पानी के लिए तरसते बुंदेलखंड में आखिरकार सावन ने दी दस्तक
बुंदेलखंड के हालातों से कौन परिचित नहीं है, सालों से पानी के लिए तरसते इस बुंदेलखंड में आखिरकार सावन आ ही गया। धान की बुआई हो रही है। आपको बता दें, बुंदेलखंड़ में बारिश औसत से डेढ़ गुना ज़्यादा हुई है। इस बार गर्मी में 2100 तालाब खोदे गए थे और अब उन तालाबों में पानी भर गया है।
कुदरत की यही मेहरबानी बुंदेलखंड़ में लोगों के लिए ख़ुशियां ले कर आई है। बागों में झूले पड़ गए हैं।
दरअसल, बुंदेलखंड में पिछले साल औसत से करीब 60 फीसदी कम बारिश हुई थी। जब आसमान आग उगल रहा था तब जमीन तंदूर की तरह जलती रही। नदी, तालाब, कुएं सब सूख गए थे। ऐसी तपती धरती पर कुछ उग भी नहीं पा रहा था। तमाम कोशिशों खत्म हो गई थी।
तब सरकार ने बुंदेलखंड के खेतों में 2000 से ज्यादा तालाब खुदवा दिए और 100 तालाब जिनका पानी का स्रोत बंद हो गए था, उनकी दोबारा मरम्मत कराई थी। अब बारिश औसत से डेढ़ गुना ज्यादा हो गई है और अब फिर से हर जगह पानी- पानी हो गया।