Rewear Movement: पुराने कपड़ों में नया अंदाज़, रीवियर मूवमेंट ने बदली फैशन की सोच
Rewear Movement, आज की बदलती फैशन दुनिया में एक नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है “Rewear Movement” यानी पुराने कपड़ों को नए अंदाज़ में पहनना।
Rewear Movement : रीवियर ट्रेंड से सीखें कैसे पुराना फैशन बन सकता है नया ट्रेंड
Rewear Movement, आज की बदलती फैशन दुनिया में एक नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है “Rewear Movement” यानी पुराने कपड़ों को नए अंदाज़ में पहनना। कभी जिसे लोग “पुराने कपड़े दोबारा पहनने” के रूप में साधारण मानते थे, आज वही सोच “सस्टेनेबल फैशन” के रूप में दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर है बल्कि हमारे व्यक्तिगत स्टाइल को भी नया आयाम देता है।
क्या है ‘रीवियर मूवमेंट’?
Rewear Movement एक ऐसी पहल है जो लोगों को अपने पुराने कपड़े दोबारा पहनने और उन्हें नए तरीकों से स्टाइल करने के लिए प्रेरित करती है।
इसका मुख्य उद्देश्य है —
- कपड़ों की बर्बादी को कम करना
- पर्यावरण को सुरक्षित रखना
- और फैशन को सस्टेनेबल बनाना
इस मूवमेंट के तहत लोग पुराने कपड़ों को रिपर्पज़, रीडिज़ाइन या रीमिक्स करके नए लुक में पेश करते हैं। यही वजह है कि अब “रीवियर” शब्द फैशन इंडस्ट्री में गर्व का प्रतीक बन चुका है।
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फैशन में सस्टेनेबिलिटी की बढ़ती जरूरत
आज दुनिया में फास्ट फैशन की वजह से कपड़ों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। हर साल करोड़ों टन कपड़े कचरे में बदल जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर भारी असर पड़ता है। रीवियर मूवमेंट इस समस्या का समाधान बनकर उभरा है। यह लोगों को सिखाता है कि कपड़े सिर्फ ट्रेंड के लिए नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म यूज़ और क्रिएटिविटी के लिए भी पहने जा सकते हैं।
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पर्यावरण को राहत देने वाला ट्रेंड
क्या आप जानते हैं?
- एक कॉटन टी-शर्ट बनाने में लगभग 2700 लीटर पानी लगता है।
- वहीं डेनिम जींस के लिए लगभग 10,000 लीटर पानी खर्च होता है।
ऐसे में जब हम पुराने कपड़ों को दोबारा पहनते हैं, तो न सिर्फ पानी की बचत होती है, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट भी घटता है।
यही कारण है कि रीवियर मूवमेंट को ग्रीन फैशन रिवॉल्यूशन कहा जा रहा है।
पुराने कपड़ों को नए अंदाज़ में पहनने के आइडिया
रीवियर मूवमेंट की खूबसूरती इसकी क्रिएटिविटी में है। यहां कुछ शानदार आइडिया हैं जिनसे आप अपने पुराने कपड़ों को नया लुक दे सकते हैं —
- मिक्स एंड मैच करें:
अपनी पुरानी शर्ट को नई जींस या स्कर्ट के साथ मिलाएं। कलर कॉन्ट्रास्ट और पैटर्न के साथ प्रयोग करें। - अपसाइक्लिंग (Upcycling):
पुराने कपड़ों से नए डिज़ाइन बनाएं — जैसे जींस से बैग, शर्ट से कुशन कवर या कुर्ते से जैकेट। - लेयरिंग ट्रिक:
एक पुरानी ड्रेस के ऊपर जैकेट या दुपट्टा डालकर बिल्कुल नया स्टाइल क्रिएट करें। - DIY कस्टमाइज़ेशन:
पेंटिंग, एम्ब्रॉयडरी या पैचवर्क से कपड़ों को पर्सनल टच दें। इससे वो बिल्कुल यूनिक लगेंगे। - विंटेज फैशन अपनाएं:
80s या 90s के क्लासिक कपड़ों को आज के मॉडर्न एक्सेसरीज़ के साथ मिक्स करें।
सेलेब्रिटीज़ और इन्फ्लुएंसर्स की पसंद
रीवियर मूवमेंट सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं है। कई सेलेब्रिटीज़ और फैशन इंफ्लुएंसर्स भी इस ट्रेंड को खुले दिल से अपना रहे हैं।
जैसे —
- रीता ओरा, केट मिडलटन, और दीया मिर्जा जैसी हस्तियां कई बार अपने पुराने आउटफिट्स को नए अंदाज़ में री-स्टाइल करती दिखी हैं।
- सोशल मीडिया पर #RewearChallenge और #SustainableFashion जैसे हैशटैग्स लाखों बार इस्तेमाल हो चुके हैं।
कपड़ों से जुड़ी यादों को सहेजने का तरीका
हर कपड़ा एक कहानी कहता है चाहे वो कॉलेज की ड्रेस हो या किसी खास मौके पर पहना आउटफिट।
रीवियर मूवमेंट उन यादों को फिर से जीने का मौका देता है। जब हम पुराने कपड़ों को दोबारा पहनते हैं, तो हम सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं को भी दोबारा महसूस करते हैं।
छोटे कदम, बड़ा बदलाव
अगर आप भी इस मूवमेंट का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो शुरुआत करें छोटे कदमों से:
- शॉपिंग से पहले सोचें कि क्या सच में नया कपड़ा जरूरी है?
- कपड़ों की देखभाल ठीक से करें ताकि वे लंबे समय तक चलें।
- जरूरत न होने पर कपड़े दान करें या अपसाइक्ल करें।
- स्थानीय टेलर या डिजाइनर से कपड़े रिपेयर करवाएं।
Rewear Movement सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि फैशन सोच का परिवर्तन है। यह हमें याद दिलाता है कि स्टाइल हमेशा “नए कपड़ों” से नहीं, बल्कि नई सोच से बनता है। जब हम पुराने कपड़ों को गर्व से दोबारा पहनते हैं, तो हम फैशन के साथ-साथ पृथ्वी के भविष्य की भी रक्षा करते हैं।
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