Dimple Yadav: डिंपल यादव ने दी पहली प्रतिक्रिया, VB-G RAM G बिल पर कही ये बड़ी बात
Dimple Yadav, लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किए गए विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (VB-G RAM G) ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
Dimple Yadav : VB-G RAM G बिल पर डिंपल यादव का जवाब, राम भरोसे, नई घोषणा नहीं की गई
Dimple Yadav, लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किए गए विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (VB-G RAM G) ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह नया कानून लगभग 20 साल पुराने मनरेगा (MGNREGA) की जगह लेगा और ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाएगा। इसके लोकसभा से पास होने के बाद सपा सांसद डिंपल यादव ने इस बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की नीति पर सीधे सवाल उठाए।
डिंपल यादव ने कही ये बड़ी बात
दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि भाजपा राम के नाम का इस्तेमाल करके अपनी राजनीतिक नाव पार लगाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि यह सिर्फ भ्रांतिपूर्ण प्रचार का माध्यम है और वास्तविक हित में कोई नई पहल नहीं की जा रही है। डिंपल यादव ने कहा, “पूरे देश की जनता, युवाओं, किसानों और महिलाओं को वे राम भरोसे ही छोड़ना चाहते हैं। कहीं न कहीं यह महात्मा गांधी के नाम और उनकी यादगार योजना के प्रति अपमान है। मनरेगा गांव-गांव तक पहुंचने वाली योजना थी और इसका असली उद्देश्य रोजगार और आजीविका प्रदान करना था, लेकिन अब इसका केवल नाम बदलने का खेल खेला जा रहा है।” सपा सांसद ने जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम केवल प्रचार और वोटबैंक की राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनरेगा जैसी योजना का असली महत्व गांव-गांव तक रोजगार पहुंचाने में है, और केवल नाम बदल देने से इसका मूल उद्देश्य प्रभावित नहीं होगा।
VB-G RAM G बिल का उद्देश्य और बदलाव
केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार और आजीविका के लिए नया कानून पेश किया है, जिसका नाम है विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण), VB-G RAM G 2025। यह कानून मनरेगा योजना का स्थान लेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसरों को और अधिक संरचित तरीके से उपलब्ध कराने का दावा करता है। हालांकि, इस बिल का नाम बदलने का निर्णय राजनीतिक और सांस्कृतिक बहस का केंद्र बन गया है। कई विपक्षी नेता इसे महात्मा गांधी के प्रति अपमान और जनता की मूल योजना के महत्व को कम करने वाला कदम मान रहे हैं।
सपा नेता चौधरी राम शिरोमणि वर्मा का बयान
सपा नेता चौधरी राम शिरोमणि वर्मा ने भी VB-G RAM G बिल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा नाम बदलने में तो बहुत तेज है, लेकिन इससे किसी समस्या का समाधान नहीं होगा। उनका कहना था कि मनरेगा योजना महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी थी और इसका लाभ देश के गरीब नागरिकों को अब तक पहुंचा है। राम शिरोमणि वर्मा ने कहा, “देश में महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखने वाले बड़ी संख्या में लोग हैं। हम सभी भगवान राम को भी मानते हैं, लेकिन कहीं न कहीं भाजपा इस नामकरण का इस्तेमाल मतदाता को आकर्षित करने के लिए कर रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि योजना का असली उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और आजीविका को बढ़ावा देना है, और नाम बदलना केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
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मनरेगा से VB-G RAM G तक का सफर
मनरेगा योजना, जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करना और गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना था। 20 साल बाद इसे नया स्वरूप देकर पेश किया गया है, जिसे अब VB-G RAM G 2025 कहा जा रहा है। वास्तव में इस बदलाव का मकसद योजना के दायरे और प्रभाव को बढ़ाना है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि नाम बदलने से योजना की पहचान और महात्मा गांधी के योगदान का सम्मान प्रभावित होता है।डिंपल यादव ने इस बदलाव पर चिंता जताते हुए कहा कि ग्रामीण जनता को वास्तविक लाभ मिलने के बजाय यह केवल नाम और प्रचार का खेल बन गया है।
राजनीतिक और सामाजिक पहलू
सपा सांसदों का कहना है कि यह कदम केवल भाजपा की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। वे आरोप लगा रहे हैं कि सरकार राम के नाम का इस्तेमाल कर सत्ता और वोटबैंक की राजनीति कर रही है। इसके अलावा, विपक्ष का तर्क है कि मनरेगा जैसी योजनाओं का वास्तविक उद्देश्य रोजगार और आजीविका सुनिश्चित करना था, न कि नाम बदलकर प्रचार करना।VB-G RAM G बिल 2025 ने ग्रामीण रोजगार प्रणाली में बदलाव लाने का दावा किया है, लेकिन सपा सांसद डिंपल यादव और अन्य विपक्षी नेताओं का कहना है कि इसे राम के नाम पर राजनीति और महात्मा गांधी की स्मृति का अपमान कहा जा सकता है। डिंपल यादव और चौधरी राम शिरोमणि वर्मा दोनों ने स्पष्ट किया कि योजना का असली उद्देश्य ग्रामीण रोजगार और विकास है, और केवल नाम बदलने से जनता को लाभ नहीं मिलेगा। इस बिल पर जारी बहस यह दर्शाती है कि भारत में नीतिगत बदलाव केवल प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक बहस का भी हिस्सा बन जाते हैं। VB-G RAM G बिल 2025 के प्रभाव और इसके नामकरण पर चर्चाएं आने वाले समय में और भी जोर पकड़ सकती हैं, क्योंकि ग्रामीण रोजगार और आजीविका योजनाओं की स्थिरता और प्रभावशीलता देश के विकास और समाज के कमजोर वर्गों की भलाई से सीधे जुड़ी है।
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