‘मोमोज’ कम समय में बन गया स्ट्रीट फूड का महाराज
आज के समय में मोमोज़ एक ऐसी डिश है, जोकि हर दिल पर राज करती है। इस स्ट्रीट फूड ने कई स्ट्रीट फूड को पीछे छोड़ दिया है… वो चाहे गोलगप्पे हो, मैगी हो या फिर चाऊमीन।
मोमोज जो एक बार खा ले, उसे बार बार वही खाने का मन करता है। यह ना केवल दिल्ली में लोकप्रिय है बल्कि धीरे-धीरे यह पूरे भारत में जगह बनाता जा रहा है। लोग इसे बड़ी अच्छी तरह से पहचानने लगे हैं।
स्ट्रीट फूड से शुरू हुआ मोमोज करोबार आज बड़े-बड़े रेस्ट्रॉन्ट्स में अलग-अलग वैराइटी के साथ परोसा जा रहा है। अब इन्हें आप इन्हें सड़कों पर भी बिकता हुआ देखते हैं और बडे़-बडे़ रेस्ट्रॉन्ट्स में भी।
मोमोज
मौमज की कई वैराइटी आपको खाने को मिल जाएगी। जैसे जिसे तेल-मसाले वाला खाना नही पसंद तो वह स्टीम मोमोज खा सकता है। जिसे चटपटा खाना अच्छा लगता है वो फ्राई मोमोज के साथ-साथ तंदूरी मोमोज आदि का लुफ्त उठा सकता है।
कहां से आया मोमोज?
मोमोज तिब्बत और नेपाल की पारंपरिक डिश है, जिसे बड़े ही चाव से नाश्ते में खाया जाता है। इसी के साथ यह भारत के पूर्वी राज्य असम, मेघालय, नागालैंड और मणिपूर में भी काफी लोकप्रिय है। अब यह आपको दिल्ली जैसे बड़े महानगरों में भी उपलब्ध होता है। मोमोज ज्यादातर बच्चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय है।