Sawan 2024: सावन में क्यों लगाई जाती है मेहंदी? क्या है झूला झूलने की परंपरा, श्री कृष्ण और राधा रानी ने की थी शुरूआत
Sawan 2024: सावन के महीने में श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है, जिसमें सबसे खास बात है हाथों को मेहंदी से सजाना। इसी तरह सावन महीने में झूलों का भी विशेष महत्व होता है।
Sawan 2024: सावन के महीने में मेहंदी लगाना है शुभ, माता पार्वती और देवों के देव महादेव का मिलता है आशीर्वाद
सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। उनके लिए व्रत रखा जाता है। कुंवारी से लेकर विवाहित महिलाएं सावन सोमवार का व्रत रखती हैं। जहां विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर मांगती हैं। सावन के महीने में श्रृंगार का भी विशेष महत्व होता है। Sawan 2024 श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है, जिसमें सबसे खास बात है हाथों को मेहंदी से सजाना। इसी तरह सावन महीने में झूलों का भी विशेष महत्व होता है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि आप सावन में मेहंदी लगाने और झूला झूलने का क्या महत्व है। तो आइए जानते हैं विस्तार से-
हिंदू कैलेंडर में पांचवां महीना, सावन का महीना होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत खास और पवित्र माना जाता है। सावन का महीना, न केवल वर्षा ऋतु के आगमन को दर्शाता है, बल्कि यह भक्ति, आध्यात्मिकता और उत्सवों का महीना भी होता है। श्रावण मास से ही हिंदुओं के विभिन्न त्योहार शुरू हो जाते हैं और चारों तरफ भक्ति का माहौल हो जाता है। सावन का महीना जहां भक्ति और उत्सव के लिए जाना जाता है, वहीं यह महीना अपनी हरियाली, ठंडी हवाओं और झीलों में खिलते कमल के फूलों के लिए भी जाना जाता है। Sawan 2024 इस महीने में प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम स्तर पर होता है। सावन के महीने में कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने हाथों में मेहंदी लगाने ओर पेड़ों पर झूले डालने की भी परंपरा है। इस महीने विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार भी करती हैं।
मेहंदी लगाना है शुभ Sawan 2024
हिंदू धर्म में सावन माह में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। सावन महीन में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस समय विवाहित महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। मान्यता है कि मेहंदी लगाने से दंपत्ति के बीच रिश्ता मजबूत होता है और प्रेम बढ़ता है। कहा जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी होती है, उतना ही पति से अधिक प्रेम मिलता है। इसके अलावा मेहंदी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है। मेहंदी लगाने से गर्मी दूर होती है और शरीर को ठंडक मिलती है। मेहंदी से तनाव भी दूर होता है। इसके अलावा मेहंदी त्वचा और बालों को मुलायम और चमकदार भी बनाती है। माना जाता है कि मेहंदी लगाने से भगवान शिव और माता पार्वती खुश होते हैं और महिलाओं को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
क्या है सावन के झूलों का धार्मिक महत्व Sawan 2024
धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो सावन में झूला झूलने का विशेष महत्व बताया जाता है। सावन के महीने में देव स्थानों पर झूले डाले जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को झूला झुलाया था। तभी से यह परंपरा शुरू हुई। भगवान श्री कृष्ण की इस परंपरा को लोग लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। झूला झूलते समय भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को याद करते हुए गीत गाए जाते हैं।
सावन के झूलों की पौराणिक मान्यता Sawan 2024
इसके अलावा यह भी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती के लिए झूला डाला था और उन्हें अपने हाथों से झुलाया था, जिसके बाद देखा जाता है कि पति अपनी पत्नियों को झूला झुलाते हैं, ऐसा करने से आपस में प्रेम बढ़ता है और परिवार में खुशियां आती हैं। इसके अलावा सावन के मौके पर अगर आप भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश को झूले में झुलाते हैं तो आपको कई पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
We’re now on WhatsApp. Click to join
झूला झूलना पवित्रता का प्रतीक Sawan 2024
इस दौरान आप सावन के गीत भी गा सकते हैं, इससे आपके परिवार पर भगवान की कृपा बनी रहेगी। अगर धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो झूला झूलने की शुरुआत भगवान कृष्ण और राधा रानी से हुई थी। इसके बाद यह चलन में आया और लोग सावन के मौके पर झूला झूलने की प्रथा निभाते हैं। सावन महीने में झूला झूलना शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि झूला झूलना पवित्रता का भी प्रतीक माना जाता है। झूला झूलना मानसून ऋतु के आगमन का उत्सव भी माना जाता है।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com