World Soil Day: विश्व मृदा दिवस 2025 पर जानिए, मिट्टी बचाने के आसान उपाय और महत्व
World Soil Day, हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया में किसानों, वैज्ञानिकों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए बेहद खास होता है,
World Soil Day : विश्व मृदा दिवस 2025, धरती की जान बचाने का संकल्प
World Soil Day, हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया में किसानों, वैज्ञानिकों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि यह हमें हमारी धरती की आत्मा “मिट्टी” के महत्व की याद दिलाता है। मिट्टी न केवल हमारे भोजन की जड़ है, बल्कि जीवन का आधार भी है। इसी मिट्टी से फसलें उगती हैं, पेड़-पौधे पनपते हैं और पर्यावरण का संतुलन बना रहता है।
विश्व मृदा दिवस का इतिहास
विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाने का विचार थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज़ के प्रयासों से आया था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कृषि और मृदा संरक्षण पर कई कार्य किए थे। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने उनकी पहल को आगे बढ़ाते हुए 2013 में आधिकारिक रूप से 5 दिसंबर को “विश्व मृदा दिवस” घोषित किया, जो राजा भूमिबोल का जन्मदिन भी है। पहली बार यह दिवस 2014 में पूरे विश्व में मनाया गया था। तब से हर साल इस दिन का एक नया थीम तय किया जाता है, ताकि मिट्टी के संरक्षण के अलग-अलग पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके।
मृदा (Soil) का महत्व
मिट्टी केवल धूल और रेत का ढेर नहीं है, बल्कि यह जीवन का भंडार है।
- मिट्टी में जैविक तत्व, खनिज और सूक्ष्मजीव होते हैं जो फसलों को पोषण देते हैं।
- यह पानी को सोखने और संरक्षित करने में मदद करती है।
- मिट्टी के बिना न तो खेती संभव है और न ही प्राकृतिक वनस्पतियां टिक सकती हैं।
- पृथ्वी के 95% खाद्य पदार्थ मिट्टी से ही प्राप्त होते हैं।
यानी मिट्टी ही वह मौन नायक है जो मानव जीवन को पोषण देती है।
मृदा प्रदूषण और ह्रास की समस्या
आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है मिट्टी का क्षरण (Soil Degradation)। विश्वभर में लगभग 33% उपजाऊ भूमि प्रदूषण, रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण बंजर हो चुकी है।
मिट्टी क्षरण के मुख्य कारण हैं:
- अत्यधिक रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग
- वनों की अंधाधुंध कटाई और मृदा अपरदन
- जल प्रदूषण और औद्योगिक अपशिष्ट का फैलाव
- असंतुलित खेती और सिंचाई प्रणाली
- जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक वर्षा या सूखा
यदि मृदा ह्रास पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाले समय में भोजन संकट बढ़ सकता है और जैव विविधता पर भी खतरा मंडराएगा।
विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है — लोगों में मिट्टी संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना।
- यह बताना कि स्वस्थ मिट्टी का मतलब है स्वस्थ भोजन और स्वस्थ जीवन।
- किसानों को सतत खेती (Sustainable Farming) के तरीकों के प्रति शिक्षित करना।
- सरकारों और संस्थाओं को मृदा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित करना।
इस दिन दुनिया भर में सेमिनार, वर्कशॉप, स्कूल प्रोजेक्ट, कृषि प्रदर्शनियां और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि लोग मिट्टी की अहमियत समझ सकें।
मिट्टी को बचाने के उपाय
मिट्टी को संरक्षित करना कठिन नहीं है, बस हमें अपनी आदतों में कुछ बदलाव करने होंगे:
- जैविक खेती को अपनाएं:
रासायनिक खाद की जगह गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उर्वरक इस्तेमाल करें। - पेड़ लगाएं और वनों को बचाएं:
वृक्षारोपण से मिट्टी का कटाव कम होता है और इसकी उर्वरता बनी रहती है। - फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाएं:
एक ही भूमि पर अलग-अलग फसलें उगाने से मिट्टी के पोषक तत्व संतुलित रहते हैं। - पानी का समझदारी से उपयोग करें:
अत्यधिक सिंचाई मिट्टी को सख्त और क्षारीय बना देती है। ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करें। - औद्योगिक अपशिष्टों को मिट्टी में न फेंकें:
इससे मिट्टी में विषैले पदार्थ घुल जाते हैं, जो फसलों और जलस्रोतों दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं।
भारत में मृदा संरक्षण के प्रयास
भारत सरकार ने मृदा संरक्षण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme): किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी देकर सही उर्वरक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: जल प्रबंधन के जरिए मृदा क्षरण को कम करने की दिशा में कदम।
- जैविक खेती मिशन और प्राकृतिक कृषि अभियान: किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करना।
इन योजनाओं से न केवल मिट्टी की सेहत सुधर रही है बल्कि किसानों की आय भी बढ़ रही है।
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2025 का थीम (Theme 2025)
विश्व मृदा दिवस 2025 का थीम अभी संयुक्त राष्ट्र (FAO) द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित किया जाना बाकी है,
लेकिन हर साल की तरह इसका फोकस मिट्टी के स्वास्थ्य और स्थायित्व पर रहेगा।
पिछले वर्षों के थीम जैसे —
- “Soil and Water: A Source of Life” (मिट्टी और पानी: जीवन का स्रोत)
- “Be the Solution to Soil Pollution” (मिट्टी प्रदूषण का समाधान बनें)
लोगों को मिट्टी संरक्षण के लिए प्रेरित करते आए हैं। मिट्टी ही वह आधार है जिस पर मानव सभ्यता खड़ी है। अगर मिट्टी अस्वस्थ है, तो हमारी फसलें, हमारा भोजन और अंततः हमारा जीवन भी अस्वस्थ होगा। विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) हमें यह याद दिलाता है कि धरती मां की इस कीमती परत की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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