Gandhi Jayanti 2025: जानिए महात्मा गांधी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, ऐसे मिला था महात्मा और राष्ट्रपिता का दर्जा
महात्मा गांधी एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें देश का राष्ट्रपिता भी माना जाता था।
Gandhi Jayanti 2025: जानें गांधी जी का शुरुआती जीवन और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका के बारे में…
Gandhi Jayanti 2025: भारत को आजादी दिलाने में कई वीरों ने अपने प्राणों की बलि दी, जिनमें महात्मा गांधी का नाम प्रमुख है। वे स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे और उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। आज हम जिस आज़ादी का अनुभव कर रहे हैं, वह इन्हीं महान नेताओं की देन है। हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में बापू को याद किया जाता है। इस दिन, भारत के विभिन्न हिस्सों में खास तरीके से समारोह आयोजित होते हैं।

गांधी जी का शुरुआती जीवन
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी की शुरुआती शिक्षा पोरबंदर और राजकोट में हुई। गांधी जी ने इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई की और वकालत शुरू की। बाद में वे दक्षिण अफ्रीका गए, जहाँ उन्होंने नस्लभेद के खिलाफ आवाज़ उठाई और सत्याग्रह की नींव रखी।
दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी की भारत वापसी
9 जनवरी 1915 को गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे। तब उनकी उम्र करीब 46 वर्ष थी। इसलिए 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। भारत लौटकर गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े। गोपाल कृष्ण गोखले के मार्गदर्शन में एक साल तक देश की यात्रा की। यहां की परिस्थितियां समझीं। उसके बाद लोकमान्य तिलक, गोखले व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नेताओं के साथ मिलकर आंदोलन शुरू किए।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका
1915 में गांधीजी स्थायी रूप से भारत लौट आए और गोपाल कृष्ण गोखले को अपना गुरु बनाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। गांधीजी की पहली बड़ी उपलब्धि 1918 में बिहार और गुजरात के चंपारण और खेड़ा आंदोलन का नेतृत्व करते हुए मिली। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वराज और भारत छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में पोरबंदर, गुजरात में हुआ था।
गांधी जी ने लंदन में वकालत की पढ़ाई की थी और साउथ अफ्रीका से अपना करियर शुरू किया था।
साउथ अफ्रीका में गांधी जी ने नस्लीय अन्याय के खिलाफ अभियान चलाया था। वे सत्याग्रह और अहिंसक प्रतिरोध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।
गांधी जी ने भारत में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ कई अभियान चलाए थे जिनमें असहयोग आंदोलन, खिलाफत आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन शामिल थे।
गांधी जी अंहिसा परमो धर्म के सिद्धांत को मानते थे और इसीलिए गांधी जयंती के दिन को अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस घोषित किया गया है।

ऐसे मिला महात्मा और राष्ट्रपिता का दर्जा
नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने उनको महात्मा की उपाधि प्रदान की थी उसके बाद उन्हें महात्मा के नाम जाने लगा। इसके बाद 4 जून 1944 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से अपने एक संदेश में महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता‘ कहकर संबोधित किया था जिसके बाद उनको इसी नाम से देश भर में संबोधित किया जाने लगा।
गांधी जयंती का महत्व
महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर उनकी उपलब्धियों को उजागर करने के साथ ही उनके आदर्शों को बनाए रखने का संकल्प लिया जाता है। खासतौर से पीढ़ी दर पीढ़ी गांधी जी के शांति और अहिंसा के सिद्धांत से बच्चों का परिचय करने की कोशिश की जाती है और बच्चों को ये गुण सिखाए जाते हैं।
महात्मा गांधी कि मृत्यु
मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने कर दी थी। गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी और हिंदू महासभा का सदस्य था। उसने गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया था और अहिंसा के सिद्धांत का विरोधी था।
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