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Udit Narayan: उदित नारायण का जन्मदिन, ‘पहला नशा’ से ‘मेहंदी लगा के रखना’ तक एक लीजेंड का सफर

Udit Narayan, भारतीय फिल्म संगीत के सुनहरे दौर की बात की जाए, तो कुछ नाम हमेशा याद आते हैं और उनमें से एक हैं उदित नारायण।

Udit Narayan : बर्थडे स्पेशल, कैसे उदित नारायण बने रोमांटिक गानों के किंग?

Udit Narayan, भारतीय फिल्म संगीत के सुनहरे दौर की बात की जाए, तो कुछ नाम हमेशा याद आते हैं और उनमें से एक हैं उदित नारायण। अपनी मीठी, सुरीली और दिल छू लेने वाली आवाज़ से करोड़ों दिलों में जगह बनाने वाले इस महान गायक का जन्मदिन संगीत प्रेमियों के लिए एक खास अवसर है। उनकी आवाज़ में मासूमियत, रोमांस और भावनाओं का ऐसा मेल है जिसे सुनते ही श्रोता दिल से जुड़ जाते हैं। उदित नारायण सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि एक ऐसा एहसास हैं जिन्होंने बॉलीवुड में रोमांटिक गानों को नई पहचान दी। आइए जन्मदिन के इस विशेष अवसर पर उनके जीवन, करियर और उपलब्धियों की शानदार यात्रा पर एक नजर डालते हैं।

 प्रारंभिक जीवन और संगीत की शुरुआत

उदित नारायण झा का जन्म 1 दिसंबर 1955 को नेपाल के सप्तरी जिले के बिहुला गांव में हुआ था। उनके पिता नारायण झा एक किसान थे और माता भुवनेश्वरी देवी लोकगायिका थीं। मां की मीठी आवाज़ ने ही उदित नारायण के भीतर संगीत का बीज बोया। बचपन से ही उन्हें गायकी का शौक था और स्कूल के कार्यक्रमों में वे अक्सर गाया करते थे। धीरे-धीरे उनके अंदर का कलाकार और आत्मविश्वास जागा। उन्हें नेपाल रेडियो पर गाने का मौका मिला, यहीं से उनकी पेशेवर संगीत यात्रा की शुरुआत हुई।

मुंबई का सफर और संघर्ष के साल

अपनी प्रतिभा को बड़े मंच तक पहुंचाने के लिए उदित नारायण मुंबई आए। यह समय उनके लिए बेहद कठिन था न पैसा, न पहचान, न कोई बड़ा सहारा। लेकिन उनकी मेहनत, तपस्या और लगन के आगे मुश्किलें टिक नहीं सकीं। शुरुआत में उन्होंने छोटे-छोटे स्टेज शो किए और फिल्मों में बैकग्राउंड वोकल्स के रूप में काम मिलता रहा। संघर्ष के ये साल भले कठिन थे, लेकिन इन्हीं ने उनके अंदर एक मजबूत कलाकार को जन्म दिया।

 ब्रेकथ्रू: ‘कयामत से कयामत तक’ की ऐतिहासिक सफलता

उदित नारायण की किस्मत उस समय बदल गई जब 1988 में आई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में उन्होंने आमिर खान पर फिल्माया गाना ‘पापा कहते हैं’ गाया। यह गाना युवा पीढ़ी का एंथम बन गया। उदित नारायण रातों-रात स्टार बन गए। उनकी आवाज़ को नए रोमांस की पहचान माना जाने लगा। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

90s और 2000s के सुपरहिट गानों के बेताज बादशाह

90 का दशक उदित नारायण का स्वर्णिम दौर माना जाता है। उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए—जो आज भी हर पार्टी, शादी और प्रेम कहानियों का हिस्सा हैं।

उनके कुछ अमर गीत:

  • पहला नशा – जो जीता वही सिकंदर
  • कहो ना… प्यार है – कहो ना प्यार है
  • चांद छुपा बादल में – हम दिल दे चुके सनम
  • दिल ने ये कहा है दिल से – धड़कन
  • ना ना करते प्यार – दिल तो पागल है
  • राधा कैसे न जले – लगान
  • मेहंदी लगा के रखना – दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

उदित नारायण ने हिंदी फिल्मों में जितना योगदान दिया, उतना ही साउथ, भोजपुरी और नेपाली गीतों में भी उन्होंने अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।

शाहरुख, आमिर, सलमान—हर स्टार की आवाज़ बने उदित नारायण

उदित नारायण की खासियत यह रही कि उनकी आवाज़ लगभग हर हीरो पर फिट बैठती थी। वे आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, गोविंदा, अक्षय कुमार, अजय देवगन जैसे सुपरस्टार्स की आवाज़ बन गए। उनके रोमांटिक गानों ने शाहरुख खान की ‘किंग ऑफ रोमांस’ वाली इमेज को और मजबूत किया। आमिर खान के मासूम और लड़कपन वाले किरदारों पर उनकी आवाज़ पूरी तरह जंचती थी।

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पुरस्कारों से सजी सफलता की कहानी

उदित नारायण ने अपने करियर में बेशुमार पुरस्कार जीते हैं। वो अकेले ऐसे गायक हैं जिन्हें भारत और नेपाल दोनों ने अपने सर्वोच्च सम्मान दिए हैं।

कुछ प्रमुख सम्मान:

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार – 3 बार
  • फिल्मफेयर पुरस्कार – 5 बार
  • पद्मश्री (2009)
  • पद्म भूषण (2016)

इन सम्मानों ने उनके योगदान को और भी ज्यादा अमर बना दिया है।

परिवार और निजी जीवन

उदित नारायण के परिवार में उनकी पत्नी दीपा नारायण और बेटा आदित्य नारायण शामिल हैं। आदित्य भी एक लोकप्रिय गायक, होस्ट और एक्टर हैं। उदित नारायण अपने परिवार के बेहद करीब हैं और अक्सर इंटरव्यूज़ में बताते हैं कि उन्हें अपनी जड़ों से गहरा लगाव है।

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आज भी उतने ही प्रासंगिक और लोकप्रिय

उम्र के इस पड़ाव पर भी उदित नारायण की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। वे देश-विदेश में लाइव कॉन्सर्ट करते हैं और लोग आज भी उनके गानों पर दिल से झूम उठते हैं। नई पीढ़ी भी उनके गानों को सुनकर बड़ी हुई है, इसलिए उनका संगीत हर उम्र के लिए प्रिय है। उदित नारायण का सफर मेहनत, संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ से प्रेम, दर्द, खुशी और भावनाओं को ऐसे पिरोया है कि हर गीत अमर हो गया। उनका जन्मदिन न सिर्फ एक कलाकार का जश्न है, बल्कि उस संगीत का उत्सव भी है जो हमारी यादों, हमारी कहानियों और हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।

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