Patharchatta plant: कई बीमारियों की शक्तिशाली औषधि, पत्थरचट्टा प्लांट के 5 अद्भुत फायदे
Patharchatta plant, प्राकृतिक उपचार या आयुर्वेदिक चिकित्सा आज के समय में फिर से लोकप्रिय हो रही है। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते प्रदूषण,
Patharchatta plant : 5 जबरदस्त फायदे, आज ही करें इसका इस्तेमाल
Patharchatta plant, प्राकृतिक उपचार या आयुर्वेदिक चिकित्सा आज के समय में फिर से लोकप्रिय हो रही है। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते प्रदूषण, तनाव और असंतुलित खान-पान ने कई तरह की बीमारियों को जन्म दिया है। ऐसे में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों की तरफ लोग वापस लौट रहे हैं। ऐसी ही एक अद्भुत औषधीय पौधा है – पत्थरचट्टा (Patharchatta plant)। यह पौधा आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके औषधीय गुण सदियों से उपयोग किए जा रहे हैं। पत्थरचट्टा का वैज्ञानिक नाम Coleus forskohlii है। यह पौधा मुख्य रूप से भारत के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। पत्थरचट्टा का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में ह्रदय स्वास्थ्य, पाचन क्रिया में सुधार, तनाव कम करने और अन्य कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। आइए, जानते हैं पत्थरचट्टा के 5 प्रमुख फायदे।
1. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
पत्थरचट्टा पौधा ह्रदय से जुड़ी कई समस्याओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। पत्थरचट्टा में उपस्थित सक्रिय तत्व फोर्स्कोलिन (Forskolin) ह्रदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। इसके नियमित सेवन से हृदय गति (Heart Rate) नियंत्रित रहती है और रक्तचाप सामान्य स्तर पर बना रहता है।
2. पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए
आजकल गलत खानपान और तनाव के चलते पाचन से जुड़ी कई समस्याएँ जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच लोगों को परेशान करती हैं। पत्थरचट्टा का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करता है। इसमें उपस्थित गुण पेट में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। इसके अलावा यह पेट की सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को पाचन शक्ति बढ़ाने वाला औषधि माना जाता है।
3. वजन कम करने में सहायक
पत्थरचट्टा पौधे का एक प्रमुख गुण है वजन कम करने में मदद करना। फोर्स्कोलिन तत्व शरीर में फैट मेटाबोलिज्म (Fat Metabolism) को बढ़ाता है, जिससे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी तेजी से घटती है। इसके नियमित सेवन से भूख पर नियंत्रण बना रहता है और शरीर का चयापचय (Metabolism) बेहतर होता है। इसलिए पत्थरचट्टा को वेट लॉस के लिए भी उपयोग किया जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
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4. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
आज के तनावपूर्ण जीवन में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पत्थरचट्टा का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में भी किया जाता है। यह पौधा तनाव, चिंता और मानसिक अवसाद (Depression) को कम करने में मदद करता है। पत्थरचट्टा में पाए जाने वाले तत्व मानसिक शांति प्रदान करते हैं और मन को संतुलित बनाए रखते हैं। इसके नियमित उपयोग से नींद की समस्या दूर होती है और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
5. त्वचा और त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद
पत्थरचट्टा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में उपयोगी हैं। यह त्वचा पर होने वाले फोड़े-फुंसी, जलन, खुजली और एक्जिमा जैसी समस्याओं में राहत देता है। पत्थरचट्टा के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से त्वचा में आराम मिलता है और संक्रमण दूर होता है। इसके साथ ही यह त्वचा को मॉइस्चराइज्ड रखने में भी मदद करता है।
पत्थरचट्टा का सेवन कैसे करें?
पत्थरचट्टा का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। इसका चूर्ण (Powder), पत्ती (Leaves), और अर्क (Extract) के रूप में सेवन किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार आवश्यक मात्रा में उपयोग करना चाहिए। आमतौर पर पत्थरचट्टा की कैप्सूल फॉर्म भी बाजार में उपलब्ध होती है। इसके अलावा पत्थरचट्टा की चाय बनाकर भी सेवन किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन ध्यान दें – पत्थरचट्टा का सेवन बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में लेने पर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे मतली, दस्त या अत्यधिक कमजोरी। खास तौर पर गर्भवती महिलाएं और बच्चे इसे बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। पत्थरचट्टा एक प्राकृतिक औषधि है, जो हमारी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है। यह न केवल ह्रदय स्वास्थ्य, पाचन, वजन नियंत्रण, मानसिक शांति और त्वचा की समस्याओं के लिए उपयोगी है, बल्कि यह आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
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