की लोग अपने पड़ोसी की मदद बिना किसी रुकावट की करते थे।
लेकिन समय के साथ संसाधनों में कमी आ गई। लोगों में तनाव बढ़ने लगा। लोग निराशा और अवसाद में चले गए। जिसका सीधा असर लोगों की निजी जिदंगी और रिश्तों पर पड़ने लगा। बल्जारिनी और उनके साथी द्वारा की गई एक स्टडी में यह भी पाया गया है कि महामारी के शुरुआती दिनों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों में आर्थिक मोर्चे की चिंताओं ने सेक्स की इच्छा को और बढ़ा दिया था । लेकिन जैसे-जैसे स्थिति बदली, लोगों मे तनाव, अकेलापन के कारण सेक्स की इच्छा कम होती गई।
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