Gandhi Maidan Patna: क्या है गांधी मैदान पटना की खासियत? पढ़ें वो ऐतिहासिक घटनाएं जो बनाती हैं इसे खास
Gandhi Maidan Patna, पटना का गांधी मैदान सिर्फ एक मैदान नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक धड़कन है।
Gandhi Maidan Patna : गांधी मैदान, पटना का राजनीतिक और ऐतिहासिक केंद्र, जानें इससे जुड़ी बड़ी घटनाएं
Gandhi Maidan Patna, पटना का गांधी मैदान सिर्फ एक मैदान नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक धड़कन है। आज जिस मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, वही मैदान सदियों से बड़े आंदोलनों, रैलियों, राष्ट्रीय कार्यक्रमों और ऐतिहासिक पलों का साक्षी रहा है। यह जगह बिहार की पहचान बन चुकी है और इसकी महत्ता पूरे देश में जानी जाती है। गांधी मैदान एक ऐसा स्थान है जो आज भी इतिहास और वर्तमान दोनों को एक साथ जोड़ता है। आइए जानें, इस मैदान की खासियत और इससे जुड़ी कुछ प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में।
गांधी मैदान की खासियत क्या है?
1. पटना का सबसे बड़ा ओपन ग्राउंड
गांधी मैदान लगभग 62 एकड़ में फैला हुआ है। यह बिहार का सबसे बड़ा सार्वजनिक मैदान है जहाँ लाखों लोग एक साथ इकट्ठा हो सकते हैं। किसी भी बड़े आयोजन के लिए यह सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती है।
2. राजनीतिक केंद्र (Political Hub of Bihar)
बिहार की लगभग हर बड़ी राजनीतिक रैली, रजिस्ट्रेशन मीटिंग या शपथ ग्रहण कार्यक्रम का केंद्र गांधी मैदान रहा है।
इसे बिहार की राजनीतिक राजधानी का प्रतीक भी कहा जाता है।
3. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जान
दशहरा, सरस्वती पूजा, पुस्तक मेला, उद्योग मेला, खेल प्रतियोगिता—हर बड़े कार्यक्रम की मेजबानी यह मैदान करता है। पटना का वार्षिक दशहरा समारोह तो पूरे देश में प्रसिद्ध है।
4. गांधी जी की याद में निर्मित
स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस मैदान का नाम गांधी जी के सम्मान में बदला गया। पहले इसका नाम बैंकिपुर मैदान था।
5. शहर के बीचों-बीच स्थित
पटना के हृदय में स्थित होने के कारण यहाँ तक पहुंचना बेहद आसान है। आसपास बड़े होटल, सचिवालय, हाईकोर्ट, स्टेशन, बस स्टैंड आदि होने से यह लगातार सक्रिय और उपयोगी रहता है।
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गांधी मैदान का इतिहास
गांधी मैदान का इतिहास बहुत पुराना है। इसका निर्माण ब्रिटिश शासन के समय हुआ था, लेकिन असली पहचान इसे आजादी के आंदोलन के दौरान मिली।
1. स्वतंत्रता आंदोलन का गवाह
महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसी कई महान हस्तियों ने यहाँ से लोगों को संबोधित किया।
यह वही मैदान है जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हजारों लोग एकत्र होकर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज़ उठाया करते थे।
2. गांधी जी का संबोधन
महात्मा गांधी ने 1920 और 1947 के बीच कई बार यहाँ से जनता को संबोधित किया।
यह मैदान गांधीवादी विचारों का प्रसार करने का बड़ा मंच रहा है।
3. जयप्रकाश नारायण और “संपूर्ण क्रांति”
1974 में जेपी आंदोलन के दौरान यह मैदान ऐतिहासिक केंद्र बना।
यहीं से जयप्रकाश नारायण ने “संपूर्ण क्रांति” का नारा दिया था, जिसने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी।
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गांधी मैदान से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं
1. 1934 का भूकंप
1934 में बिहार में आए भीषण भूकंप का असर इस मैदान पर भी दिखा। उस समय यह राहत सामग्री और चिकित्सा सेवाओं के वितरण का बड़ा केंद्र था।
2. 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन
“Quit India Movement” की तैयारी और जनता को संगठित करने के कई कार्यक्रम यहीं से हुए।
3. 1974 का जेपी आंदोलन
इस आंदोलन ने तत्कालीन सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरे देश में क्रांति की लहर फैलाई।
गांधी मैदान इस ऐतिहासिक क्षण का केंद्र था।
4. 2014 का सीरियल ब्लास्ट
कोई भी बड़ा स्थल तरह-तरह की चुनौतियों का सामना करता है। 2014 में गांधी मैदान में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुए धमाकों ने पूरे देश को हिला दिया था। इसके बाद यहाँ सुरक्षा व्यवस्था और सख़्त कर दी गई।
5. दशहरा महोत्सव
हर साल यहां लगने वाला दशहरा मेला बिहार की सांस्कृतिक पहचान है। रावण दहन को देखने लाखों लोग जमा होते हैं।
गांधी मैदान का आज का महत्व
1. शपथ ग्रहण समारोह का मुख्य स्थल
आज का शपथ ग्रहण समारोह इसलिए भी खास है क्योंकि गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम को पूरे देश का ध्यान मिलता है।
यह मैदान जनता और सरकार के बीच एक विश्वास का पुल बनकर खड़ा रहता है।
2. प्रशासनिक और राजनीतिक महत्व
राजनीतिक पार्टियाँ अपने बड़े कार्यक्रम यहीं आयोजित करती हैं। क्योंकि यहाँ क्षमता, स्थान और सुरक्षा तीनों उपलब्ध हैं।
3. जनता की आवाज़ का प्रतीक
विरोध प्रदर्शन, जनसभा, जनजागरण—गांधी मैदान वर्षों से लोगों की आवाज़ का मंच रहा है।
गांधी मैदान क्यों है इतना खास?
- यह बिहार की ऐतिहासिक धरोहर है।
- यह राजनीतिक बदलावों का जन्मस्थान रहा है।
- यह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र है।
- यह सुरक्षित और विशाल सार्वजनिक जगह के रूप में जाना जाता है।
- इसकी जमीन पर ऐतिहासिक वक्ताओं की आवाज़ें अब भी गूंजती महसूस होती हैं।
गांधी मैदान पटना सिर्फ एक मैदान नहीं, बल्कि बिहार के इतिहास, संस्कृति और राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज शपथ ग्रहण समारोह यहाँ आयोजित होकर इस बात का संकेत देता है कि यह मैदान आज भी सार्वजनिक जीवन में उतना ही महत्व रखता है जितना पहले रखता था।
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