Dhanteras Shubh Muhurat: धनतेरस कब है 2025 में? जानिए पूजा और शॉपिंग का शुभ मुहूर्त
Dhanteras Shubh Muhurat, दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है। यह दिन न केवल घर में लक्ष्मी और कुबेर जी का स्वागत करने का अवसर है,
Dhanteras Shubh Muhurat : धनतेरस 2025 पर कब करें पूजा और खरीदारी? जानें शुभ चौघड़िया और मुहूर्त
Dhanteras Shubh Muhurat, दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है। यह दिन न केवल घर में लक्ष्मी और कुबेर जी का स्वागत करने का अवसर है, बल्कि धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना का प्रतीक भी है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। साथ ही, परंपरा के अनुसार सोना, चांदी, बर्तन, वाहन या नई वस्तुएं खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं धनतेरस 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त, खरीदारी का समय और पूजा विधि विस्तार से।
धनतेरस 2025 की तिथि
पंचांग के अनुसार, धनतेरस का त्योहार अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
साल 2025 में धनतेरस की तिथि इस प्रकार होगी —
- तारीख: गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 16 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:45 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1:10 बजे
इस प्रकार पूजन और खरीदारी का सबसे शुभ समय 16 अक्टूबर की शाम को रहेगा, जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष काल एक साथ होंगे।
धनतेरस 2025 पूजन का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर पूजन का सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल में होता है, जब सूर्यास्त के बाद त्रयोदशी तिथि चल रही होती है।
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2025:
- शुभ पूजन समय: शाम 6:55 बजे से रात 8:20 बजे तक
- अवधि: लगभग 1 घंटा 25 मिनट
- प्रदोष काल: शाम 6:30 बजे से रात 8:30 बजे तक
- लाभ और अमृत चौघड़िया: दोपहर 12:10 बजे से 3:20 बजे तक
- संध्या चौघड़िया (शुभ खरीदारी के लिए): शाम 6:30 बजे से रात 8:10 बजे तक
इन समयों में किया गया पूजन और खरीदारी अत्यंत शुभ फल देने वाला माना जाता है।
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है?
धनतेरस को धन-संपत्ति में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन की गई खरीदारी को मां लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक समझा जाता है। आइए जानते हैं इस दिन किन वस्तुओं की खरीद शुभ मानी जाती है:
1. सोना और चांदी
- धनतेरस पर सोने या चांदी के आभूषण, सिक्के या बर्तन खरीदना बेहद शुभ होता है।
- माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई कीमती धातुएं घर में धन-समृद्धि और स्थायी संपत्ति का प्रतीक बनती हैं।
2. बर्तन और धातु
- तांबे, चांदी या पीतल के बर्तन खरीदना भी मंगलकारी होता है।
- परंपरा के अनुसार, बर्तन खरीदते समय उनमें कोई खाद्य वस्तु डालना शुभ माना जाता है।
3. धन्वंतरि से जुड़ी वस्तुएं
- इस दिन भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या उनकी तस्वीर खरीदना और घर में स्थापित करना भी शुभ माना जाता है।
- इससे परिवार में स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक संतुलन बना रहता है।
4. इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन
- आधुनिक समय में लोग धनतेरस पर नई गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और घर की मशीनरी खरीदना भी शुभ मानते हैं।
- इसे भविष्य की उन्नति और सुविधाओं का प्रतीक माना जाता है।
5. शेयर मार्केट या डिजिटल गोल्ड
- आज के समय में लोग धनतेरस को वित्तीय निवेश के लिए भी शुभ मानते हैं।
- शेयर, म्यूचुअल फंड या डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से दीर्घकालिक लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
धनतेरस पूजन विधि
धनतेरस की पूजा विशेष रूप से मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव के लिए की जाती है। पूजा की प्रक्रिया इस प्रकार है —
- घर की सफाई करें और पूजा स्थल को फूलों और दीपों से सजाएं।
- उत्तर दिशा की ओर मुख करके भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएं और उसमें चार बत्तियां लगाएं।
- पूजा में धान, मूंग, हल्दी, सुपारी, पान, चावल और फूल का उपयोग करें।
- मां लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें और श्री सूक्त या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
- भगवान धन्वंतरि से अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।
- अंत में कुबेर जी को प्रसाद अर्पित करें और धन की वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
धनतेरस के विशेष उपाय
- मुख्य द्वार पर दीया जलाएं: माना जाता है कि घर के प्रवेश द्वार पर दीप जलाने से लक्ष्मी का आगमन होता है।
- गुलाबी या पीले कपड़े पहनें: ये रंग धन आकर्षित करने वाले माने जाते हैं।
- सात अनाज का दान करें: यह पापों का नाश और सौभाग्य की प्राप्ति का प्रतीक है।
- नए बर्तन में जल भरकर रखें: यह सुख-समृद्धि और जल तत्व की शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस से जुड़ी पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिमा के पुत्र की मृत्यु सर्पदंश से तय थी। उनकी पत्नी ने धनतेरस की रात दीपक जलाकर द्वार पर सोने-चांदी के गहने और बर्तन रख दिए। जब यमराज सर्प के रूप में आए, तो उनकी आंखें उस तेज प्रकाश से चौंधिया गईं और वे अंदर प्रवेश नहीं कर सके। इस तरह राजा के पुत्र की जान बच गई।
तभी से धनतेरस की रात दीप जलाने और सोना-चांदी खरीदने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी शुभ मानी जाती है।
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धनतेरस का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनतेरस के दिन चंद्रमा और बृहस्पति की स्थिति धन वृद्धि के लिए अत्यंत अनुकूल होती है। चंद्रमा मन को स्थिर करता है, जबकि बृहस्पति ज्ञान और समृद्धि का कारक है। इसलिए इस दिन किए गए वित्तीय निर्णय और खरीदारी को दीर्घकालिक सफलता और लाभदायक परिणाम देने वाला माना जाता है। धनतेरस 2025 न केवल दीपावली की शुरुआत है, बल्कि धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का शुभ संकेत भी है। इस दिन का हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। यदि आप सही मुहूर्त में पूजा करें और समझदारी से निवेश करें, तो यह दिन आपके जीवन में अक्षय सौभाग्य, धन और सफलता लेकर आएगा। इसलिए इस धनतेरस, 16 अक्टूबर 2025 को, शुभ समय में मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें और खरीदारी का शुभारंभ करें, ताकि आपके घर में धन, स्वास्थ्य और खुशहाली सदा बनी रहे।
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